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Haryana News: ऊंचा गांव के किसान दयाल दास सैनी अब सुनपेड़ में 4 एकड़ ज़मीन पर ककड़ी और तोरी की खेती कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि खेती में मेहनत और खर्च दोनों ज्यादा है, लेकिन बिजली की भारी किल्लत से फसलें सूख …और पढ़ें
हाइलाइट्स
- किसान दयाल दास सैनी बिजली की कमी से परेशान हैं.
- बिजली की कमी से ककड़ी और तोरी की फसलें सूख रही हैं.
फरीदाबाद: बल्लभगढ़ के ऊंचा गांव के रहने वाले किसान दयाल दास सैनी इन दिनों सुनपेड़ गांव में खेती कर रहे हैं. पहले उनकी खेती ऊंचा गांव में थी, लेकिन वहां हुड्डा की जमीन अधिग्रहण में चली गई. इसके बाद उन्होंने सुनपेड़ गांव में 4 एकड़ जमीन ली, जहां वो अब सब्जियां उगा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि खेती में यूरिया डीएपी और देसी खाद का इस्तेमाल होता है. हर हफ्ते सिंचाई करनी पड़ती है. एक बार सूखा पानी और एक बार खाद के साथ. इसके अलावा हर हफ्ते कीटनाशक दवाओं का स्प्रे भी जरूरी होता है. कीड़े लगने पर कोराजिन नाम की दवाई डालनी पड़ती है जो बहुत महंगी आती है और हर किसान इसे खरीद नहीं सकता.

उन्होंने कहा कि अगर फॉल्ट हो जाए तो कई कई दिन लाइट नहीं आती. इसी वजह से फसलें सूख रही हैं और नुकसान झेलना पड़ता है. किसान ने कहा कि मेहनत तो बहुत है लेकिन बिना बिजली के मेहनत का पूरा फल नहीं मिल रहा. सुनपेड़ गांव के किसान चाहते हैं कि सरकार उन्हें बिजली की समस्या से राहत दिलाए ताकि उनकी मेहनत बर्बाद न जाए और खेतों की हरियाली बनी रहे. क्योंकि खेती में मेहनत बहुत है.
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