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27 किस्म का शहद, 6 करोड़ रुपये टर्नओवर, मन की बात में जिक्र…कौन हैं सुभाष कंबोज, जिन्हें गणतंत्र दिवस मोदी सरकार ने गणतंत्र दिवस पर बुलाया Haryana News & Updates

27 किस्म का शहद, 6 करोड़ रुपये टर्नओवर, मन की बात में जिक्र…कौन हैं सुभाष कंबोज, जिन्हें गणतंत्र दिवस मोदी सरकार ने गणतंत्र दिवस पर बुलाया Haryana News & Updates

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Agency:News18 Haryana

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Republic Day Parade 2025: सुभाष कंबोज, यमुनानगर के मधुमक्खी पालक, को गणतंत्र दिवस पर भारत सरकार का मेहमान बनने का निमंत्रण मिला है. प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ में उनकी सराहना की थी.

गणतंत्र दिवस पर मधुमक्खी पालक सुभाष कंबोज को मोदी सरकार ने बुलाया है.

यमनुनागर. मधुमक्खी पालक सुभाष कंबोज को भारत सरकार की तरफ से 4 दिन के लिए मेहमान बनने का गौरव प्राप्त हुआ है. इस खबर से सुभाष कंबोज और उनके आसपास के लोग बेहद खुश हैं. 1996 में सुभाष कंबोज ने शहद के छह बॉक्स से मधुमक्खी पालन का काम शुरू किया था और आज उनके पास दो हजार से ज्यादा बॉक्स हैं.

हरियाणा के यमुनानगर के रादौर के गांव हाफिजपुर के प्रगतिशील किसान सुभाष कंबोज को भारत सरकार ने दिल्ली में 26 जनवरी को 76वें गणतंत्र दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया है. इस दौरान वे 4 दिन तक भारत सरकार के मेहमान रहेंगे. सुभाष कंबोज ने बताया कि उन्हें 25 जनवरी को दिल्ली बुलाया गया है और 25 से 28 जनवरी तक विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड को वीआईपी गैलरी में बैठकर देखने का मौका मिलेगा. 27 और 28 जनवरी को उन्हें दिल्ली के प्रमुख स्थानों का भ्रमण कराया जाएगा. इस दौरान वे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के कार्यक्रम में भी शामिल होंगे.

मन की बात में भी हुआ था जिक्र

गौरतलब है कि सुभाष कंबोज उस समय सुर्खियों में आए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में उनका दो बार जिक्र किया और उनके मधुमक्खी पालन कार्य की सराहना की. प्रधानमंत्री ने देश के अन्य किसानों को भी सुभाष कंबोज की तरह वैज्ञानिक तरीके से प्रशिक्षण लेकर आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया था. सुभाष कंबोज को मुख्यमंत्री मनोहर लाल, पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी, कृषि विज्ञान केंद्र दामला, चौधरी चरण सिंह एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी हिसार, उद्यान विभाग, आईबीडीसी रामनगर और कई अन्य मंचों पर सम्मानित किया जा चुका है.

प्राइवेट स्कूल में पढ़ाते थे पहले

साल 1996 से पहले निजी स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्य कर चुके सुभाष कंबोज ने मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण लेने के बाद मात्र छह बॉक्स से काम शुरू किया था. आज उनके पास दो हजार से ज्यादा मधुमक्खी पालन के बॉक्स हैं और वे पूरे देश में शहद की बिक्री करते हैं. उनका शहद हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल के अलावा विदेशों में भी बिकता है. उन्होंने अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाया है. भारत सरकार से निमंत्रण मिलने के बाद सुभाष कंबोज से मिलने और उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.

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