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1971 युद्ध के बाद पहली बार बांग्लादेश पहुंचा पाकिस्तानी वॉरशिप: 4 दिन चटगांव में रहेगा; भारत से तनाव के बीच करीब आ रहे दोनों देश Today World News

1971 युद्ध के बाद पहली बार बांग्लादेश पहुंचा पाकिस्तानी वॉरशिप:  4 दिन चटगांव में रहेगा; भारत से तनाव के बीच करीब आ रहे दोनों देश Today World News

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ढाका7 मिनट पहले

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बांग्लादेश के जहाज ने समुद्र में ही PNS सैफ जहाज को सलामी दी और उसे बंदरगाह तक एस्कॉर्ट किया।

1971 के जंग के बाद पाकिस्तान का वॉरशिप शनिवार को पहली बार बांग्लादेश पहुंचा। नेवी का वॉरशिप PNS सैफ बंगाल की खाड़ी से होते हुए बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह पहुंचा। ये चार दिन की गुडविल विजिट (सद्भावना यात्रा) पर है। इसका मकसद दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करना है।

बांग्लादेश नौसेना के मुताबिक, जहाज का कमांड कैप्टन शुजात अब्बास राजा के हाथों में है। बांग्लादेश का जहाज BNS शाधीनोता ने समुद्र में ही जहाज को सलामी दी और उसे बंदरगाह तक एस्कॉर्ट किया। यात्रा के दौरान दोनों पक्षों के अधिकारी एक-दूसरे से मिले। यह यात्रा 12 नवंबर को खत्म होगी।

2024 अगस्त में शेख हसीना सरकार गिरने के बाद पाकिस्तान ने सबसे पहले मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार का स्वागत किया था। उसके बाद से दोनों देशों के रिश्ते तेजी से सुधर रहे हैं। वहीं, भारत के साथ बांग्लादेश के संबंधों में तनाव बढ़ा है।

पाकिस्तान का वॉरशिप शनिवार को बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह पहुंचा।

पाकिस्तान का वॉरशिप शनिवार को बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह पहुंचा।

बांग्लादेश नौसेना प्रमुख एडमिरल एम. शाहीन इकबाल ने पाकिस्तान के अधिकारियों का फूल देकर स्वागत किया।

बांग्लादेश नौसेना प्रमुख एडमिरल एम. शाहीन इकबाल ने पाकिस्तान के अधिकारियों का फूल देकर स्वागत किया।

खराब स्टेबलाइजर से जूझ रहा PNS सैफ, चीन ने 15 साल पहले बेचा था

PNS सैफ को 15 साल पहले 2010 में चीन ने पाकिस्तान को बेचा था। यह अब खराब स्टेबलाइजर की समस्या से जूझ रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, PNS सैफ के अलावा इस क्लास के दूसरे जहाजों जैसे PNS शामशीर और PNS आसलत में भी ऐसी ही तकनीकी खराबियां पाई गई हैं।

खास तौर पर, जहाज के HP 5 स्टेबलाइजर में खराबी आ गई है, जो जहाज की स्थिरता और संतुलन बनाए रखने के लिए जरूरी है। इस समस्या के कारण समुद्री यात्रा के दौरान जहाज कंट्रोल खो सकती है, जिससे नेविगेशन पर बुरा असर पड़ता है।

चीन ने इन जहाजों के लिए पाकिस्तान से करीब 6,375 करोड़ रुपए वसूले थे। विशेषज्ञों का कहना है कि चीनी हथियारों की गुणवत्ता पर सवाल उठते रहे हैं, क्योंकि ये सस्ते दामों पर बिकते हैं लेकिन लंबे समय तक टिकाऊ नहीं साबित होते।

तकनीकी समस्या की वजह से पाकिस्तानी नौसेना को मरम्मत के लिए एक्स्ट्रा खर्च उठाना पड़ता है।

पाकिस्तानी नौसेना प्रमुख एडमिरल भी बांग्लादेश दौरे पर

बांग्लादेश नौसेना ने कहा कि यह दौरा दोनों देशों की नौसेना के बीच दोस्ती को और मजबूत करेगा। इसी समय पाकिस्तानी नौसेना प्रमुख एडमिरल नवेद अशरफ भी चार दिन के दौरे पर बांग्लादेश में हैं।

पाकिस्तान के टॉप मिलिट्री कमांडर जनरल साहिर शमशाद मिर्जा कुछ दिन पहले ही बांग्लादेश की यात्रा पर गए थे। उन्होंने मोहम्मद यूनुस से भी मुलाकात की थी।

पाकिस्तानी नौसेना के अधिकारियों ने बांग्लादेश नौसेना को युद्धपोत के बारे में जानकारी देते हुए

पाकिस्तानी नौसेना के अधिकारियों ने बांग्लादेश नौसेना को युद्धपोत के बारे में जानकारी देते हुए

ट्रेड और शिक्षा डील से सुधर रहे PAK-बांग्लादेश के रिश्ते

पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच अगस्त में 6 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे। इसमें ट्रेड, इकोनॉमी, डिप्लोमेटिक ट्रेनिंग, शिक्षा, मीडिया और संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करना शामिल है।

ये समझौते पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मुहम्मद इशाक डार और बांग्लादेश के विदेश सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के बाद हुए थे।

पाकिस्तान और बांग्लादेश के 6 समझौते

  • वीजा मुक्त समझौता: दोनों देशों के सरकारी और राजनयिक पासपोर्ट वाले लोग बिना वीजा के एक-दूसरे के देश जा सकेंगे।
  • व्यापार कार्य समूह: दोनों देश मिलकर व्यापार बढ़ाने के लिए एक समूह बनाएंगे, जो व्यापार से जुड़े मुद्दों पर काम करेगा।
  • विदेश सेवा अकादमी सहयोग: दोनों देशों के कूटनीतिक प्रशिक्षण संस्थान एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगे और अनुभव साझा करेंगे।
  • मीडिया एजेंसी सहयोग: एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान कॉर्पोरेशन और बांग्लादेश समाचार एजेंसी संगबाद के बीच एक समझौता हुआ है। ये संस्था मिलकर काम करेंगी।
  • रणनीतिक अध्ययन सहयोग: दोनों देशों के रणनीतिक और अंतरराष्ट्रीय मामलों के शोध संस्थान मिलकर काम करेंगे।
  • सांस्कृतिक आदान-प्रदान: दोनों देश अपनी संस्कृति, कला और परंपराओं को साझा करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
पाकिस्तान विदेश मंत्री मुहम्मद इशाक डार और बांग्लादेश के विदेश सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन की मौजूदगी में हस्ताक्षर हुए।

पाकिस्तान विदेश मंत्री मुहम्मद इशाक डार और बांग्लादेश के विदेश सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन की मौजूदगी में हस्ताक्षर हुए।

1971 में पाकिस्तान ने बांग्लादेश में ऑपरेशन सर्चलाइट चलाया था

पाकिस्तान की सेना ने 1971 में ऑपरेशन सर्चलाइट के तहत बांग्लादेश में दमन किया था, जिसमें 30 लाख लोग मारे गए और महिला नागरिकों के साथ बलात्कार किया गया।

ऑपरेशन सर्चलाइट के बारे में जानिए…

  • ऑपरेशन सर्चलाइट पाकिस्तान की सेना का एक सैन्य अभियान था, जिसे 25 मार्च 1971 की रात शुरू किया गया था।
  • इसका मकसद था पूर्वी पाकिस्तान (आज का बांग्लादेश) में बंगाली आबादी के आंदोलन को कुचलना।
  • 1970 में पाकिस्तान में आम चुनाव हुए थे। इनमें शेख मुजीबुर्ररहमान की पार्टी अवामी लीग को भारी जीत मिली थी। इस जीत से पूर्वी पाकिस्तान की जनता को उम्मीद थी कि उन्हें आजादी मिलेगी।
  • पश्चिमी पाकिस्तान की सैन्य सरकार (जनरल याह्या खान की अगुआई वाली) ने सत्ता हस्तांतरित करने से इनकार कर दिया। इसके बाद पूर्वी पाकिस्तान में विरोध और आंदोलन शुरू हो गया।
  • 25 मार्च 1971 की रात, पाकिस्तानी सेना ने ढाका विश्वविद्यालय, अखबार दफ्तरों, छात्रावासों और आम नागरिक इलाकों में हमला किया।
  • इस अभियान में बड़े पैमाने पर हिंसा, हत्याएं, बलात्कार और मानवाधिकार उल्लंघन हुए। अनुमान के अनुसार, लाखों लोग मारे गए और करीब 1 करोड़ लोग शरणार्थी बनकर भारत में आए।
  • इस अत्याचार के बाद बंगाली जनता ने स्वतंत्रता संग्राम शुरू किया। भारत ने भी मानवता और शरणार्थी संकट को देखते हुए 16 दिसंबर 1971 में हस्तक्षेप किया।
  • 13 दिनों के युद्ध के बाद 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान को हार माननी पड़ी और बांग्लादेश नाम से नया देश बना।
पाकिस्तान के बांग्लादेश में नरसंहार में करीब 30 लाख लोग मारे गए थे।

पाकिस्तान के बांग्लादेश में नरसंहार में करीब 30 लाख लोग मारे गए थे।

क्या भारत के लिए मुसीबत बन सकता है पाकिस्तान का वॉरशिप?

भारत के लिए PNS सैफ का बांग्लादेश आना चिंता की बात है। 54 साल बाद पहली बार कोई पाकिस्तानी वॉरशिप चटगांव पहुंचा है।

यह दिखता है कि बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार पाकिस्तान से तेजी से रिश्ते सुधार रही है। यह जहाज चीन में बना है और उसकी तकनीक से लैस है, जिससे चीन बांग्लादेश में सैन्य पहुंच बना सकता है।

इसके अलावा चटगांव बंदरगाह बंगाल की खाड़ी में भारत के पूर्वी तट के करीब है, इसलिए पाकिस्तानी और चीनी जहाजों की आवाजाही से भारत की समुद्री सुरक्षा पर खतरा बढ़ सकता है। ठीक एक महीने पहले अमेरिकी जहाज भी यहीं आया था।

दूसरी ओर पिछले साल बांग्लादेश में हुए हिंसक छात्र आंदोलन के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा था। फिलहाल वह भारत की शरण में हैं। इसके बाद भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव आ गया था।

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