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Meta Teen Account: मेटा प्लेटफॉर्म्स ने अपने ‘टीन अकाउंट्स’ फीचर को अब फेसबुक और मैसेंजर पर भी लागू कर दिया है. यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि मेटा पर लंबे समय से यह आरोप लगते रहे हैं कि वह कम उम्र के यूजर्स को ऑनलाइन खतरों से बचाने के लिए कोई काम नहीं कर रहा है. यह फीचर पहले इंस्टाग्राम पर शुरू किया गया था और अब इसे अन्य प्लेटफॉर्म्स पर भी लागू किया जा रहा है. इसमें बेहतर प्राइवेसी सेटिंग्स और पेरेंटल कंट्रोल शामिल हैं ताकि माता-पिता अपने बच्चों की सोशल मीडिया एक्टिविटी पर नजर रख सकें.

क्यों है जरूरी
मेटा का यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब कुछ अमेरिकी सांसद Kids Online Safety Act (KOSA) जैसे कानूनों को लागू करने की दिशा में काफी एक्टिव हैं जिनका उद्देश्य बच्चों को सोशल मीडिया के नुकसान से बचाना है. मेटा के साथ-साथ टिकटॉक (ByteDance) और यूट्यूब (Google) जैसी कंपनियों पर भी बच्चों और स्कूलों की ओर से सोशल मीडिया की लत को लेकर सैकड़ों मुकदमे चल रहे हैं.
जानकारी के अनुसार, 2023 में अमेरिका के 33 राज्यों, जिनमें कैलिफोर्निया और न्यूयॉर्क भी शामिल हैं, ने मेटा पर यह आरोप लगाकर मुकदमा किया कि वह अपने प्लेटफॉर्म्स के खतरनाक रुप के बारे में लोगों को गुमराह कर रहा है.
मेटा ने क्या कहा
मेटा ने कहा है कि अब 16 साल से कम उम्र के यूजर्स को लाइव जाने के लिए भी माता-पिता की अनुमति लेनी होगी. इसके अलावा, डायरेक्ट मैसेज में यदि कोई न्यूड तस्वीर पाई जाती है तो उसे कंपनी अपने आप ही धुंधला (ब्लर) कर देगी.

कुछ महीनों में लागू हो जाएंगे नियम
जुलाई 2024 में अमेरिकी सीनेट ने दो अहम विधेयकों को मंजूरी दी थी जिसमें KOSA और The Children and Teens’ Online Privacy Protection Act शामिल थे. ये दोनों विधेयक सोशल मीडिया कंपनियों को बच्चों और किशोरों पर उनके प्लेटफॉर्म्स के प्रभाव के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं. हालांकि, रिपब्लिकन के नेतृत्व वाली हाउस ने पिछले साल KOSA पर वोट नहीं कराया था लेकिन हालिया सुनवाई में यह साफ हुआ कि वे अब भी बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा के लिए नए कानून लाने के पक्ष में हैं.
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