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चंडीगढ़ प्रशासन की याचिका खारिज कर हाईकोर्ट ने तय किए JBT भर्ती की नई कसौटी।
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि जूनियर बेसिक टीचर (JBT) पद के लिए योग्यता अब शिक्षा का अधिकार कानून (RTE) और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) के तय मानकों के अनुरूप होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा में डिप्लोमा (D.
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इससे पहले चंडीगढ़ प्रशासन ने कैट (सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल) के उस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि JBT भर्ती में केवल D.El.Ed. ही नहीं, बल्कि B.El.Ed. वाले उम्मीदवारों को भी शामिल किया जाए।
कोर्ट ने दिया प्रशासन को नियमों में तालमेल लाने का निर्देश
जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस मीनाक्षी आई. मेहता की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि RTE एक्ट और NCTE की अधिसूचनाओं को ध्यान में रखते हुए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अपने नियमों में तालमेल लाना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी तकनीकी चूक की वजह से किसी योग्य अभ्यर्थी को बाहर नहीं किया जा सकता। प्रशासन का यह दायित्व था कि समय पर नियमों को संशोधित करता ताकि पात्र उम्मीदवारों को उचित मौका मिल सके।
2010 से लागू नियम
कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि वर्ष 2010 से ही NCTE के जो नियम लागू हैं, उनके अनुसार केंद्र और राज्य सरकारों को अपनी भर्ती नीति को उसी अनुरूप बनाना था। लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन ने इसमें चूक की, जिससे पात्र अभ्यर्थियों का नुकसान हुआ।
कोर्ट ने यह कहते हुए चंडीगढ़ प्रशासन की याचिका खारिज कर दी कि JBT पद के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी के पास प्रारंभिक शिक्षा का उपयुक्त ज्ञान होना अनिवार्य है, चाहे वह डी.एल.एड. हो या बी.एल.एड.।
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हाईकोर्ट ने तय की JBT भर्ती की नई कसौटी: बी.एल.एड. और डी.एल.एड. दोनों योग्यताएं मानी जाएंगी मान्य, चंडीगढ़ प्रशासन ने कैट के आदेश को चुनौती – Chandigarh News