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5 साल में चार गुना बढ़ा मोटापे की दवा का बाजार, भारत में 2030 तक बढ़ सकती है इतनी कीमत Health Updates

5 साल में चार गुना बढ़ा मोटापे की दवा का बाजार, भारत में 2030 तक बढ़ सकती है इतनी कीमत Health Updates

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Obesity Drugs in India : दुनियाभर में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है. 100 करोड़ से ज्यादा लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं. यह संख्या बढ़ती ही जा रही है. भारत में भी मोटापा (Obesity) एक गंभीर समस्या है. इससे छुटकारा पाने के लिए लोग तमाम तरह के उपाय अपनाते हैं. आजकल तो मोटापा घटाने की दवा का भी ट्रेंड तेजी से चल रहा है. यही कारण है कि पिछले पांच साल में देश में मोटापे की दवा का बाजार चार गुना तक बढ़ गया है, जो 2030 तक सालाना 46% बढ़कर 22,800 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है.

मोटापा घटाने वाली दवा

ओजैम्पिक, मौन्जारो, वेगोयी जैसे वेट लॉस ड्रग विदेशी बाजारों में भी तेजी से पॉपुलर हो रहा है. हालांकि, ग्लोबल सप्लाई के चलते इन दवाईयों के कम फॉर्मूलेशन भारत में उपलब्ध नहीं हैं लेकिन देश के ग्रे मार्केट में इनके इंपोर्टेड होल पैक और ऑप्शनल ड्रग्स की सेल्स खूब हो रही है. ऐसी दवाएं बनाने वाली कंपनियां भारत के बढ़ते मोटापे के मार्केट का फायदा उठाने के लिए यहां आने का प्लान बना रही हैं. 

ये दवा कंपनियां भारत आने की जुगाड़ में

इनमें अमेरिका की एलिलिली और डेनमार्क की नोवो नॉर्डिक्स प्रमुख है. एलिलिली 2025 में टेरजेपेटाइड (मौन्जारो) लॉन्च कर सकती है और नोवो नॉर्डिक्स 2026 तक भारत में सेमाग्लूटाइड लॉन्च कर सकती है. ये दवाएं मोटापे से लड़ने में असर दिखा रही हैं लेकिन पहले इन्हें टाइप-2 डायबिटीज के इलाज के लिए बनाया गया था. लेकिन अब ये वेट मैनेजमेंट ड्रग के तौर पर जानी जा रही हैं. 

एलन मस्क भी कर रहे गुणगान

मोटापे की दवा कैसे करती हैं काम

इनमें से ज्यादातर दवाएं इंजेक्शन के जरिए ली जाती हैं. इनका इस्तेमाल हफ्ते में एक दिन किया जाता है. राइबेल्सस नाम से बिकने वाली ओरल सेमाग्लूटाइल टैबेलेट की ओबेसिटी मार्केट में करीब 66% हिस्सेदारी है. इन विदेशी कंपनियों के लिए भारत में कई चुनौतियां हो सकती हैं. इस कैटेगरी की ज्यादातर दवाएं आम भारतीयों की खरीद क्षमता से बाहर हैं. इनका एक इंजेक्शन ही 10-15 हजार रुपए में आता है.

भारत में मोटापे की दवा का बाजार

गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक मोटापे की दवा का बाजार 13,000 करोड़ डॉलर मतलब 11.3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा पहुंच सकता है. भारत का ओबेसिटी मार्केट 5 साल में चार गुना पहले ही बढ़ चुका है, जो 2030 तक सालाना  46% बढ़कर 262 करोड़ डॉलर यानी 22,800 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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