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कहा जाता है कि अगर आपका काम आप शौक भी है तो उस काम को आप पूरा दिल लगाकर करते हो और उसमें आपकी सफलता के चांस भी ज्यादा है। शहर निवासी रेणुका ने भी इन्हीं बातों पर अमल किया और अपने शौक को ही बिजनेस का रूप दे दिया। इसी का परिणाम है कि रणुका आज अपने पैरों पर खड़ी हैं और घर को चलाने में अपने पति का पूरा साथ निभा रही हैं।
रेणुका ने बताया कि मैं बीटेक पास हूं। मेरे पति एक ग्राफिक डिजाइनर और फ्रीलांसर हैं। पहले मैं उन्हीं के साथ काम करती थी। मगर जब मुझे बच्चा हुआ तो मैं घर से बाहर जाकर काम नहीं कर सकती थी। मगर मुझे घर पर खाली भी नहीं बैठना था। मैंने सोचा कि कुछ ऐसा किया जाए जिससे कुछ आय भी हो। मैं बचपन से क्राफ्टिंग करती थी और मुझे इसका काफी शौक रहा तो मैंने अपने इसी शौक को बिजनेस का रूप देने का फैसला किया।
5 हजार रुपये से शुरू किया काम
इस काम के लिए मैंने वर्ष 2018 में रॉयल मक्रेम के नाम से फर्म बनाई। शुरुआत में मैंने इस काम में 5 हजार रुपये का निवेश किया। मैंने शुरू में मक्रेम आर्ट से कुछ चाबी के छल्ले बनाए। मैंने ऑनलाइन इस सामान को बेचना शुरू किया। धीरे-धीरे मुझे सोशल मीडिया से ऑर्डर मिलने शुरू हुए। शुरुआत में थोड़ी आय हुई तो उसी से आगे काम को बढ़ाया। फिर मैंने पर्दे व गलीचे आदि भी बनाने शुरू किए। यूट्यूब की मदद से कला को और निखारा। जो कमियां थीं, उन्हें दूर किया। धीरे धीरे ऑर्डर की संख्या बढ़ने लगी
कई जगहों से आता है कच्चा माल
रेणुका ने बताया कि लॉकडाउन में बिक्री बढ़ी लेकिन इस दौरान कंपीटीशन भी बढ़ा। रेणुका के मुताबिक मैं इस काम के लिए कच्चा माल गुजरात, मुंबई, पानीपत व दिल्ली आदि जगहों से मंगवाती हूं। रेणुका का कहना है कि अगर कोशिश करे तो इस फील्ड में काफी काम है और आय अच्छी खासी आय भी हो सकती है। रेणुका ने बताया कि मैं भीख नहीं किताब दो नाम के एक एनजीओ में बच्चों को निशुल्क यह कला सिखाती हूं।
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हिसार की रेणुका ने शौक को बिजनेस का दिया रूप, घर बैठे ही कर रही क्राफ्टिंग का बिजनेस


