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Bollywood Movies nominated for Oscar : बॉलीवुड में हर साल अलग-अलग जॉनर की कई फिल्में बनती है. कुछ फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल होती हैं तो कुछ दर्शकों के लिए तरस जाती हैं. सुपरहिट-ब्लॉकबस्टर फिल्मों में से कुछ फिल्में ही पूरे दुनिया के दर्शकों का ध्यान खींच पाती हैं. कुछ फिल्में ऐसी भी हैं जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया. साथ ही नेशनल अवॉर्ड भी जीता. 24 साल के अंतराल में बॉलीवुड में ऐसी चार फिल्में बनाई गईं जिन्हें ऑस्कर नॉमिनेशन मिला. तीसरी और चौथी वाली को ऑस्कर अवॉर्ड भी मिला. ये फिल्में कौन सी थीं, आइये जानते हैं….
कहा जाता है कि सब्जेक्ट-कहानी-स्क्रीनप्ले शानदार हो तो फिल्म को हिट होने से कोई रोक नहीं सकता. बॉलीवुड में इसी फॉर्मूले को आजमाते हुए कई फिल्में बनाई गईं जिनकी कहानी यूनिक थी. 24 साल के अंतराल में ऐसी चार फिल्में आईं जो बॉक्स ऑफिस पर बेहद सफल रहीं. इन चारों फिल्मों को ऑस्कर में नॉमिनेशन मिला. इनमें दो फिल्मों ने कुछ कैटेकरी में ऑस्कर अवॉर्ड भी जीता. ये फिल्में थीं : सलाम बॉम्बे (1998), लगान (2001), स्लमडॉग मिलेनियर (2008) और आरआरआर (2022).

सबसे पहले बात करते हैं सलाम बॉम्बे की. 11 मई 1998 में रिलीज हुई थी. फिल्म की कहानी मुंबई के स्लम एरिया में रहने वाले अनाथ-बच्चों की कहानी दिखाती है. कहानी मीरा नायर ने लिखी थी. डायरेक्शन भी मीरा नायर ने ही किया था. स्क्रीनप्ले सूनी तारापोरवाला ने लिखा था. प्रोड्यूसर मीरा नायर – माइकल नोजिक थे. इस मूवी में हमें नाना पाटेकर, शफीक सैयद, रघुवीर यादव, अनीता कंवर लीड रोल में नजर आए थे. फिल्म के ज्यादातर हिस्से की शूटिंग मुंबई के फेमस रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा में हुई थी. फिल्म में दिखाए गए छोटे-छोटे अनाथ बच्चे एक्टर नहीं थे. बस उन्हें वर्कशॉप में ट्रेनिंग दी गई थी. इस फिल्म में इरफान खान एक लेटर राइटर के तौर पर नजर आए थे. यह किसी फिल्म में उनका पहला अपीयरेंस था. फिल्म में ड्रग्स, वेश्यावृत्ति को प्रमुखता से दिखाया गया है.

मुंबई को सपनों का शहर कहा जाता है, किसी को भूखे नहीं सुलाता लेकिन यह आधा सच है. यहां वही जिंदा रहता है जिसमें जुनून होता है. फिल्म में दिखाई गई कहानी कृष्णा नाम के लड़के की है जो बैंगलोर के पास बीजापुर के किसी गांव में रहता है. पिता की मौत के बाद भाई घर चलाता है. वो उसे बात-बात में मारता है. गुस्से में आकर कृष्णा उसकी दुकान में किसी कस्टमर का स्कूटर जला देता है. मां उसे घर से निकाल देती है. पास में चल रहे सर्कस में काम पर लगा देती है. कृष्णा फिर मुंबई पहुंचता है. यहां पर उसका कोई नहीं है. रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा की गलियों में उसके साथ क्या-क्या होता है, यही सब फिल्म में दिखाया गया है. फिल्म की कहानी दिल को झकझोर कर रख देती है. यह फिल्म बहुत ही रियलिस्ट है जो मुंबई की सच्चाई को साफगोई से उजाकर करती है.
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यह मीरा नायर की पहली फिल्म थी. इसने बेस्ट फीचर फिल्म का नेशनल अवॉर्ड भी जीता था. 6 अक्टूबर 1998 को इस मूवी को वर्ल्डवाइड रिलीज किया गया. 61वें आस्कर अवॉर्ड में फिल्म को नॉमिनेशन मिला था. मीरा नायर ने फिल्म की स्क्रिप्ट पहले से तैयार नहीं की थी. उन्होंने फिल्म निर्माताओं के साथ मुंबई के रेलवे स्टेशनों, रेड लाइट एरिया और बाजारों में रहने वाले इन बच्चों से मुलाकात की. उनकी कहानियां सुनीं और एक कहानी बनाई. फिल्मा का बजट 4.5 लाख डॉलर था. पूरी दुनिया से फिल्म ने 7.4 मिलियन डॉलर की कमाई की थी. सलाम बॉम्बे में दो हादसे होते-होते बचे थे. नाना पाटेकर ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि फिल्म के एक सीन में उन्होंने एक बच्चों को छत से लटका दिया था. अगर वो हाथ से छूट जाती तो बड़ा हादसा हो जाता. उन्होंने कैरेक्टर-सीन को रियल बनाने के लिए यह किया था. फिल्म के लास्ट में कृष्णा नाना पाटेकर को चाकू मारकर उनकी पत्नी को लेकर चला जाता है. चाकू नाना पाटेकर को असल में लग गया था और उनके शरीर से खून निकलने लगा था. फिल्म में कृष्णा का रोल निभाने वाले शफीक सैयद आज भी बैंगलुरू में ऑटो रिक्शा चलाते हैं.

इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर फिल्म ‘लगान’ आती है. आमिर खान -ग्रेसी सिंह स्टारर यह फिल्म आशुतोष गोवारिकर के निर्देशन में बनी थी. फिल्म की कहानी आशुतोष ने ही लिखी थी. आशुतोष गोवारिकर ऐतिहासिक सब्जेक्ट पर फिल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं. लगान एक एपिक पीरियड स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म थी जो कि 15 जून 2001 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. फिल्म में 1893 की ब्रिटिश भारत की कहानी दिखाई गई थी. इस फिल्म की कहानी बहुत मार्मिक और अनूठी थी. फिल्म शुरुआत से दर्शकों को खुद से जोड़ लेती है और एक सशक्त संदेश देती है. फिल्म की शूटिंग के दौरान डायरेक्टर आशुतोष गोवारिकर को स्लिप डिस्क की समस्या हो गई थी. ऐसे में बेड पर लेटकर उन्होंने डायरेक्शन किया था. इस फिल्म की शूटिंग गुजरात के भुज में हुई थी. शूटिंग का शेड्यूल 80 दिनों का था जो बढ़कर 300 से ज्यादा दिनों का हो गया था. फिल्म की कहानी दिखाती है कैसे एकजुट होकर ग्रामीण अंग्रेजों को मैच में हरा देते हैं. सूखे की मार झेल रहे इन किसानों के सामने लगान माफ करवाने के लिए और कोई विकल्प भी नहीं था.

फिल्म से जुड़ा दिलचस्प किस्सा यह भी है कि शुरुआत में आमिर खान ने फिल्म को रिजेक्ट कर दिया था. जब आशुतोष गोवारिकर ने कहा कि वो क्रिकेट पर एक फिल्म बनाना चाहते हैं तो आमिर खान ने कोई रुचि नहीं दिखाई थी. जब उन्होंने एक बार स्क्रिप्ट सुनने का अनुरोध किया और आमिर खान ने कहानी सुनी तो उनकी आंखें नम हो गईं. आमिर खान इस फिल्म को प्रोड्यूस करने के लिए भी तैयार हो गए. इस तरह से आशुतोष को अपना ‘भुवन’ मिला. म्यूजिक के लिए एआर रहमान को चुना गया. गीतकार जावेद अख्तार थे. फिल्म की कहानी के बारे में आमिर खान ने कहा था कि यह मूवी ‘जहां चाह, वहां राह’ का खूबसूरती से मैसेज देती है. बहुत ही कम लोग इस फैक्ट को जानते होंगे कि फंड की कमी के चलते फिल्म की शूटिंग दो दिनों के लिए बंद कर दी गई थी. फिर आमिर खान ने पैसे की व्यवस्था की थी. जब फिल्म रिलीज हुई तो इतिहास रच दिया. फिल्म को 8 नेशनल अवॉर्ड और 8 फिल्म फेयर अवॉर्ड्स मिले थे. यह मूवी बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म कैटेगरी में ऑस्कर के लिए भी नॉमिटेड हुई थी. यह हिंदी सिनेमा की तीसरी फिल्म थी जो ऑस्कर के लिए नॉमिटेड हुई थी. लगान का बजट 24 करोड़ का था. मूवी ने 65 करोड़ का वर्ल्डवाइड कलेक्शन किया था. इसे 8.1 IMDB रेटिंग मिली हुई है.

इस लिस्ट में तीसरा नाम 2009 में आई एक रोमांटिक-क्राइम ड्रामा फिल्म ‘स्लमडॉग मिलेनियर’ का है जिसका डायरेक्शन डैनी बॉयल ने किया था. प्रोड्यूसर क्रिश्चियन कोलसन थे. म्यूजिक एआर रहमान ने दिया था. भारत में 23 जनवरी 2009 में रिलीज हुई इस फिल्म को पहले इटली में 5 दिसंबर 2008 को रिलीज किया गया था. मूवी में देव पटेल, फ्रेडा पिंटो, मधुर मित्तल, अनिल कपूर, इरफान खान, सौरभ शुक्ला, अयूष महेश खांडेकर, रुबीना अली और महेश मांजरेकर नजर आए थे. पूरी दुनिया में फिल्म ने सुर्खियां बटोरी थीं. 124 करोड़ के बजट में बनीं इस फिल्म ने 3145 करोड़ का वर्ल्डवाइड कलेक्शन किया था. इस फिल्म की कहानी भी ‘सलाम बॉम्बे’ की तरह मुंबई के स्लम एरिया में रहने वाले बच्चों की जिंदगी पर बेस्ड थी.

फिल्म को बेस्ट पिक्चर, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट स्क्रीनप्ले, बेस्ट सिनेमेटोग्राफी, बेस्ट एडिटिंग, बेस्ट ऑरिजनल स्कोर, बेस्ट साउंड मिक्सिंग के 8 ऑस्कर अवॉर्ड मिले थे. यह बात अलग है कि ऑस्कर यूके के लिए जीते थे. फिल्म में म्यूजिक एआर रहमान का था. ‘स्लमडॉग मिलेनियर’ के सॉन्ग ‘जय हो’ को ऑस्कर अवॉर्ड मिला था. एआर रहमान ने यह गाना सलमान खान की फिल्म युवराज के लिए तैयार किया था. सुभाष घई को यह गाना पसंद नहीं आया तो फिल्म में नहीं लिया. बाद में यही सॉन्ग ‘स्लमडॉग मिलेनियर’ में इस्तेमाल किया गया और इतिहास रच दिया.

25 मार्च 2022 को रिलीज हुई बाहुबली फेम डायरेक्टर एसएस राजामौली की जूनियर एनटीआर और राम चरण स्टारर फिल्म आरआरआर सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. प्रोड्यूसर डीवीवी दानय्या थे. कीरावानी एमएम करीम का था. 550 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने 1300 करोड़ के आसपास का वर्ल्डवाइड कलेक्शन किया था. फिल्म ने कमाई के सभी रिकॉर्ड ध्वस्त करके नया कीर्तिमान स्थापित किया था. इस फिल्म के गाने ‘नाटू नाटू’ को ऑस्कर्स में भी बेस्ट ऑरिजनल सॉन्ग का अवॉर्ड भी दिया गया था. ‘नाटू नाटू’ गाना हिंदी में ‘नाचो नाचो टाइटल से रिलीज किया गया था, जिसे विशाल मिश्रा और राहुल सिप्लिगुंज ने गाया था.
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24 साल में बनीं 4 फिल्में, दो निकलीं ब्लॉकबस्टर, चारों को मिला ऑस्कर नॉमिनेशन, चौथी ने तोड़े कमाई के रिकॉर्ड


