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इजराइल पर हिजबुल्लाह के ड्रोन हमले के बाद घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। इस हमले को इस साल का हिजबुल्लाह का इजराइल पर सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है।
हिजबुल्लाह ने रविवार रात इजराइल के हाइफा इलाके में गोलानी मिलिट्री बेस पर हमला किया। इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) के मुताबिक इस हमले में 4 सैनिकों की मौत हो गई और कम से कम 58 सैनिक घायल हुए हैं। इनमें 7 गंभीर रूप से घायल हैं।
यह हमला राजधानी तेल अवीव से 40 मील दूर बिनयामिना टाउन में हुआ है। इजराइली मिलिट्री के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने कहा कि कोई भी ड्रोन बिना किसी वॉर्निंग के इजराइली हवाई सीमा के अंदर कैसे आ सकता है, इसकी जांच हो रही है। हमें बेहतर सुरक्षा करनी चाहिए थी।
संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि IDF के ट्रेनिंग बेस पर ड्रोन्स की बरसात कर दी। उन्होंने उन जगहों पर विस्फोट किया जहां पर इजराइली सैनिक मौजूद थे। वे लेबनान पर हमले की तैयारी के लिए योजना बना रहे थे।

हिजबुल्लाह के हमले में इन चार इजराइली सैनिकों की मौत हुई।

उधर, इजराइल ने सोमवार सुबह सेंट्रल गाजा के स्कूल में एयर स्ट्राइक की है। इस हमले में 22 लोगों की मौत हुई है। वहीं, करीब 80 घायल हुए हैं। गाजा में पिछले 1 साल से जारी इजराइली हमलों में 42 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
कमला हैरिस बोलीं- गाजा में मदद पहुंचाए इजराइल अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने रविवार को सोशल मीडिया पर लिखा कि इजराइल को गाजा में खाने के ट्रक भेजने के लिए तुरंत काम करना चाहिए। लोगों तक खाना, पानी और दवा का पहुंचना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान किया जाना चाहिए।
गाजा में पिछले 2 सप्ताह से खाने का संकट पैदा हो गया है। यूएन की वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने शुक्रवार को कहा कि गाजा में मिलने वाली खाद्य मदद को इजराइल ने रोक रखा है। अगस्त में 700 खाने के ट्रक गाजा भेजे गए थे। सितंबर में यह संख्या घटकर 400 हो गई थी। इस महीने अब तक एक भी ट्रक गाजा में दाखिल नहीं हुआ है। यूएन ने कहा कि इससे गाजा में भुखमरी का संकट पैदा हो गया है।
गाजा पर इजराइल के हमले से जुड़ी तस्वीरें…

इजराइल की बमबारी की वजह से गाजा में पिछले 9 दिनों में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।

सेंट्रल गाजा में इजराइली हमले के बाद आग बुझाते बचावकर्मी

गाजा के अल-अक्सा हॉस्पिटल पर इजराइली हमले के बाद का दृश्य।
इजराइल में तैनात किए जाएंगे अमेरिकी सैनिक ईरान और हिजबुल्लाह के हमले के बाद अमेरिका ने इजराइल के एयर डिफेंस को और मजबूत करने के लिए एक टर्मिनल हाई-एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) भेजने का फैसला किया है। इसकी निगरानी के लिए 100 अमेरिकी सैनिक भी तैनात किए जाएंगे।
अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने कहा कि THAAD से इजराइल का एयर डिफेंस सिस्टम और मजबूत होगा। THAAD और स्पेशल सैनिक एक सप्ताह के भीतर इजराइल भेजे जाएंगे। THAAD को बैलिस्टिक मिसाइल हमले को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है। THAAD मिसाइलों को ट्रक पर लगे लॉन्चर से दागा जाता है।


हिजबुल्लाह ने ईरान के ड्रोन से किया हमला टाइम्स ऑफ इजराइल को मिली जानकारी के मुताबिक शुरुआती जांच से पता चला है कि हिजबुल्लाह के दो ड्रोन समुद्र से इजराइली हवाई क्षेत्र में घुसे थे। दोनों ही ‘मिरसाद’ ड्रोन थे। इसे ईरान में अबाबील-टी के नाम से जाना जाता है। इसका इस्तेमाल आत्मघाती हमले में किया जाता है। यह ड्रोन 40 किलोग्राम तक विस्फोटक ले जा सकता है।

ईरान बोला- हमला हुआ तो आर-पार की होगी लड़ाई ईरान ने एक बार फिर से इजराइल को धमकी दी है। ईरान ने कहा कि अगर उनकी जमीन पर हमला होता है तो इसका कड़ा जवाब दिया जाएगा। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अगघची ने कहा-
अमेरिका हालिया समय में इजराइल को रिकॉर्ड हथियार भेज रहा है। अब वह अपने एयर डिफेंस सिस्टम को भी वहां तैनात कर रहा है और अपने सैनिकों की जान को खतरे में डाल रहा है। अगर हम पर कोई हमला होता है तो अपने लोगों की हिफाजत के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।

अरघची ने ये भी कहा कि हाल के दिनों में ईरान ने जंग रोकने की कई कोशिशें की हैं। 1 अक्टूबर को इजराइल पर हुए मिसाइल अटैक के बाद से कई इजराइली नेताओं ने ईरान पर पलटवार की धमकी दी है।
लेबनान में इजराइली हमले तेज हुए…
13 अक्टूबर: इजराइली टैंक लेबनान में UN बेस में घुसे
- लेबनान के रामिया में मौजूद यूनाइटेड नेशन्स के बेस पर 13 अक्टूबर को इजराइली सेना ने हमला किया। इजराइली सेना के 2 टैंक बेस का मेन गेट तोड़कर परिसर के अंदर घुस गए। घटना सुबह करीब 4:30 बजे की है।
- जिस दौरान इजराइली टैंक बेस में घुसे, उस समय बेस पर मौजूद पीसकीपर्स शेल्टर्स में मौजूद थे। पीसकीपर्स ने जब उनका विरोध किया, तो 45 मिनट के बाद इजराइली सैनिक बेस से बाहर निकल गए।
- बेस से 100 मीटर के नजदीक ही गोलीबारी भी हुई, जहां से भारी धुआं उठ रहा था। ये धुआं बेस में घुस रहा था, जिसकी वजह से 15 पीसकीपर्स को आंखों में जलन और सांस संबंधी तकलीफों का सामना करना पड़ा।
12 अक्टूबर: इजराइली हमले में लेबनान के 13 लोगों की मौत
- इजराइल ने 12 अक्टूबर को लेबनान के 2 कस्बों पर भी हमले किए। इनमें एक ‘बारजा’ बेरूत से 32 किलोमीटर दूर है, जहां ज्यादातर सुन्नी आबादी वाले लोग रहते हैं। इजराइल के हमले में यहां 4 लोग मारे गए। हिजबुल्लाह शियाओं का संगठन है, इसके चलते लेबनान जंग में इजराइल ने अब तक शिया इलाकों को निशाना बनाया था।
- अमेरिकी मीडिया हाउस CNN के मुताबिक सुन्नी कस्बे पर हमला पहली बार हुआ है। वहीं, उत्तरी लेबनान के मायसरा में भी इजराइली हमले में 9 लोगों की मौत हुई है। दूसरी तरफ इजराइल ने दावा किया है हिजबुल्लाह ने शनिवार को उन पर 300 प्रोजेक्टाइल (छोटी मिसाइलें) दागी हैं।
- लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि शनिवार को लेबनान में इजराइली हमलों में 51 लोग मारे गए और 174 घायल हो गए।

इजराइल ने शनिवार देर रात को बेरूत के शॉपिंग मॉल और दुकानों को निशाना बनाया।
ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमला कर सकता है इजराइल ईरान ने हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत का बदला लेने के लिए 1 अक्टूबर को इजराइल पर 200 मिसाइलें दागी थीं। अमेरिका को शक है कि इसका बदला लेने के लिए इजराइल अब ईरान के सैन्य ठिकानों को निशाना बना सकता है। अमेरिकी मीडिया हाउस NBC ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से ये जानकारी दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका को नहीं लगता कि इजराइल पलटवार में ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों को निशाना बनाएगा। हालांकि, ईरान के एनर्जी इंफ्रास्ट्रकचर पर अटैक की आशंका भी जताई गई है।
वहीं, ईरान ने अमेरिका और मिडिल ईस्ट के कुछ देशों को कहा है कि अगर इजराइल ने हमला किया तो वे जवाब जरूर देंगे। ईरान से तनातनी के बीच नेतन्याहू आज फिर से कैबिनेट की मीटिंग करेंगे।
इसमें ये चर्चा की जाएगी कि ईरान के 1 अक्टूबर को किए गए हमले पर पलटवार कैसे करें। इससे पहले शुक्रवार को भी एक बैठक हुई थी। हालांकि, उसमें कोई फैसला नहीं हो पाया था।
दावा- ईरान के साथ इजराइल पर हमला करना चाहता था हमास हमास ने पिछले साल 7 अक्टूबर को इजराइल पर जो हमला किया उसकी साजिश 2 साल पहले 2021 में ही रची जा चुकी थी। हमास ने ईरान और हिजबुल्लाह से भी हमले में साथ देने की अपील की थी।
अमेरिकी मीडिया हाउस न्यूयॉर्क टाइम्स ने इजराइली सेना के हाथ लगी हमास की मीटिंग के दस्तावेजों के आधार पर ये खुलासा किया है। NYT ने दावा किया है कि उन्हें हमास की 10 बैठकों की जानकारी मिली है।
इनमें से एक बैठक ईरानी कमांडर मोहम्मद सईद इजादी और हमास के सीनियर अधिकारियों और हिजबुल्लाह के बीच हुई थी। दावा किया गया है कि हमास ने इजादी और हिजबुल्लाह से इजराइल के अहम ठिकानों पर हमला करने के लिए साथ देने की बात कही थी।
इस पर इजादी और हिजबुल्लाह ने कहा था कि वे इजराइल पर हमले के उद्देशय का समर्थन करते हैं, लेकिन हमले के लिए माहौल बनाने में समय लगेगा। ईरान और हिजबुल्लाह ने इन आरोपों को खारिज किया है। ईरान ने कहा है कि ये डॉक्यूमेंट्स में कोई सच्चाई नहीं है। हमास के 7 अक्टूबर के हमले की प्लानिंग के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी।
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मिडिल ईस्ट में जंग से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…
ईरान बोला-नेतन्याहू की मदद करने वाले अरब देश नतीजा भुगतेंगे

ईरान ने अरब देशों और मिडिल ईस्ट में अमेरिका के सहयोगियों के लिए चेतावनी जारी की है। ईरान ने कहा कि अगर किसी भी देश ने इजराइल को उस पर हमला करने में मदद की या अपने एयरस्पेस का इस्तेमाल करने दिया, तो उसे खामियाजा भुगतना होगा। पूरी खबर यहां पढ़ें…
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हिजबुल्लाह का इजराइली मिलिट्री बेस पर ड्रोन अटैक: 4 सैनिकों की मौत; इजराइल में अमेरिका THAAD डिफेंस सिस्टम तैनात करेगा

