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पंजाब सरकार के बजट के आंकड़े अगर आपकी समझ से बाहर हो रहे हैं तो हम इन्हें आसान भाषा में समझा देते हैं। सरकार ने कितना बजट बनाया है? ये पैसा कहां से लाएगी? कहां सबसे ज्यादा खर्च करेगी? ये सब आप आसानी से समझ पाएंगे।

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वित्त मंत्री के रूप में हरपाल चीमा ने चौथा बजट पेश किया। पंजाब को बदलने की थीम पर पंजाब सरकार अगले वित्त वर्ष तक 2.36 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी। यह पैसा नशे के खात्मे, बिजली सब्सिडी, शिक्षा, एग्रीकल्चर, इंडस्ट्री जैसे मुख्य सेक्टरों के अलावा शहरों व गांवों के विकास पर खर्च के लिए रखा गया है।
मगर, बजट में सबसे ज्यादा खर्च वेतन,पेंशन, कर्ज के मूलधन और उस पर लगने वाले ब्याज को चुकाने पर हो रहा है। सरकार 1 रुपए में 53 पैसे वेतन, पेंशन, कर्ज का मूलधन और उसका ब्याज चुकाने में खर्च कर रही है। इसके अलावा मुफ्त की बिजली योजना (घरेलू व कृषि) पूरी करने के लिए सरकार 17 हजार 606 करोड़ खर्च करेगी। पंजाब सरकार को फ्री की योजनाओं को पूरा करने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। ये कर्ज ही बजट से लगभग डेढ़ गुना से ज्यादा हो चुका है। पंजाब सरकार पर 3 लाख 74 हजार 737 करोड़ का कर्ज है। प्रति व्यक्ति के हिसाब से देखें तो पंजाब पर इतना कर्ज है कि हर व्यक्ति के हिस्से 1.24 लाख रुपए कर्ज आता है।
केंद्र से राज्यों को कैसे मिलता है टैक्स प्रदेश को केंद्र से मिलने वाला टैक्स और मदद का हिस्सा फिक्स होता है। पहले राज्य सरकारें अपने स्तर पर कई अप्रत्यक्ष कर वसूलती थीं, लेकिन GST लागू होने के बाद अप्रत्यक्ष कर के संग्रह में भी केंद्र की हिस्सेदारी बढ़ी है। हालांकि, राज्यों को राजस्व नुकसान के मुआवजे के तौर पर केंद्र टैक्स देता है।
किसी राज्य को केंद्रीय करों में से कितना हिस्सा मिलेगा, इसकी सिफारिश वित्त आयोग करता है। संविधान के अनुच्छेद-280 में वित्त आयोग बनाने का प्रावधान है। राज्यों को केंद्रीय करों में हिस्सा डेमोग्राफिक परफॉर्मेंस, इनकम, आबादी, जंगल, इकोलॉजी और कर जुटाने के साथ-साथ घाटा कम करने के लिए किए गए प्रयासों को देखकर दिया जाता है।
वहीं, केंद्र से राज्य सरकार को मिलने वाली मदद भी फिक्स है। फिर राज्य की अपनी कमाई कहां से होती है? इसे नीचे दी गई स्लाइड से समझिए…


अब समझते हैं कि पैसा कहां खर्च करती है सरकार सवाल ये उठाता है कि अगर सरकार बजट में एक रुपया खर्च करने का प्लान करती है तो ये एक रुपया बंटता कैसे है यानी जाता कहां है। इसे ऐसे समझिए…अगर सरकार ने बजट में 1 रुपए रखा है तो उसमें से 53 पैसे वेतन, पेंशन, कर्ज चुकाने पर खर्च हो रहे हैं। बाकी बचे 47 पैसे हेल्थ और अन्य सेक्टर में खर्च हो रहे। 1 रुपए में से लगभग 21 पैसे तो कर्ज का मूलधन व ब्याज चुकाने में जा रहे हैं।
सरकार खर्च करने के लिए पैसे का भी इंतजाम करती है। ये पैसा स्टेट जीएसटी (SGST), वैट, शुल्क और शराब बेचने से मिलने वाले टैक्स से आता है। सबसे ज्यादा पैसा स्टेट जीएसटी से मिलता है। ये बजट का 26.49% यानी लगभग ₹8 लाख 91 हजार 301 करोड़ बनता है। इसी तरह शराब ठेकों की नीलामी से सरकार को 10,576 करोड़ रुपए मिलते हैं। यानी कुल बजट का 4.48% पैसा एक्साइज से आता है।


पंजाब सरकार पर बजट से ज्यादा कर्ज पंजाब लगातार कर्ज में डूबता जा रहा है। AAP सरकार के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने 2026-26 के बजट में राज्य पर कर्ज की स्थिति बताई है। बजट डॉक्यूमेंट के अनुसार राज्य पर 3 लाख 74 हजार 737 करोड़ रुपए कर्ज है जो पिछले साल यानी 2024 की तुलना में 25,927 करोड़ रुपए बढ़ा है।
मौजूदा समय में पंजाब पर GSDP का 42.05 फीसदी कर्ज है। पंजाब की जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 3 करोड़ है जिस हिसाब से प्रत्येक व्यक्ति 1 लाख 24 हजार 912 का कर्जाई है। हालांकि ये कर्ज सरकार द्वारा ली गई उधारी के कारण है, न कि पर्सनल कर्ज है।

फ्री योजनाएं पूरी करने के चक्कर में बढ़ रहा कर्ज पंजाब में ये कर्ज विभिन्न तरह की योजनाओं को पूरा करने के लिए लिया जा रहा है। एक बड़े खर्च के रूप में बिजली सब्सिडी पर 17,606 करोड़ रुपए जा रहे हैं। इसमें सरकार किसानों को ट्यूबवेल के लिए और घरेलू बिजली मुफ्त दे रही है। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि पंजाब में 90 फीसदी लोग मुफ्त बिजली का फायदा उठा रहे हैं। इसके अलावा महिलाओं की मुफ्त बस यात्रा पर भी बड़ा पैसा खर्च हो रहा है। वित्त मंत्री के अनुसार 2024-25 में पंजाब में महिलाओं ने 12 करोड़ फ्री ट्रिप लगाए हैं।

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1 रुपए में 53 पैसे कर्ज, वेतन-पेंशन पर खर्च: GST के बाद शराब, पेट्रोल-डीजल से ज्यादा कमाई; अपने पैसे का हिसाब जानिए… – Chandigarh News