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खेती-किसानी के लिए सबसे अहम समय शुरू हो चुका है। गेहूं और सरसों की बिजाई नज़दीक है लेकिन किसानों के लिए सबसे बड़ी चिंता बन चुकी है डीएपी खाद की किल्लत। हालात यह हैं कि सोमवार तड़के 4 बजे से ही सिवानी मंडी की खाद-बीज दुकानों के बाहर लंबी-लंबी लाइनें लग गईं।
सुबह से ही दुकानों पर महिलाओं से लेकर बुजुर्ग किसानों तक की भीड़ उमड़ पड़ी। सड़क किनारे भरे गंदे पानी में बैठकर किसान घंटों अपनी बारी का इंतजार करते रहे। किसान संजय मील, विनोद कादयान, सोमबीर, मान सिंह, धर्मवीर, विक्रम, रामकुमार , मुरली, मुरारी लाल चावला, भागीरथ शर्मा, बजरंग ग्रोवर, प्रेम कुमार, सतिंदर,रामरति, फुलवंती, संतरों देवी, कमला और सुमन ने बताया कि वे सुबह 4 बजे से दुकान के बाहर खड़े हैं लेकिन सुबह 10 बजे तक भी खाद का वितरण शुरू नहीं हुआ। उन्होंने सवाल उठाया कि जब बारिश और बाढ़ के चलते फसल पहले ही संकट में है तो किसानों को खाद के लिए क्यों तरसाया जा रहा है। किसानों का कहना है कि सरकार सिर्फ दो कट्टे खाद ही एक आधार कार्ड पर दे रही है जबकि हकीकत यह है कि किसानों को कम से कम पांच कट्टे एक बार में चाहिए ताकि उन्हें बार-बार लाइन में न लगना पड़े। भीड़ ज्यादा होने के कारण कई बार धक्का-मुक्की और बहस की स्थिति भी बन गई। शहर में जाम लग गया, जिससे राहगीरों को भी दिक्कतें झेलनी पड़ीं। पुलिस प्रशासन मौके पर मौजूद रहा लेकिन भीड़ और अव्यवस्था को नियंत्रित करने में उन्हें खासी मशक्कत करनी पड़ी। किसानों ने कहा कि यदि समय पर पर्याप्त खाद उपलब्ध नहीं कराई गई तो आने वाली फसलों की बिजाई प्रभावित हो सकती है, जिसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ेगा
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हिसार: खाद के लिए सुबह 4 बजे से लाइन में लगे किसान, गंदे पानी में बैठकर किया इंतजार


