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सीबीआई ने एडवोकेट अंकुश धनेरवाल पर दर्ज किया केस।
सीबीआई एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) चंडीगढ़ ने एडवोकेट अंकुश धनेरवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। हाईकोर्ट ऑर्डर में बताया गया है कि ₹4,50,000 की रकम एडवोकेट अंकुश धनेरवाल को
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ये मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश में दर्ज किया गया है। इसके अलावा वकील को धमकाने के मामले में सीबीआई ने मोहाली के पूर्व सरपंच बलविंदर सिंह और उसके बेटे रंजीत सिंह पर एफआईआर दर्ज की है।
हाईकोर्ट ने कहा था कि वकील अंकुश धनेरवाल पर लगे आरोपों की जांच की जाए। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने मुवक्किल बलविंदर सिंह और उनके बेटे रंजीत सिंह से कोर्ट से उनके पक्ष में फैसला करवाने के लिए पैसे मांगे थे। आरोप है कि यह रिश्वत सरकारी वकील और न्यायिक अधिकारी के नाम पर मांगी गई थी। एफआईआर में बलविंदर सिंह और रंजीत सिंह की शिकायतें भी जोड़ी गई हैं।
इन धाराओं के एफआईआर दर्ज
हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने यह मामला दर्ज किया है। यह केस भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 और 7A (जो 2018 में बदली गई थीं) और नए कानून बीएनएस 2023 की धारा 61(2) के तहत दर्ज किया गया है।
वकील ने ऐसे मांगे पैसे
एफआईआर में बताया गया है कि बलविंदर सिंह और रंजीत सिंह ने वकील अंकुश धनेरवाल को कुल ₹4,50,000 फीस अदा की थी। इसके बाद 27 नवंबर 2024 को हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि पंचायत चुनाव की दोबारा गिनती के लिए शिकायत दर्ज की जाए।
इस पर अंकुश धनेरवाल ने कहा कि वह फिर से हाईकोर्ट में अपील करेंगे और इसके लिए ₹5,45,000 फीस लगेगी। इसके तहत अलग-अलग तारीखों पर ₹2,60,000/- वकील को गूगल पे के माध्यम से दिए गए।
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट।
पैसे वापस मांगे तो धमकाया
इसके बाद 28 फरवरी 2025 को वकील कोर्ट में नहीं आए, जिसके चलते हाईकोर्ट ने केस खारिज कर दिया। बाद में रंजीत सिंह ने दोबारा केस दाखिल किया, लेकिन 28 मार्च 2025 को उसे वापस ले लिया।
एफआईआर में बताया गया कि रंजीत और बलविंदर सिंह ने फीस और केस फाइल वापस मांगने पर अंकुश धनेरवाल से संपर्क किया, लेकिन वकील ने धमकाना शुरू कर दिया। उन्होंने कई बार फोन और मुलाकात की और वकील के गांव नगली, तौहाना, हरियाणा जाकर भी उसे पाया कि घर बंद था। वहां वकील के चाचा ने बताया कि अंकुश धनेरवाल पहले भी कई लोगों से धोखाधड़ी कर चुके हैं।
इसके बाद वकील ने उनके खिलाफ झूठी शिकायतें थाना सदर, तौहाना और सेक्टर-3 थाना, चंडीगढ़ में दीं, लेकिन खुद जांच में पेश नहीं हुए। रंजीत सिंह ने 12 अगस्त 2025 को DGP, चंडीगढ़ को शिकायत दी।
पूर्व सरपंच और उसके बेटे पर एफआईआर
हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने पूर्व सरपंच बलविंदर सिंह और उसके बेटे रंजीत सिंह के खिलाफ वकील अंकुश धनेरवाल को धमकाने और डराने-धमकाने के आरोपों में केस दर्ज किया है।
मामला दरअसल हाईकोर्ट के आदेश से जुड़ा है। 22 अगस्त 2025 को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस संदीप मौदगिल ने वकील अंकुश धनेरवाल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को निर्देश दिया था कि बलविंदर सिंह और उसके बेटे रंजीत सिंह द्वारा दी जा रही धमकियों और डराने-धमकाने की शिकायतों पर कार्रवाई की जाए।
अदालत ने इस मामले में सीबीआई को जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद सीबीआई ने नियमित केस दर्ज किया। आरोप है कि बलविंदर सिंह और उसके बेटे ने वकील अंकुश धनेरवाल को बार-बार धमकाया, यहां तक कि वे 24 मई, 28 मई, 2 जून और 23 जुलाई 2025 को उसके घर हथियारों के साथ पहुंचे और उसे जान से मारने की धमकी और कोर्ट परिसर और बार लाइब्रेरी तक में पहुंचकर उसे “सबक सिखाने” की चेतावनी देते रहे।

हाईकोर्ट ने दिए एफआईआर दर्ज करने के आदेश।
संगरूर के किसान ने हाईकोर्ट में लगाई याचिका
पंजाब के जिला संगरूर के गांव मैदेवास निवासी रंजीत सिंह ने हाईकोर्ट के एडवोकेट अंकुश धनेरवाल पर लाखों रुपए हड़पने, झूठे केस दर्ज करवाने और धमकाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। शिकायतकर्ता ने इस संबंध में डीजीपी चंडीगढ़ को लिखित शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है।
रंजीत सिंह के अनुसार, उनके पिता बलविंदर सिंह अक्टूबर 2024 में हुए सरपंची चुनाव में उम्मीदवार बनना चाहते थे। विरोधी पक्ष ने गांव की दो कनाल जमीन को लेकर झूठे आरोप लगाकर नामांकन रोकने की कोशिश की। इस पर उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट, चंडीगढ़ में याचिका दायर करने के लिए एडवोकेट अंकुश धनेरवाल को ₹4 लाख 50 हजार फीस देकर वकील नियुक्त किया।
धनेरवाल ने याचिका दाखिल की, जिसके बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि बलविंदर सिंह नामांकन भर सकते हैं। 3 अक्टूबर 2024 को रंजीत सिंह ने ₹1 लाख 50 हजार नकद और गूगल पे के माध्यम से वकील को भुगतान किया।
15 अक्टूबर 2024 को चुनाव हुआ, जिसमें गांव के सतनाम सिंह को विजेता घोषित किया गया। इसके बाद 17 नवंबर को रंजीत सिंह ने दोबारा मतगणना के लिए केस दायर करने की बात कही। वकील ने कहा कि आदेश दो हफ्तों में आ जाएगा। रंजीत सिंह ने इसके लिए ₹50 हजार नकद और ₹40 हजार, ₹30 हजार, ₹11 हजार व ₹65 हजार गूगल पे के जरिए भेजे।
27 नवंबर को कोर्ट ने आदेश दिया कि एसडीएम सुनाम के पास दोबारा गिनती के लिए शिकायत दायर की जाए। इसके बावजूद वकील ने कहा कि वह खुद हाईकोर्ट में अपील करेगा और ₹15 लाख 45 हजार फीस लगेगी। रंजीत सिंह ने ₹2 लाख 60 हजार रुपए और ट्रांसफर किए।
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हाईकोर्ट के आदेश पर CBI ने की वकील पर FIR: चंडीगढ़ के अंकुश धनेरवाल पर रिश्वत मांगने का आरोप, सरपंच और बेटे पर FIR – Chandigarh News