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Arthritis Symptom: गठिया एक ऐसी बीमारी है, जिससे भारत में एक बड़ी आबादी प्रभावित है. यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें जोड़ों में सूजन, दर्द और अकड़न की समस्या होती रहती है. बढ़ती उम्र के साथ यह समस्या बढ़ने लगती है. पहले इसको बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था, लेकिन बदलते लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से आजकल बड़ी संख्या में युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. इसके कई टाइप होते हैं, रुमेटॉइड आर्थराइटिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस और गाउट इसमें प्रमुख हैं. चलिए आपको बताते हैं कि हाथ-पैर में इसके कौन से लक्षण दिखाई देते हैं, जिनको हमें इग्नोर नहीं करना चाहिए.
क्या होता है गठिया
अब सबसे पहले आपको बताते हैं कि गठिया क्या होता है. यह एक तरह से जोड़ों का सूजन होता है, जिसमें दर्द, अकड़न और लालिमा जैसे लक्षण दिखते हैं. यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा खतरा 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और महिलाओं में होता है. इसके जितने भी प्रकार होते हैं, जैसे कि रुमेटॉइड आर्थराइटिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस और गाउट इनके लक्षण अलग-अलग दिखते हैं.
क्या होते हैं इसके लक्षण
NCBI, National Library of Medicine के अनुसार, इसका सबसे नॉर्मल लक्षण जो होता है, वह शुरुआती जोड़ में दर्द का होना है. शुरुआत में कम दर्द बाद में गंभीर समस्या बन जाता है और गठिया का रूप ले लेता है. प्रभावित जोड़ के आसपास सूजन आ सकती है, जो छूने पर गरम भी महसूस हो सकती है. इसके अलावा गठिया के मरीज अक्सर सुबह उठने पर हाथ-पैरों में जकड़न महसूस करते हैं. यह दिक्कत कुछ मिनट से लेकर कुछ घंटे तक रह सकती है. Cleveland Clinic के अनुसार, जोड़ों को पूरी तरह से मोड़ने या सीधा करने में दिक्कत होना गठिया का एक और संकेत है. इसमें इंसान को नॉर्मल काम में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. PMC Research के अनुसार, गठिया केवल जोड़ों को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि पूरे शरीर को थका हुआ और कमजोर बना देता है. इसकी खास दिक्कत रुमेटॉइड आर्थराइटिस में हमें ज्यादा देखने को मिलती है. अगर आपको ये लक्षण दिखते हैं, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
बचाव के लिए क्या करें
अब जब हम इसके बारे में और इसके लक्षण को जान चुके हैं, तो हमारे मन में अगला सवाल आता है कि इससे बचाव के लिए क्या करना होगा. इससे बचने का सबसे पहला उपाय है कि अपने वजन को कंट्रोल में रखें. मोटापा गठिया की बीमारी में एक बड़ा कारण बनता है, खासकर घुटनों और पैरों के जोड़ों पर दबाव बढ़ाता है. कई रिसर्च इस बात पर जोर देते हैं कि मोटापा कम करने से गठिया की दिक्कत से राहत मिलती है. दूसरे नम्बर पर आता है डायटिंग. इससे बचने के लिए यह जरूरी है कि आपकी थाली या फिर डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, ओमेगा-3 युक्त भोजन (जैसे मछली, अलसी के बीज, अखरोट) हों, जो जोड़ों की सूजन कम करने में मददगार होते हैं.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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