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- Lokpal Gives Clean Chit To Former SEBI Chief Madhabi Puri Buch, Said No Material To Order Investigation,
नई दिल्ली33 मिनट पहले
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SEBI की पूर्व चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को हिंडनबर्ग मामले में लोकपाल ने क्लिनचिट दे दी है। लोकपाल की एंटी करप्शन बॉडी ने हिंडनबर्ग केस में उनके खिलाफ सभी शिकायतों का निपटारा कर दिया है। लोकपाल ने कहा है कि बुच के खिलाफ जांच का आदेश देने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं हैं।
लोकपाल ने आदेश में कहा, ‘हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि शिकायतों में लगाए गए आरोप अनुमानों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इसके अलावा इस मामले में कोई भी वेरिफाइड मटेरियल नहीं मिला है। इसलिए उनके खिलाफ की गईं सभी शिकायतों को खारिज किया जाता है।’
लोकपाल ने कहा, ‘शिकायतकर्ताओं ने इस स्थिति के प्रति सचेत रहते हुए रिपोर्ट से स्वतंत्र होकर आरोपों को स्पष्ट करने का प्रयास किया। लेकिन हमारे द्वारा आरोपों के एनालिसिस से यह निष्कर्ष निकला कि वे सभी आरोप अपुष्ट, अप्रमाणित और तुच्छ हैं।’ इसके अलाव लोकपाल ने अपने आदेश में कहा कि किसी भी आरोप में कोई दम नहीं है।
लोकपाल ने माधबी बुच के खिलाफ लगाए गए 5 मुख्य आरोपों की जांच की
- माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने अडाणी ग्रुप में निवेश से जुड़े एक फंड में काफी बड़ी रकम निवेश की।
- M&M और ब्लैकस्टोन इंक जैसी कंपनियों से कंसल्टेंसी सर्विसेज फीस की आड़ में लेन-देन किया।
- किराए की इनकम की आड़ में वॉकहार्ट से लेन-देन किया।
- 2017 से 2024 के बीच पांच साल की अवधि में ICICI बैंक के ESOP बेचकर अनुचित लाभ कमाया।
- M&M और ब्लैकस्टोन इंक से जुडे़ मामलों से खुद को अलग करने का दिखावा किया।
लोकपाल ने कहा, ‘शिकायतकर्ता बिना पुख्ता सबूतों के हल्के-फुल्के और कमजोर आरोप लगाकर सिर्फ मामले को बड़ा और राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। इससे लोकपाल की प्रक्रिया का महत्व कम हो गया है। ये शिकायतें परेशान करने वाली हैं, जिन पर कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है।
लोकपाल ने यह भी साफ किया कि शिकायतकर्ताओं ने कोई ठोस सबूत नहीं दिए। आदेश में कहा गया कि शिकायतकर्ता हमसे चाहते हैं कि हम ऐसे आरोपों की जांच करें, जो बेबुनियाद, अटकलों पर आधारित हैं।’
माधबी की उसी विदेशी फंड में हिस्सेदारी, जिसमें अडाणी का निवेश: हिंडनबर्ग
अगस्त में अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी है। वहीं बुच ने इन आरोपों को “निराधार” और “चरित्र हनन” का प्रयास बताया था।

माधबी बुच ने कहा था- हमारी जिंदगी और फाइनेंसेस एक खुली किताब है
तब SEBI चेयरपर्सन ने सभी फाइनेंशियल रिकॉर्ड डिक्लेयर करने की इच्छा व्यक्त की थी। अपने पति धवल बुच के साथ एक जॉइंट स्टेटमेंट में उन्होंने कहा था कि हमारा जीवन और फाइनेंसेस एक खुली किताब है।
इससे पहले अडाणी ग्रुप पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाकर हिंडनबर्ग रिसर्च चर्चा में आई थी। व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों के आधार पर हिंडनबर्ग ने दावा किया था कि बुच और उनके पति की मॉरीशस की ऑफशोर कंपनी ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में हिस्सेदारी है।
हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में कथित तौर पर अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने अरबों डॉलर निवेश किए हैं। इस पैसे का इस्तेमाल अडाणी ग्रुप के शेयरों के दामों में तेजी लाने के लिए किया गया था।
अडाणी ग्रुप ने कहा था- हिंडनबर्ग ने अपने फायदे के लिए ऐसा किया
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट का अडाणी ग्रुप ने भी खंडन किया था। ग्रुप ने कहा था- हिंडनबर्ग ने अपने फायदे के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी का गलत इस्तेमाल किया। अडाणी ग्रुप पर लगाए आरोप पहले ही निराधार साबित हो चुके हैं। गहन जांच के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2024 में हिंडनबर्ग के आरोपों को खारिज कर दिया था।

अडाणी ग्रुप पर लगाए थे मनी लॉन्ड्रिंग, शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप
24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। रिपोर्ट के बाद ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली थी। हालांकि, बाद में इसमें रिकवरी आई। इस रिपोर्ट को लेकर भारतीय शेयर बाजार रेगुलेटर सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने हिंडनबर्ग को 46 पेज का कारण बताओ नोटिस भी भेजा था।
1 जुलाई 2024 को पब्लिश किए अपने एक ब्लॉग पोस्ट में हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा था कि नोटिस में बताया गया है कि उसने नियमों उल्लंघन किया है। कंपनी ने कहा था, SEBI ने आरोप लगाया है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में पाठकों को गुमराह करने के लिए कुछ गलत बयान शामिल हैं। इसका जवाब देते हुए हिंडनबर्ग ने SEBI पर ही कई तरह के आरोप लगाए थे।

Source: https://www.bhaskar.com/business/news/lokpal-gives-clean-chit-to-former-sebi-chief-madhabi-puri-buch-said-no-material-to-order-investigation-135121125.html

