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कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सेना पर दिए गए बयान पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने पलटवार किया है. एलजेपीआर मुखिया ने कहा कि इससे ज्यादा शर्मनाक और दुखद बात कोई नहीं हो सकती है. देश के नेता प्रतिपक्ष की सोच ऐसी है, जो हमारी सेना को जात-पात में बांट कर देख रहे हैं. यह बयान बेहद शर्मनाक है. देश की सेना अगर लोगों की सुरक्षा कर रहे हैं तो वह जात पात देखकर नहीं करते हैं.
चिराग पासवान ने कहा, ‘देश में सबसे ज्यादा लंबे समय तक कांग्रेस का शासन रहा है, इंदिरा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और राजीव गांधी इन्हीं के परिवार थे. सेना में अगर जाति के नाम पर विभाजन करवाना था तो करवा देते. वोट के लिए ध्रुवीकरण की राजनीति अलग होती है मगर सेना को कभी भी राजनीति में नहीं लाना चाहिए. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बयान ने देश की सेना जो बॉर्डर पर शहीद हुए हैं, उनकी भावना को भी ठेस पहुंचाने का काम किया है.’
राजनाथ सिंह ने भी राहुल गांधी को घेरा
देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी राहुल गांधी को इस बयान पर घेरा है. उन्होंने कहा कि सैनिकों के लिए केवल एक ही धर्म है, सैन्य धर्म. उन्होंने कहा, ‘आरक्षण होना चाहिए. हम आरक्षण का समर्थन करते हैं और इसे गरीबों को दिया है, लेकिन जब सेना की बात आती है तो हमारे सैनिक केवल एक ही धर्म, सैन्य धर्म का पालन करते हैं. इसके अलावा कोई दूसरा धर्म नहीं है. सेना में राजनीति न लाएं. जब भी देश पर संकट आया है, हमारे सैनिकों ने अपने साहस और पराक्रम से भारत को गौरवान्वित किया है.’
क्या कहा था राहुल गांधी ने?
राहुल गांधी ने मंगलवार (04 नवंबर, 2025) को औरंगाबाद की रैली में कहा था, ‘देश की 90 फीसदी आबादी दलित, महादलित, पिछड़ी, अति पिछड़ी या अल्पसंख्यक समुदायों से है. 500 सबसे बड़ी कंपनियों की लिस्ट निकालें तो आपको पिछड़े या दलित समुदायों का कोई भी व्यक्ति वहां नहीं मिलेगा. वे सभी शीर्ष 10 फीसदी से आते हैं. सभी नौकरियां उन्हीं के पास जाती हैं. सेना में उन्हीं 10 फीसदी लोगों का कंट्रोल है.’
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‘10% आबादी का सेना में कंट्रोल’, राहुल गांधी के बयान पर भड़के चिराग, कहा- इससे ज्यादा शर्मनाक


