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Eye Flu in India : कंजक्टिवाइटिस, जिसे हम आम भाषा में आई फ्लू के नाम से जानते हैं, एक संक्रामक और मौसमी बीमारी है. भारत में जब-जब मौसम में बदलाव होता है, आई फ्लू तेजी से लोगों को अपना शिकार बनाती है.कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis), कंजंक्टिवा यानी आंख का सफेद हिस्से में सूजन होता है. इससे आंख का सफेद वाले हिस्से और पलकेों के अंदर को ढकने वाली पतली और पारदर्शी परत को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. इसलिए आई स्पेशलिस्ट्स आई फ्लू इन्फेक्शन से बचने की सलाह देते हैं. आइए जानते हैं यह कैसे फैलता है, इसका कारण क्या है और इससे बचने के उपाय…

आई फ्लू क्या है
डॉक्टर्स के अनुसार, आई फ्लू कॉमन इंफेक्शन है. इसकी चपेट में कभी न कभी हर कोई आता है. इस इंफेक्शन के होने से आंखों में जलन और खुजली होने लगती है. यह बीमारी काफी तेजी से फैल सकती है. जब आई फ्लू का इंफेक्शन काफी ज्यादा हो जाता है तो यह आंखों की पतली झिल्ली तक पहुंचकर खुजली की समस्या पैदा कर देता है और इससे आंखों में सूजन आ सकती है. यह इंफेक्शन एक आंख से शुरू होकर दूसरी आंख और एक इंसान से दूसरे तक पहुंचता है. इसमें आंखों का रंग पहले पीला फिर धीरे-धीरे लाल हो जाता है.
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आई फ्लू कितने तरह के होते हैं
1. नॉर्मल आई फ्लूः
2. बैक्टीरियल कंजक्टिविटी
3. वायरल कंजक्टिविटी
4. एलर्जिक कंजक्टिविटी
5. गोनोकोकल कंजक्टिविटी
आई फ्लू इंफेक्शन का कारण क्या है
1. आई फ्लू वायरस और बैक्टीरिया से फैलता है. इसकी वजह हीमोफिलस बैक्टीरिया है.
2. यह बैक्टीरिया कनेक्टिविटी सेक्शुअल रिलेशन से भी फैल सकता है.
3. डिलीवरी के दौरान मां इस बैक्टीरिया या वायरस की चपेट में आ सकती हैं, जिससे बच्चों में भी इसका असर देखा जाता है.
4. नवजात शिशु में डिलीवरी के 5-12 दिनों तक यह बैक्टीरियल कंजक्टिविटी (आई फ्लू) दिख सकता है.
5. कॉस्मेटिक या कॉन्टेक्ट लेंस
6. धूल और मिट्टी की वजह से भी आई फ्लू हो सकता है.
7. कुछ चीजों से एलर्जी की वजह से भी यह समस्या हो सकती है.
आई फ्लू के लक्षण
आंखें लाल होकर सूज जाती हैं
धुंधला नजर आना
आंखों से खून आ सकता है
पलकों पर सूजन हो सकता है
पलकें चिपक जाती हैं
खुजली, दर्द और आंखों में गड़न
तेज रोशनी आंखों को चुभना
आई फ्लू इंफेक्शन से बचने के लिए क्या करें
आंखों को न छुएं, न रगड़ें
सोने से पहले कॉन्टैक्ट लेंस हटा दें
इंफेक्शन होने पर स्विमिंग न करें.
पानी से दो-तीन बार आंखों को साफ करें
तौलिया, चश्मा, तकिया शेयर न करें
साबुन, गर्म पानी से हाथ अच्छी तरह साफ करें
बच्चों को स्कूल बैग में सैनेटाइजर दें
धूल-मिट्टी से आंखों को बचाएं.
आई फ्लू होने वाले से दूरी बनाएं.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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1-2 नहीं 5 तरह के होते हैं आई फ्लू, जान लें लक्षण और बचाव