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हल्दीराम में हिस्सेदारी खरीदना चाहती है पेप्सिको: न्यूयॉर्क ह्डक्वार्टर के एग्जीक्यूटिव्स ने अग्रवाल परिवार से चर्चा की, टेमासेक और अल्फा वेव भी रेस में Business News & Hub

हल्दीराम में हिस्सेदारी खरीदना चाहती है पेप्सिको:  न्यूयॉर्क ह्डक्वार्टर के एग्जीक्यूटिव्स ने अग्रवाल परिवार से चर्चा की, टेमासेक और अल्फा वेव भी रेस में Business News & Hub

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नई दिल्ली24 मिनट पहले

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टेमासेक और अल्फा वेव ग्लोबल के बाद अब पेप्सिको भी हल्दीराम स्नैक्स फूड में हिस्सेदारी खरीदना चाहती है। इन बिडर्स की अभी अग्रवाल परिवार के साथ विस्तृत चर्चा चल रही है। बिडर्स हल्दीराम में 10-15% स्टेक हासिल करना चाहते हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पेप्सिको के न्यूयॉर्क ह्डक्वार्टर के वरिष्ठ अधिकारियों ने हाल ही में स्टेक हासिल करने के संबंध में अग्रवाल परिवार के सदस्यों के साथ चर्चा शुरू की है। हालांकि ये चर्चाएं शुरुआती चरण में हैं।

इससे पहले हिस्सेदारी बिक्री को लेकर मोंडेलेज़, केलॉग्स और टाटा कंज्यूमर के साथ भी चर्चा हुई थी, लेकिन ये चर्चाएं बिना किसी समझौते के खत्म हो गईं। पेप्सिको की पूर्व सीईओ इंद्रा नूई के साथ हुई बातचीत भी असफल रही थी।

वर्ष 24 में हल्दीराम का 12,800 करोड़ रुपए का रेवेन्यू रहा हल्दीराम ने वित्त वर्ष 24 में 12,800 करोड़ रुपए का रेवेन्यू हासिल किया। कंपनी 500 प्रकार के स्नैक्स, नमकीन, मिठाइयां, रेडी टू ईट और प्री-मिक्स्ड फूड आइटम्स बेचती है। कंपनी का वैल्यूएशन 85,000-90,000 करोड़ रुपए के बीच होने की उम्मीद है।

हल्दीराम के स्नैक्स सिंगापुर और अमेरिका जैसे विदेशी बाजारों में भी बेचे जाते हैं। इसकी शुरुआत 1937 में एक छोटी सी दुकान से हुई थी।

हल्दीराम के स्नैक्स सिंगापुर और अमेरिका जैसे विदेशी बाजारों में भी बेचे जाते हैं। इसकी शुरुआत 1937 में एक छोटी सी दुकान से हुई थी।

स्नैक मार्केट 13% हिस्सेदारी, 1937 में हुई थी शुरुआत यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल के अनुसार, भारत के 6.2 अरब डॉलर के स्नैक मार्केट में हल्दीराम की लगभग 13% हिस्सेदारी है। इसके स्नैक्स सिंगापुर और अमेरिका जैसे विदेशी बाजारों में भी बेचे जाते हैं। कंपनी के पास लगभग 150 रेस्तरां हैं। इसकी शुरुआत 1937 में एक छोटी सी दुकान से हुई थी।

वेस्टर्न स्नैक्स में पेप्सिको 24% हिस्सेदारी के साथ लीडर चिप्स और नाचोस जैसे वेस्टर्न स्नैक्स में, पेप्सिको 24% बाजार हिस्सेदारी के साथ लीडर है। हालांकि, नमकीन, भुजिया और चना चूर जैसे पारंपरिक भारतीय स्नैक्स में इसकी सीमित उपस्थिति है। हल्दीराम के साथ कोलेबोरेशन के माध्यम से पेप्सिको अपने आप को इस सेगमेंट में भी मजबूत करना चाहती हैं।

साल 2000 में पेप्सिको ने अंकल चिप्स का अधिग्रहण किया था पेप्सिको ने साल 2000 में अमृत एग्रो लिमिटेड से अंकल चिप्स का अधिग्रहण किया था। जब इसका स्नैक्स डिवीजन फ्रिटो ले के रूप में संचालित होता था। अंकल चिप्स अब एक वैल्यू ब्रांड के रूप में मुख्य रूप से टियर 2 और 3 बाजारों में सर्व करता है। कंपनी ने 2016-17 में वेस्टर्न स्नैक्स कैटेगरी में डोरिटोस नाचोस लॉन्च किया था।

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