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शेयर बाजार का ऊंट कब किस करवट बैठेगा इसका अंदाजा लगाना मुश्किल होता है. साल 2024 की जब शुरूआत हुई तो बाजार अपने बूम पर था. लोगों को लगा कि पूरा साल मार्केट ऐसा ही रहेगा और निवेशकों को जमकर मालामाल करेगा.
लेकिन, दूसरी छमाही के नतीजों ने ऐसा गेम किया कि पूरा बाजार लाल हो गया. लोगों के लाखों करोड़ रुपये कुछ ही दिनों में डूब गए. अब सवाल उठ रहा है कि क्या साल 2025 में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिल सकता है. चलिए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
2025 में कैसा रहेगा शेयर बाजार
2025 में भारतीय शेयर बाजार निवेशकों के लिए एक चुनौतीपूर्ण वर्ष हो सकता है. ऐतिहासिक रूप से पिछले नौ वर्षों में पॉजिटिव रिटर्न के सिलसिले ने निवेशकों में डबल डिजिट मुनाफे की उम्मीदें जगा दी हैं. हालांकि, 2024 की दूसरी छमाही के नतीजे यह याद दिलाते हैं कि शेयर बाजार में एकतरफा रैली के अनुमानों को झटका लग सकता है. इस साल निवेशकों को कई जोखिमों का सामना करना होगा, जिनमें जियो-पॉलिटिकल तनाव, वैश्विक व्यापार विवाद, घरेलू आर्थिक सुस्ती और आय वृद्धि की अनिश्चितता शामिल हैं.
इनकम ग्रोथ और बाजार की दिशा
2024 में बाजार मुख्य रूप से मल्टीपल विस्तार के कारण बढ़ा, जबकि वास्तविक आय वृद्धि कमजोर रही. यदि इनकम अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरती है, तो शॉर्ट-टर्म में बाजार की दिशा प्रभावित हो सकती है. दूसरी छमाही में कैपिटल एक्सपेंडिचर बढ़ने की संभावना है, लेकिन संकेत अभी भी मंदी की ओर इशारा कर रहे हैं.
वैश्विक व्यापार तनाव और जियो-पॉलिटिकल जोखिम
डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में “मेक अमेरिका ग्रेट अगेन” नीतियों से वैश्विक व्यापार पर बड़ा असर पड़ सकता है. रूस-यूक्रेन युद्ध, मिडिल ईस्ट में संघर्ष, और कच्चे तेल की कीमतों में संभावित वृद्धि भारत के लिए चुनौतियां बढ़ा सकते हैं. इन जोखिमों के चलते घरेलू बाजारों में दबाव बढ़ सकता है.
ब्याज दरों का प्रभाव
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 2025 में ब्याज दरों में धीमी कटौती का संकेत दिया है. यदि यह कटौती अपेक्षा से कम होती है, तो बाजार पर दबाव बढ़ सकता है.
इसके अलावा मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में पिछले कुछ वर्षों में भारी निवेश हुआ है. इन सेक्टर्स में करेक्शन की संभावना निवेशकों के लिए चिंता का विषय है. अगर सेंटीमेंट में बदलाव होता है या इनकम ग्रोथ कमजोर रहती है, तो इन सेक्टर्स में गिरावट देखने को मिल सकती है.
इन बातों का रखना होगा ख्याल
2025 में निवेशकों को सतर्क रहकर कदम उठाने की जरूरत है. हाई वैल्यूएशन वाले शेयरों से बचें और लॉन्गटर्म आय क्षमता वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करें. बाजार में संभावित उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहें और जियो-पॉलिटिकल और घरेलू आर्थिक संकेतकों पर नजर रखें.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
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