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करनाल। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत जिले में 75 तरह के पौधों से इस बार धरती का शृंगार किया जाएगा। इसके लिए वन विभाग की ओर से तैयारी कर ली गई है। जिले की 11 नर्सरियों में विभिन्न प्रजातियों के 15 लाख से अधिक पौधे तैयार हैं। इनमें छायादार, लकड़ी, फलदार, फूल और औषधीय पौधे शामिल हैं।
वन विभाग द्वारा पौधरोपण अभियान के दौरान विभिन्न विभागों, संस्थाओं के माध्यम से इन्हें अलग-अलग स्थानों पर लगाया जाएगा। जिला वन अधिकारी जयकुमार ने बताया कि जिले में कुल 11 नर्सरियां स्थापित हैं। शाहपुर, बल्ला, रंगरूटीखेड़ा, मंगलपुर, घरौंडा, मुनक, मलिकपुर, शेखपुरा, कंबोपुरा, इंद्री एस्केप और मनक माजरा नर्सरी में पौधे तैयार किए गए हैं। ब्यूरो
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इस प्रजाति की इतनी पौधे हैं तैयार
– छायादार प्रजाति : नीम के 24631 पौधे, बरगद के 3376, पीपल के 4592, पिलखन के 3996, कट सांगवान के 10835, पापड़ी के 71234, कुसुम के 5320, चोकरसिया के 28268, मोलसिरी के 1070, बकैन के 27428, बहेरा के 31015 और अन्य 37597 पौधे तैयार हैं। कुल 249362 छायादार पौधे तैयार हैं।
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– लकड़ी प्रजाति : शीशम के 229704, सफेदा के 26150, टून के 16506, टीक के 635, सिंबल के 100, अर्जुन के 114674, अलन्थस के 300, सिरिस के 18290, खैर के 1800 व अन्य 8220 पौधे तैयार हैं। इस तरह से लकड़ियों में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न नर्सरियों में कुल 416379 पौधे तैयार हैं।
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– फलदार प्रजाति : आम के 664, जामुन के 133164, अमरूद के 84660, अनार के 3255, इमली के 27725, पपीता के 36157, नींबू के 19180, बेर के 19670, लसूड़ा के 27189, आंवला के 21829, बेल पत्थर के 14288 व अन्य 7415 पौधे तैयार हैं। इस तरह कुल 395196 फलदार पौधे तैयार हैं।
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– सजावटी पौधे : जकारंदा के 9470, अमाल्टस के 40705, कचनर के 23975, गोल्ड मोहर 36484, सिल्वर ओक के 38091, सी सलामिया के 16920, किगेलिया के 49055, कदम में 8290, एलस्टोनिया के 6061, सदाबहार के 1100, पुतरनजीवा के 12025 और अन्य 141638 पौधे तैयार हैं। कुल 383814 सजावटी पौधे तैयार हैं।
करनाल। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत जिले में 75 तरह के पौधों से इस बार धरती का शृंगार किया जाएगा। इसके लिए वन विभाग की ओर से तैयारी कर ली गई है। जिले की 11 नर्सरियों में विभिन्न प्रजातियों के 15 लाख से अधिक पौधे तैयार हैं। इनमें छायादार, लकड़ी, फलदार, फूल और औषधीय पौधे शामिल हैं।
वन विभाग द्वारा पौधरोपण अभियान के दौरान विभिन्न विभागों, संस्थाओं के माध्यम से इन्हें अलग-अलग स्थानों पर लगाया जाएगा। जिला वन अधिकारी जयकुमार ने बताया कि जिले में कुल 11 नर्सरियां स्थापित हैं। शाहपुर, बल्ला, रंगरूटीखेड़ा, मंगलपुर, घरौंडा, मुनक, मलिकपुर, शेखपुरा, कंबोपुरा, इंद्री एस्केप और मनक माजरा नर्सरी में पौधे तैयार किए गए हैं। ब्यूरो
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इस प्रजाति की इतनी पौधे हैं तैयार
– छायादार प्रजाति : नीम के 24631 पौधे, बरगद के 3376, पीपल के 4592, पिलखन के 3996, कट सांगवान के 10835, पापड़ी के 71234, कुसुम के 5320, चोकरसिया के 28268, मोलसिरी के 1070, बकैन के 27428, बहेरा के 31015 और अन्य 37597 पौधे तैयार हैं। कुल 249362 छायादार पौधे तैयार हैं।
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– लकड़ी प्रजाति : शीशम के 229704, सफेदा के 26150, टून के 16506, टीक के 635, सिंबल के 100, अर्जुन के 114674, अलन्थस के 300, सिरिस के 18290, खैर के 1800 व अन्य 8220 पौधे तैयार हैं। इस तरह से लकड़ियों में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न नर्सरियों में कुल 416379 पौधे तैयार हैं।
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– फलदार प्रजाति : आम के 664, जामुन के 133164, अमरूद के 84660, अनार के 3255, इमली के 27725, पपीता के 36157, नींबू के 19180, बेर के 19670, लसूड़ा के 27189, आंवला के 21829, बेल पत्थर के 14288 व अन्य 7415 पौधे तैयार हैं। इस तरह कुल 395196 फलदार पौधे तैयार हैं।
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– सजावटी पौधे : जकारंदा के 9470, अमाल्टस के 40705, कचनर के 23975, गोल्ड मोहर 36484, सिल्वर ओक के 38091, सी सलामिया के 16920, किगेलिया के 49055, कदम में 8290, एलस्टोनिया के 6061, सदाबहार के 1100, पुतरनजीवा के 12025 और अन्य 141638 पौधे तैयार हैं। कुल 383814 सजावटी पौधे तैयार हैं।
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