रोहतक। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा है कि वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन से भ्रष्टाचार खत्म होगा। रोहतक में पीरबोधी की जमीन 1964 में शामलात भूमि थी। 1990 में नोटिफिकेशन जारी करके वक्फ बोर्ड के नाम कर दी गई। मामले की गहन जांच की जा रही है। मुख्यमंत्री शनिवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। साथ ही हिसार से रोहतक आते समय महम के गांव भैणी महाराजपुर में ग्रामीणों से मिले और उनकी समस्याएं सुनीं।
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कांग्रेस के स्थानीय विधायक भारत भूषण बतरा ने विधानसभा में कहा था कि रोहतक की पीरबोधी की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने रोहतक मंडल आयुक्त पीसी मीणा की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी। कमेटी में रोहतक व करनाल डीसी के अलावा रोहतक डीआरओ भी शामिल किए गए। पिछले सप्ताह जिला प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर जमीन की निशानदेही की, साथ ही कमेटी सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी।
ग्रामीण बोले- हरिजन बस्ती में नहीं पीने का पानी
दोपहर हिसार से रोहतक आते समय महम से पहले भैणी महाराजपुर गांव में रुके और सड़क पर खड़े होकर ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं। गांव की महिला सरपंच दर्शना देवी के पति अतर सिंह रापड़िया ने उनका फूलमाला से स्वागत किया। गांव निवासी राजेंद्र सिंह ने बताया कि ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के सामने तीन मांगें रखीं।
सड़क के दूसरी पार हरिजन बस्ती में पेयजल सप्लाई के लिए पाइपलाइन बिछाई जाए। स्टेडियम बनाया जाए और गांव में राशन डिपो पर एक समय में ही पूरा राशन दिलवाया जाए। मुख्यमंत्री ने पेयजल लाइन बिछाने व एक समय में ही राशन बांटने का भरोसा दिया और स्टेडियममे निर्माण को लेकर कहा कि अधिकारियों से बात करके बताएंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री रोहतक के लिए रवाना हो गए। ग्रामीणों ने बताया कि इससे पहले भी मुख्यमंत्री नायब सैनी गांव में रुकते रहे हैं।
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1964 में पीरबोधी जमीन शामलात थी, 1990 में हुई वक्फ बोर्ड के नाम : मुख्यमंत्री