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पेशाब का रंग, मात्रा और प्रकार में बदलाव हो सकता है. जैसे पेशाब में झाग आना या फोमीली होना, लगातार पेशाब आना या बहुत कम पेशाब होना, या पेशाब में खून आना . ये सभी किडनी समस्या के संकेत हो सकते हैं और इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

डॉक्टर नविनाथ एम कहते हैं कि शुरुआती चरणों में किडनी खराब होने के कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते या बहुत हल्के होते हैं. इसलिए नियमित ब्लड, यूरिन टेस्ट और डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है ताकि बीमारी को जल्दी पकड़ा जा सके.

किडनी की बीमारी होने पर महिलाओं को थकान, कमजोरी और भूख कम लगने जैसी शिकायतें हो सकती हैं. ये लक्षण शरीर में खून की कमी (एनीमिया) या शरीर में विषाक्त पदार्थ बढ़ने के कारण होते हैं.

किडनी रोग की शुरुआत में लक्षण हल्के होते हैं या दिखते ही नहीं हैं. इसलिए नियमित स्वास्थ्य जांच, ब्लड और यूरिन टेस्ट जरूरी हैं. अगर कोई लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ताकि समय रहते इलाज शुरू हो सके.
Published at : 13 Aug 2025 08:01 AM (IST)
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