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Delhi Election Result: दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार के लिए उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है. शिवसेना (UBT) के मुखपत्र ‘सामना’ में इसको लेकर कांग्रेस की जमकर आलोचना की गई है. ‘सामना’ के संपादकीय में जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला के बयान पर सहमति जताते हुए कहा गया है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस न सिर्फ एक-दूसरे के खिलाफ लड़े, बल्कि एक-दूसरे की इज्जत तार-तार कर दी. इस तरह इन दोनों ने भाजपा का काम आसान कर दिया.
‘सामना’ में लिखा, उमर अब्दुल्ला द्वारा व्यक्त किया गया गुस्सा व्यावहारिक है. वह ठीक ही कहते हैं, “आपस में जी भर के लड़ो और एक-दूसरे को खत्म करो.” कांग्रेस को AAP की हार का कारण बताते हुए कहा गया है कि दिल्ली 14 सीटों पर AAP की हार में कांग्रेस का योगदान रहा. हरियाणा में भी यही हुआ था. इसमें पूछा गया है कि AAP से लड़ने के बाद आखिर कांग्रेस के हाथ क्या लगा?
राहुल गांधी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाले…सामना
इसमें आगे लिखा है, “क्या कांग्रेस पार्टी में कोई छिपी हुई ताकतें हैं, जो हमेशा राहुल गांधी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना चाहती हैं? अगर कांग्रेस नेता यह कह रहे हैं कि AAP को जिताना कांग्रेस की जिम्मेदारी नहीं है तो यह गलती है और एक तरह का अहंकार है तो क्या मोदी-शाह की तानाशाही को जिताने की जिम्मेदारी आपस में लड़ने वालों की है? दिल्ली के नतीजे का असर लोकतंत्र पर पड़ेगा.”
AAP-कांग्रेस ने एक-दूसरे को खत्म करने के लिए लड़ाई लड़ी: सामना
दिल्ली में AAP और कांग्रेस दोनों ने एक-दूसरे को खत्म करने के लिए लड़ाई लड़ी. इससे मोदी-शाह के लिए जगह बनी. अगर इसी तरह काम करना है तो गठबंधन वगैरह क्यों बनाया जाए? जी भर के लडो़! महाराष्ट्र के बाद दिल्ली के नतीजों से भी अगर कोई सबक नहीं लेता तो तानाशाह की जीत में योगदान देने का पुण्य ले लो और उसके लिए गंगा स्नान की भी जरूरत नहीं पड़ेगी!
महाराष्ट्र को लेकर भी कांग्रेस पर उठाए सवाल
‘सामना’ में महाराष्ट्र में MVA के दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर भी सवाल उठाया गया है. इसमें कहा गया है, “महाराष्ट्र में भी कांग्रेस के स्थानीय नेता अंत तक खींचतान करते रहे और एक तरह से अंत तक गड़बड़ी की तस्वीर बनी रही.”
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’14 सीटों पर AAP की हार में योगदान’, उद्धव ने BJP की जीत के लिए कांग्रेस को ठहराया जिम्मेदार