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पाकिस्तानी मूल का कनाडाई बिजनेसमैन तहव्वुर राणा इन दिनों अमेरिकी जेल में बंद है।
2008 के मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है। इस फैसले के खिलाफ उसकी अपील को अमेरिकी अदालत ने ठुकरा दिया है। अमेरिकी अपीलीय अदालत ने 15 अगस्त को अपने फैसले में कहा कि दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है।
पाकिस्तानी मूल के कनाडाई बिजनेसमैन राणा ने नाइंथ सर्किट कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। उसने गुहार लगाई थी कि सुनवाई तक उसे भारत को न सौंपा जाए। मई 2023 में भी एक अमेरिकी अदालत ने राणा की तरफ से दायर याचिका को खारिज कर दिया था।
पिछले साल भी कोर्ट में प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका खारिज की
भारत को सौंपे जाने से बचने के लिए पाकिस्तानी मूल के तहव्वुर राणा ने अमेरिका की कोर्ट में हेबियस कॉर्पस यानी बंदी प्रत्यक्षीकरण दायर की थी। हालांकि लॉस एंजिलिस के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि जिन आरोपों को आधार बनाकर भारत ने तहव्वुर के प्रत्यर्पण की मांग की है, उन्हें देखते हुए उसके प्रत्यर्पण की इजाजत दी जा सकती है।
खिलाफ फैसला आने के बाद राणा ने नाइंथ सर्किट कोर्ट में एक और याचिका दायर की थी। इसी याचिका पर गुरुवार को फैसला आया। उन्होंने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज करने को सही ठहराया। पैनल ने माना कि राणा का अपराध अमेरिका और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि की शर्तों के अंतर्गत आता है।
अपने फैसले में, पैनल ने यह भी माना कि भारत ने राणा पर हमले को लेकर लगाए गए आरोपों के लिए पुख्ता सबूत सामने रखे हैं। हालांकि राणा के पास इस फैसले के खिलाफ अपील करने का विकल्प है। भारत में अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए उसके पास अभी भी सभी कानूनी विकल्प खत्म नहीं हुए हैं।

26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी। NSG कमांडो और सुरक्षाबलों की कार्रवाई में 9 आतंकी भी मारे गए थे।
हमले के मास्टर माइंड डेविड हेडली के बचपन का दोस्त है तहव्वुर
कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकारी वकीलों ने तर्क दिया कि तहव्वुर इस हमले के मास्टर माइंड डेविड हेडली का बचपन का दोस्त है और उसे पता था कि हेडली लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर काम कर रहा है। हेडली की मदद करके और उसे आर्थिक मदद पहुंचाकर तहव्वुर आतंकी संस्था और उसके साथ आतंकियों को भी सपोर्ट कर रहा था।
राणा को जानकारी थी कि हेडली किससे मिल रहा है, क्या बात कर रहा है। उसे हमले की प्लानिंग और कुछ टारगेट्स के नाम भी पता थे। अमेरिकी सरकार ने कहा है कि राणा इस पूरी साजिश का हिस्सा था और इस बात की पूरी आशंका है कि उसने आतंकी हमले को फंडिंग देने का अपराध किया है।

डेविड हेडली मुंबई हमले का मास्टर-माइंड था। राणा ने उसकी आर्थिक मदद की- फाइल फोटो
हमले में मारे गए 9 आतंकियों को निशान-ए-हैदर दिलवाना चाहता था
कोर्ट की तरफ से जारी किए गए प्रत्यर्पण के ऑर्डर के मुताबिक, इस हमले का एक सह आरोपी राणा से दुबई में मिला था। 25 दिसंबर 2008 को उसने हेडली को एक मेल लिखकर पूछा कि राणा कैसा है? क्या वो घबराया हुआ है या रिलैक्स्ड है? अगले दिन हेडली ने जवाब दिया था कि राणा एकदम बेफिक्र है और मुझे भी समझा रहा है कि मैं न घबराऊं।
7 सितंबर 2009 को राणा ने हेडली से कहा था कि मुंबई हमले में मारे जाने वाले 9 आतंकियों को पाकिस्तानी सेना का सबसे ऊंचा सम्मान निशाने-हैदर दिया जाना चाहिए। उसने हेडली से यह भी कहा था कि मुंबई हमले की साजिश में मदद करने वाले एक साथी को बताए कि उसे टॉप-क्लास का मेडल मिलना चाहिए।
भारत ने राणा को भगोड़ा घोषित कर रखा है। राणा के खिलाफ अगस्त 2018 में भारत की नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के स्पेशल कोर्ट ने भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। उसे 2009 में गिरफ्तार किया गया था।

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26/11 के आतंकी को भारत लाने का रास्ता साफ: अमेरिकी कोर्ट ने पाकिस्तान मूल के तहव्वुर राणा के प्रर्त्पण का आदेश दिया

