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साइबर अपराध में सक्रिय एक गिरोह ने बैटिंग ऐप के माध्यम से 1713 लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। यह खुलासा गृह मंत्रालय की और इंडियन साइबर क्राइम कंट्रोल सेंटर (I4C) के द्वारा चंडीगढ़ पुलिस को भेजी रिपोर्ट में हुआ है। चंडीगढ़ पुलिस को सौंपी गई इस रिपोर
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जांच के दौरान मिली अहम जानकारी
दिल्ली के रहने वाले अंकित जैन (32) को चंडीगढ़ साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही 4 अन्य आरोपियों देवेंद्र यादव, शंकर सुवन शुक्ला उर्फ अभय, वरिंदर यादव, और अविनाश को भी गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इनके पास से 14 मोबाइल, 37 एटीएम कार्ड, दो लैपटॉप, 10 सिम कार्ड, 14 चेक बुक और 3 स्टांप बरामद किए हैं।
जांच में यह पता चला कि यह गिरोह गरीब लोगों को पैसों का लालच देकर उनके नाम पर बैंक खाते खुलवाता था। इन खातों का उपयोग ठगी के लिए किया जाता था। आरोपी देवेंद्र यादव और अंकित जैन ने मिलकर दुबई में बैठे साइबर अपराधियों को ये बैंक खाते बेचे। इन खातों के जरिए ठगी की रकम को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जाता था।
बैटिंग ऐप के जरिए ठगी का जाल
अंकित जैन (जो पहले एक कंसल्टेंसी सर्विस में कार्यरत था) ने 2023 में एक बैटिंग ऐप की फ्रेंचाइजी ली थी। इसी ऐप के जरिए वह लोगों को सट्टेबाजी और कैसिनो जैसी गतिविधियों में शामिल करके ठगी करता था। ठगी से जमा की गई रकम को विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाता था। जिन्हें बाद में साइबर क्राइम के बड़े नेटवर्क से जोड़ा जाता था।
साइबर गिरोह का भंडाफोड़
I4C की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि अंकित जैन का गिरोह अंतरराज्यीय स्तर पर ठगी कर रहा था। गिरोह के 8 मोबाइल और लैपटॉप से मिले डाटा के अनुसार, देशभर से 1713 शिकायतें प्राप्त हुई। जिनमें से 69 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है। इन मोबाइल और लैपटॉप की IMEI नंबर के जरिए ठगी के तरीकों का खुलासा हुआ। जिससे यह स्पष्ट हुआ कि यह गिरोह कई राज्यों में सक्रिय था।
बैंक खाते और सिम कार्ड की मदद से साइबर क्राइम
आरोपी गरीब और अनपढ़ लोगों को 10 हजार रुपए का लालच देकर उनके नाम से बैंक खाते खुलवाते थे। इन खातों को साइबर अपराधों में इस्तेमाल किया जाता था। गिरोह ने 700 से ज्यादा बैंक खाते खुलवाए थे। जिनमें से 100 खाते पुलिस द्वारा फ्रीज किए जा चुके हैं। अंकित जैन की गिरफ्तारी के बाद यह भी सामने आया कि वह दुबई में बैठे साइबर ठगों से जुड़ा हुआ था। जो इन बैंक खातों का इस्तेमाल सट्टेबाजी और अन्य अवैध गतिविधियों में करते थे।
ऐसे गिरोह के चंगुल में फंसे थे लोग
पुलिस को 11 अगस्त को एक गुप्त सूचना मिली थी। जिसमें बताया गया था कि सेक्टर-52 के एक होटल में कुछ लोग बैंक खाता खोलने के बदले 10 हजार रुपए का लालच दे रहे हैं। इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने होटल पर छापेमारी की और 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनकी निशानदेही पर पुलिस ने अंकित जैन को भी दिल्ली से गिरफ्तार किया। जो होटल फ्रेंड्स में ठहरा हुआ था।
अंकित और उसके साथियों ने खुलासा किया कि वे मुख्यतः रेहड़ी-फड़ी लगाने वाले, ऑटो रिक्शा चालक और छोटे विक्रेताओं को निशाना बनाते थे। इनसे बैंक खाते खुलवाने के बाद सिम कार्ड, एटीएम कार्ड और अन्य बैंकिंग उपकरण इकट्ठा कर लेते थे। जिन्हें साइबर ठगी के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
चंडीगढ़ साइबर क्राइम थाना पुलिस ने गिरोह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। देशभर में इनके खिलाफ शिकायतें दर्ज होने के बाद मामले की जांच और भी तेज कर दी गई है। पुलिस ने कई बैंक खातों को फ्रीज किया है और साइबर क्राइम में इस्तेमाल किए गए उपकरणों को भी जब्त किया है।
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1713 लोगों से करोड़ों की ठगी का खुलासा: चंडीगढ़ पुलिस को भेजी गई रिपोर्ट, बैटिंग ऐप से लोगों क बनाया निशाना, खुलवाए फर्जी खाते – Chandigarh News