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पगड़ी संभाल जट्टा संघर्ष समिति के सदस्यों की बैठक वीरवार को जाट धर्मशाला में जिला अध्यक्ष सतीश बैनीवाल की अध्यक्षता में हुई। जिसमें फैसला लिया गया कि किसानों- मजदूरों की मांगों को लेकर 3 अक्तूबर को लघु सचिवालय का घेराव करेंगे। जिसमें किसान, मजदूर सहित सामाजिक संगठनों के सदस्य भी हिस्सा लेंगे।
जिला अध्यक्ष सतीश बैनीवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि किसानाें की पूरी फसल चौपट हो गई है। किसानों पर आश्रित मजदूरों के पास भी अब दो से तीन महीने तक कोई काम नहीं है। सरकार की ओर से मनरेगा के तहत काम नहीं दिया जा रहा। बीमा कंपनी किसानों को मुआवजा नहीं देना चाहती। इसलिए कुछ लोग किसानों से खाली कागजों पर हस्ताक्षर करा कर ले जा रहे हैं। ऐसे दस्तावेजों का दुरुपयोग होने की आशंका है। बीमा कंपनियों में किसानों का 2022 तथा 2024 का बीमा क्लेम भी अब तक बकाया है। जनवरी 2025 में ओलावृष्टि से हुए नुकसान का बीमा क्लेम भी आज तक नहीं मिला। अधिकारियों की समय पर घग्गर ड्रेन की सफाई व मजबूती न किए जाने के कारण जिले में बाढ़ की तबाही आई। प्रदेश सरकार ने जल निकासी का सारा काम सरपंचों पर छोड़ दिया है। सरपंचों को कोई अतिरिक्त बजट भी नहीं दिया जा रहा। इन मांगों को लेकर 3 अक्तूबर को लघु सचिवालय का घेराव करेंगे। मनरेगा मजदूर यूनियन के जिला प्रधान रमेश नापा ने कहा कि मनरेगा के तहत मजदूरों को काम नहीं दिया जा रहा। अब खेताें में काम नहीं बचा तो मजदूर कहां जाए। किसानों से ज्यादा खराब हालात तो मनरेगा मजदूर के हो गए हैं। हम किसानों के साथ मिलकर दोनों की आवाज उठाएंगे। हर एक मनरेगा मजदूर को एक एक लाख की आर्थिक मदद दी जाए। जिन लोगों के मकान क्षतिग्रस्त हुए उनके नए पक्के मकान बनवाए जाएं।
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हिसार: पगड़ी संभाल जट्टा संघर्ष समिति तथा मनरेगा मजदूरों की संयुक्त बैठक, 3 अक्तूबर को करेंगे लघु सचिवालय का घेराव


