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नई दिल्ली5 दिन पहले
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दो साल के पीरियड में दो तारीखें हैं। देश दो हैं। दोनों भारत के पड़ोसी, लेकिन तख्तापलट के हालात दोनों में एक जैसे।
8 जुलाई 2022: श्रीलंका सरकार ने ऐलान किया था कि देश दिवालिया हो गया तो हजारों की संख्या में श्रीलंकाई सड़कों पर उतर आए। कोलंबो में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के भवन को घेर लिया। गोटा-गो-गामा यानी- गोटबाया अपने गांव जाओ के नारे गूंजे। गोटबाया को भागना पड़ा। गुस्साए लोगों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा जमा लिया था। वे कमरों में आराम करते और स्विमिंग पूल में नहाते नजर आए थे।
5 अगस्त 2024: बांग्लादेश में 2 महीने से जारी आरक्षण विरोधी आंदोलन बेकाबू हो गया। 24 घंटे में 100 लोगों की मौत के बाद करीब 4 लाख लोग ढाका की सड़कों पर हैं। भारी आगजनी, हिंसा और तोड़फोड़ करते प्रदर्शनकारी पीएम हाउस में घुस गए। पीएम शेख हसीना ने इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया है। फिलहाल वे भारत पहुंची हैं। उनके लंदन या फिनलैंड में शरण लेने की खबरें हैं।
5 फोटोज में 2 साल पहले श्रीलंका का तख्तापलट …
पहली तस्वीर: श्रीलंका के राष्ट्रपति भवन को घेरे खड़े हजारों प्रदर्शनकारी।
2022 में लोगों की यह भीड़ श्रीलंका के कई शहरों से कोलंबो पहुंची थी।
दूसरी तस्वीर: महंगाई और भुखमरी से परेशान लोगों ने राष्ट्रपति भवन घेर लिया।
श्रीलंका के राष्ट्रपति के आवास में सैकड़ों लोग पहुंच गए थे। देश के गंभीर आर्थिक संकट के लिए राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को जिम्मेदार बताया था।
तीसरी तस्वीर: प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन से गोटाबाया को भागने पर मजबूर कर दिया।
प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन के मेन गेट पर चढ़ गए और सेना को भी नहीं घुसने दिया।
चौथी तस्वीर: राष्ट्रपति भवन में घुसे प्रदर्शनकारियों ने हर जगह कब्जा कर लिया।
प्रदर्शनकारी दीवारों, दरवाजों के ऊपर चढ़ गए और झंडे थामे नारे लगाते हुए नजर आए।
पांचवी तस्वीर: राष्ट्रपति भवन में घुसकर प्रदर्शनकारी स्विमिंग पूल में नहाए।
राष्ट्रपति भवन में लोग स्विमिंग पूल में खूब नहाए, मस्ती की और वीडियो भी बनाए।
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2024 की 5 ताजा तस्वीरों में बांग्लादेश के हालात
पहली तस्वीर: ढाका में हर जगह आगजनी और हिंसा
4 और 5 अगस्त को पूरे ढाका में भारी हिंसा हुई। प्रदर्शनकारियों ने पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करते हुए घर, दफ्तर और दुकानें जलाईं।
दूसरी तस्वीर: ढाका के रास्तों पर लाठियां लिए उतरे लोग
प्रदर्शनकारियों ने ढाका में सड़कों को ब्लॉक कर दिया। अवामी लीग अध्यक्ष शेख हसीना के कार्यालय और गृहमंत्री के घर में आग लगा दी।
तीसरी तस्वीर: आंदोलनकारियों ने मुक्ति आंदोलन के प्रतीकों की आंखों पर पटि्टयां बांधीं
ढाका में गुस्साए लोगों ने बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्ति तोड़ दी और बाकी मूर्तियों की आंखें लाल पट्टी से ढंक दीं।
चौथी तस्वीर: सड़कों पर जमा प्रदर्शनकारी छात्र और विरोधी पार्टी के कार्यकर्ता
ढाका की सड़कों पर हर जगह ऐसे दृश्य हैं। लाखों लोगों की भीड़ में आरक्षण विरोधी छात्र और विरोधी पार्टी के कार्यकर्ता शामिल हैं।
पांचवीं तस्वीर: ढाका के पीएम हाउस में घुसे प्रदर्शनकारी, कमरों पर कब्जा।
5 अगस्त की तस्वीर में पीएम हाउस के कमरों में घुसे प्रदर्शनकारी बेड पर आराम करते और नारे लगाते नजर आए।
आखिर में एक दिलचस्प तस्वीर: श्रीलंका के संकट में बांग्लादेश ने भेजी थीं दवाइयां
2022 में श्रीलंका के संकट के समय मानवीय सहायता के तौर पर बांग्लादेशी विदेश मंत्री अब्दुल मोमेन ने श्रीलंका के अधिकारियों को दवाओं के बॉक्स दिए थे।
बांग्लादेश ने 2022 में श्रीलंका को इमरजेंसी मेडिकल सप्लाई कर इसे बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच एकजुटता और दोस्ती का प्रतीक बताया था। बांग्लादेश की एसेंशियल ड्रग्स कंपनी लिमिटेड और बांग्लादेश एसोसिएशन ऑफ फार्मास्यूटिकल्स इंडस्ट्रीज ने मिलकर करीब 10 करोड़ की दवाएं श्रीलंका को सौंपी थीं।
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2 पड़ोसी, 2 साल और 2 विद्रोह- कहानी तस्वीरों में:2022 में श्रीलंका में लगे थे 'गोटा-गो-गामा' के नारे, 2024 में बांग्लादेश में 'शेख हसीना गो बैक' की गूंज