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यमुनानगर। नियमों को ताक पर रखकर फीस व वार्षिक सहित अन्य शुल्क लेने को लेकर 58 स्कूलों की जांच के मामले में अभिभावक शिक्षामंत्री से मिले। अभिभावक सेवा मंच के बैनर तले लोग शिक्षामंत्री से मिलने पहुंचे। यहां अभिभावकों ने 58 निजी स्कूलों की जांच मामले में दोषी प्रबंधकों व संस्थान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र मित्तल ने किया। जिसमें राज्य अध्यक्ष संजय मित्तल, जिलाध्यक्ष विशाल गुप्ता, महिला प्रभारी व समन्वयक सुमन वाल्मीकि, जिला सचिव सुनील वैद्य, अतुल शर्मा शामिल रहे।
यहां मित्तल ने कहा कि शिक्षामंत्री से 58 स्कूलों से जांच उपरांत सभी दोषी स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की मांग रखी। शिक्षामंत्री ने कहा कि नियमों के विरुद्ध काम करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान मंत्री ने कहा कि सरकार शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए स्कूलों में निजी संस्थानों की तरह सुविधा दे रही है। जरूरतमंद अपने बच्चों को सरकारी स्कूल भेजें, वहां भी अंग्रेजी माध्यम की सुविधा दी जा रही है। यहां अभिभावकों ने शिक्षामंत्री को मांग व शिकायत संबंधी ज्ञापन सौंपा। शिक्षामंत्री ने कार्रवाई का आश्वासन देकर कहा कि अभिभावक केवल शिकायत ही नहीं स्कूलों के विकास संबंधी सुझाव भी लेकर उनके पास आए। उनके सुझावों पर अमल किया जाएगा।
यमुनानगर। नियमों को ताक पर रखकर फीस व वार्षिक सहित अन्य शुल्क लेने को लेकर 58 स्कूलों की जांच के मामले में अभिभावक शिक्षामंत्री से मिले। अभिभावक सेवा मंच के बैनर तले लोग शिक्षामंत्री से मिलने पहुंचे। यहां अभिभावकों ने 58 निजी स्कूलों की जांच मामले में दोषी प्रबंधकों व संस्थान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र मित्तल ने किया। जिसमें राज्य अध्यक्ष संजय मित्तल, जिलाध्यक्ष विशाल गुप्ता, महिला प्रभारी व समन्वयक सुमन वाल्मीकि, जिला सचिव सुनील वैद्य, अतुल शर्मा शामिल रहे।
यहां मित्तल ने कहा कि शिक्षामंत्री से 58 स्कूलों से जांच उपरांत सभी दोषी स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की मांग रखी। शिक्षामंत्री ने कहा कि नियमों के विरुद्ध काम करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान मंत्री ने कहा कि सरकार शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए स्कूलों में निजी संस्थानों की तरह सुविधा दे रही है। जरूरतमंद अपने बच्चों को सरकारी स्कूल भेजें, वहां भी अंग्रेजी माध्यम की सुविधा दी जा रही है। यहां अभिभावकों ने शिक्षामंत्री को मांग व शिकायत संबंधी ज्ञापन सौंपा। शिक्षामंत्री ने कार्रवाई का आश्वासन देकर कहा कि अभिभावक केवल शिकायत ही नहीं स्कूलों के विकास संबंधी सुझाव भी लेकर उनके पास आए। उनके सुझावों पर अमल किया जाएगा।
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