108 वर्षीय वृद्धा और दिव्यांग मतदाता बोले- वोट है जरूरी


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पानीपत। नगर पालिका चुनाव में मताधिकार को लेकर सजग बुजुर्ग एवं दिव्यांग मतदाताओं ने मतदान के बाद संदेश किया कि वोट करना जरूरी है। बूथ संख्या पांच और छह पर सुबह 7:10 बजे मतदान शुरू हुआ। मतदान शुरू होने के 20 मिनट बाद अपने बूथों पर बुजुर्ग एवं दिव्यांग मतदाता पहुंचने लगे। कोई व्हीलचेयर तो कोई लाठी के सहारे बूथों पर पहुंचा। बूथ पहुंचने पर पुलिसकर्मी उन्हें सीधे बूथ के अंदर ले गए और मतदान करवाया।
इस कार्य में स्कूल में पढ़ने वाले स्वयंसेवकों की ड्यूटी लगाई गई और हर बूथ पर दो व्हीलचेयर रखवाई गई। इस पर बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को बैठाकर मतदान के लिए स्वयंसेवक लेकर जाते रहे।
108 वर्ष की बहोती देवी बहू और पौत्रवधु के साथ मत डालने पहुंचीं
108 साल की बहोती देवी मतदान शुरू होने के 10 मिनट बाद ही मतदान केंद्र पर अपनी बहू और पौत्र वधू के साथ मतदान करने पहुंच गईं। वह सुबह छह बजे से ही वोट देने जाने के लिए तैयार हो गई थीं। बहोती ज्यादा उम्र होने के कारण ठीक से बोल नहीं पाती हैं।
102 वर्ष की लीलावली परिवार के साथ वोट देने आईं
102 साल की लीलावती वार्ड नंबर आठ के बूथ पर सुबह ही वोट करने परिवार के साथ पहुंच गईं। लीलावती भी ज्यादा उम्र की होने के कारण कुछ बोल नहीं पा रही थीं फिर भी उन्हें पता है कि मतदान करना जरूरी है। 98 साल की समा कौर भी दोपहर 12 बजे अपने पोते के साथ वोटिंग बूथ पर पहुंच गईं। समा कौर चल नहीं पाती हैं। वह व्हीलचेयर पर मतदान करने पहुंचीं।
चलने में असमर्थ, लेकिन जज्बा पूरा
दिव्यांग ईश्वर सिंह के दोनों पैरों में पैरालाइसिस है। वह चलने में असमर्थ हैं। सुबह साढ़े सात बजे वोट डालने के लिए बूथ पर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि मैं दिव्यांग हूं। कहीं समाज भी दिव्यांग न हो जाए, इसलिए वोट डालने आया हूं।

पानीपत। नगर पालिका चुनाव में मताधिकार को लेकर सजग बुजुर्ग एवं दिव्यांग मतदाताओं ने मतदान के बाद संदेश किया कि वोट करना जरूरी है। बूथ संख्या पांच और छह पर सुबह 7:10 बजे मतदान शुरू हुआ। मतदान शुरू होने के 20 मिनट बाद अपने बूथों पर बुजुर्ग एवं दिव्यांग मतदाता पहुंचने लगे। कोई व्हीलचेयर तो कोई लाठी के सहारे बूथों पर पहुंचा। बूथ पहुंचने पर पुलिसकर्मी उन्हें सीधे बूथ के अंदर ले गए और मतदान करवाया।

इस कार्य में स्कूल में पढ़ने वाले स्वयंसेवकों की ड्यूटी लगाई गई और हर बूथ पर दो व्हीलचेयर रखवाई गई। इस पर बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को बैठाकर मतदान के लिए स्वयंसेवक लेकर जाते रहे।

108 वर्ष की बहोती देवी बहू और पौत्रवधु के साथ मत डालने पहुंचीं

108 साल की बहोती देवी मतदान शुरू होने के 10 मिनट बाद ही मतदान केंद्र पर अपनी बहू और पौत्र वधू के साथ मतदान करने पहुंच गईं। वह सुबह छह बजे से ही वोट देने जाने के लिए तैयार हो गई थीं। बहोती ज्यादा उम्र होने के कारण ठीक से बोल नहीं पाती हैं।

102 वर्ष की लीलावली परिवार के साथ वोट देने आईं

102 साल की लीलावती वार्ड नंबर आठ के बूथ पर सुबह ही वोट करने परिवार के साथ पहुंच गईं। लीलावती भी ज्यादा उम्र की होने के कारण कुछ बोल नहीं पा रही थीं फिर भी उन्हें पता है कि मतदान करना जरूरी है। 98 साल की समा कौर भी दोपहर 12 बजे अपने पोते के साथ वोटिंग बूथ पर पहुंच गईं। समा कौर चल नहीं पाती हैं। वह व्हीलचेयर पर मतदान करने पहुंचीं।

चलने में असमर्थ, लेकिन जज्बा पूरा

दिव्यांग ईश्वर सिंह के दोनों पैरों में पैरालाइसिस है। वह चलने में असमर्थ हैं। सुबह साढ़े सात बजे वोट डालने के लिए बूथ पर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि मैं दिव्यांग हूं। कहीं समाज भी दिव्यांग न हो जाए, इसलिए वोट डालने आया हूं।

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