100 वर्ष का इतिहास समेटे हुए है स्वर्णप्रस्थ संग्रहालय की फिल्म गैलरी : सुमित्रा हुड्डा


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स्वर्णप्रस्थ संग्रहालय में बनकर तैयार हुई फिल्म गैलरी का हरियाणवी अभिनेत्री सुमित्रा हुड्डा ने उद्घाटन किया। इस दौरान सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक सुमन मंजरी भी पहुंचीं। मुुंबई से पहुंची फिल्म अभिनेत्री सुमित्रा हुड्डा ने बताया कि ऐसा दुनिया में बहुत कम होता है कि जहां संग्रहालय में फिल्म गैलरी बनाई जाती हो लेकिन स्वर्णप्रस्थ संग्रहालय में फिल्म गैलरी अपने अंदर वास्तव में 100 वर्षों से भी अधिक का इतिहास समेटे हुए है जिससे देश दुनिया से पहुंचने वाले पर्यटकों को इतिहास से जुड़ी रोचक जानकारी प्राप्त होगी।
सुमित्रा हुड्डा ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि उनकी पहली हरियाणवी फिल्म बहुरानी में उन्होंने मुख्य भूमिका के रोल में जिन वस्त्रों को पहना था आज वह संग्रहालय की शोभा बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि संग्रहालय में तैयार हो रही अन्य कई गैलरियां भी आकर्षण का केंद्र हैं जिनमें ऋषि-मुनियों से जुड़ी गैलरी में गुरु गोरखनाथ से संबंधित जानकारी काफी रोचक है। फिल्म गैलरी में हरियाणवी कलाकारों को स्थान देकर सम्मान दिया गया है। उन्होंने कहा कि वह मुंबई जाकर फिल्म गैलरी के विषय में फिल्म अभिनेता व अभिनेत्रियों को जानकारी देंगी। वह भविष्य में जब भी दिल्ली आएंगी तो संग्रहालय देखने के लिए अवश्य पहुंचेंगी।
300 वर्ष पुराना भाप से चलने वाला रोड रोलर होगा आकर्षण
राष्ट्रीय कला केंद्र के संरक्षण विभागाध्यक्ष अचल पांड्या ने बताया कि वह अन्य गैलरियों को भी जल्द ही सजाकर तैयार करवा देंगे। यहां मौजूद 300 वर्ष पुराने रोड रोलर को पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए ठीक करवाकर चलने लायक बनाया जाएगा। प्रतिदिन निर्धारित समय पर इसे चलाकर दिखाया जाएगा।
रहट से चलेगा पानी का फव्वारा
ब्यूटीफिकेशन सोसायटी के सदस्य सचिव राजेश खत्री ने बताया कि संग्रहालय में पुराने समय के दौरान सिंचाई के रूप में इस्तेमाल होने वाले वास्तविक रहट को स्थापित किया जाएगा। जब वह कुएं से पानी निकालेगा, तब उस पानी से फव्वारा चलेगा। यह दृश्य पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगा। उन्होंने बताया कि यह फिल्म गैलरी उन महान विभूतियों को समर्पित है, जिन्होंने संगीत, फिल्म, सांग, रागिनी व गीत के प्रति अपनी कला से मनोरंजन किया। यहां खासतौर पर 9 सांगी की तस्वीरें मौजूद हैं, लेकिन यह विभूति हमारे बीच नहीं हैं। जिनका कार्य आज भी लोगों को सांग के रूप में प्रेरणा देता है।
6 सिनेमा जिले में हुआ करते थे आकर्षण का केंद्र
देश में निर्मित फिल्म परियोजना, कार्बन एआरसी लैंप मॉडल वर्ष 1986 मौजूद है। हालांकि जिले में 6 सिनेमा में हुआ करते थे। जिनमें वर्ष 1955 में सांरग, वर्ष 1956 में मिनर्वा, वर्ष 1977 में तराना, अमृत व बाबा वर्ष 1986 के अतिरिक्त वर्ष 1989 में आनंद सिनेमा अब बंद हो चुके हैं। इनके भवनों को तोड़कर वहां बड़ी बिल्डिंग बना दी गई है।
सिनेमा से जुड़ी जानकारी होगी उपलब्ध
सिनेमा से जुड़ी कुछ पुरानी यादें यहां देखी जा सकती हैं। विशेष रुप से देश के प्रमुख कलाकारों से संबंधित प्रमुख फिल्मों से संबंधित जानकारी यहां उपलब्ध है। वर्ष 1913 में निर्मित भारत की पहली मूक फिल्म राजा हरिश्चंद्र से लेकर वर्ष 2016 की दंगल फिल्म से संबंधित ऐतिहासिक जानकारी उपलब्ध है। हरियाणवी भाषा में निर्मित पहली फिल्म वर्ष 1983 में बहू रानी, सांझी, चंद्रावल, लाडो के पोस्टर आकर्षण का केंद्र है। इस दौरान फिल्म अभिनेत्री सुमित्रा हुड्डा, मेघना मलिक व अनुज शर्मा के फिल्मों में प्रयोग किए गए वस्त्र भी प्रदर्शित हैं जो पुरानी फिल्मों की याद को ताजा करते हैं।
इस दौरान ब्यूटीफिकेशन सोसाइटी के संयुक्त सचिव जसबीर खत्री, सदस्य सचिव राजेश खत्री, राष्ट्रीय कला केंद्र के संरक्षण विभागाध्यक्ष अचल पांड्या ने अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट किए। इस मौके पर डॉ. धर्मबीर शर्मा, प्रवीन, धनसिंह, राकेश कुमार सॉडी, महासिंह, रामनिवास, सुलेख कुमार, सुरेश कुमार, कृष्ण कुमार, बाबा सतपाल नाथ, डॉ. सत्यव्रत त्रिपाठी व रणबीर सिंह रोहिल्ला मौजूद रहे।

स्वर्णप्रस्थ संग्रहालय में बनकर तैयार हुई फिल्म गैलरी का हरियाणवी अभिनेत्री सुमित्रा हुड्डा ने उद्घाटन किया। इस दौरान सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक सुमन मंजरी भी पहुंचीं। मुुंबई से पहुंची फिल्म अभिनेत्री सुमित्रा हुड्डा ने बताया कि ऐसा दुनिया में बहुत कम होता है कि जहां संग्रहालय में फिल्म गैलरी बनाई जाती हो लेकिन स्वर्णप्रस्थ संग्रहालय में फिल्म गैलरी अपने अंदर वास्तव में 100 वर्षों से भी अधिक का इतिहास समेटे हुए है जिससे देश दुनिया से पहुंचने वाले पर्यटकों को इतिहास से जुड़ी रोचक जानकारी प्राप्त होगी।

सुमित्रा हुड्डा ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि उनकी पहली हरियाणवी फिल्म बहुरानी में उन्होंने मुख्य भूमिका के रोल में जिन वस्त्रों को पहना था आज वह संग्रहालय की शोभा बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि संग्रहालय में तैयार हो रही अन्य कई गैलरियां भी आकर्षण का केंद्र हैं जिनमें ऋषि-मुनियों से जुड़ी गैलरी में गुरु गोरखनाथ से संबंधित जानकारी काफी रोचक है। फिल्म गैलरी में हरियाणवी कलाकारों को स्थान देकर सम्मान दिया गया है। उन्होंने कहा कि वह मुंबई जाकर फिल्म गैलरी के विषय में फिल्म अभिनेता व अभिनेत्रियों को जानकारी देंगी। वह भविष्य में जब भी दिल्ली आएंगी तो संग्रहालय देखने के लिए अवश्य पहुंचेंगी।

300 वर्ष पुराना भाप से चलने वाला रोड रोलर होगा आकर्षण

राष्ट्रीय कला केंद्र के संरक्षण विभागाध्यक्ष अचल पांड्या ने बताया कि वह अन्य गैलरियों को भी जल्द ही सजाकर तैयार करवा देंगे। यहां मौजूद 300 वर्ष पुराने रोड रोलर को पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए ठीक करवाकर चलने लायक बनाया जाएगा। प्रतिदिन निर्धारित समय पर इसे चलाकर दिखाया जाएगा।

रहट से चलेगा पानी का फव्वारा

ब्यूटीफिकेशन सोसायटी के सदस्य सचिव राजेश खत्री ने बताया कि संग्रहालय में पुराने समय के दौरान सिंचाई के रूप में इस्तेमाल होने वाले वास्तविक रहट को स्थापित किया जाएगा। जब वह कुएं से पानी निकालेगा, तब उस पानी से फव्वारा चलेगा। यह दृश्य पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगा। उन्होंने बताया कि यह फिल्म गैलरी उन महान विभूतियों को समर्पित है, जिन्होंने संगीत, फिल्म, सांग, रागिनी व गीत के प्रति अपनी कला से मनोरंजन किया। यहां खासतौर पर 9 सांगी की तस्वीरें मौजूद हैं, लेकिन यह विभूति हमारे बीच नहीं हैं। जिनका कार्य आज भी लोगों को सांग के रूप में प्रेरणा देता है।

6 सिनेमा जिले में हुआ करते थे आकर्षण का केंद्र

देश में निर्मित फिल्म परियोजना, कार्बन एआरसी लैंप मॉडल वर्ष 1986 मौजूद है। हालांकि जिले में 6 सिनेमा में हुआ करते थे। जिनमें वर्ष 1955 में सांरग, वर्ष 1956 में मिनर्वा, वर्ष 1977 में तराना, अमृत व बाबा वर्ष 1986 के अतिरिक्त वर्ष 1989 में आनंद सिनेमा अब बंद हो चुके हैं। इनके भवनों को तोड़कर वहां बड़ी बिल्डिंग बना दी गई है।

सिनेमा से जुड़ी जानकारी होगी उपलब्ध

सिनेमा से जुड़ी कुछ पुरानी यादें यहां देखी जा सकती हैं। विशेष रुप से देश के प्रमुख कलाकारों से संबंधित प्रमुख फिल्मों से संबंधित जानकारी यहां उपलब्ध है। वर्ष 1913 में निर्मित भारत की पहली मूक फिल्म राजा हरिश्चंद्र से लेकर वर्ष 2016 की दंगल फिल्म से संबंधित ऐतिहासिक जानकारी उपलब्ध है। हरियाणवी भाषा में निर्मित पहली फिल्म वर्ष 1983 में बहू रानी, सांझी, चंद्रावल, लाडो के पोस्टर आकर्षण का केंद्र है। इस दौरान फिल्म अभिनेत्री सुमित्रा हुड्डा, मेघना मलिक व अनुज शर्मा के फिल्मों में प्रयोग किए गए वस्त्र भी प्रदर्शित हैं जो पुरानी फिल्मों की याद को ताजा करते हैं।

इस दौरान ब्यूटीफिकेशन सोसाइटी के संयुक्त सचिव जसबीर खत्री, सदस्य सचिव राजेश खत्री, राष्ट्रीय कला केंद्र के संरक्षण विभागाध्यक्ष अचल पांड्या ने अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट किए। इस मौके पर डॉ. धर्मबीर शर्मा, प्रवीन, धनसिंह, राकेश कुमार सॉडी, महासिंह, रामनिवास, सुलेख कुमार, सुरेश कुमार, कृष्ण कुमार, बाबा सतपाल नाथ, डॉ. सत्यव्रत त्रिपाठी व रणबीर सिंह रोहिल्ला मौजूद रहे।

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