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- Harsh Goenka’s Column The Time Has Come For Us To Increase Our Soft Power
हर्ष गोयनका चेयरमैन, आरपीजी ग्रुप
कुछ ही हफ्तों में दुनिया के नेता और उद्योगपति स्विट्जरलैंड के शांत, सुरम्य शहर दावोस में एकत्र होंगे, जहां वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम आयोजित किया जाएगा। इस साल इस आयोजन का विषय है- बुद्धिमत्ता के युग के लिए सहभागिता।
यह आयोजन स्विट्जरलैंड की सॉफ्ट पावर को दर्शाता है। वह एक छोटा-सा देश है, जिसने विश्वास और तटस्थता के मूल्यों को कुशलता से गढ़ा और वैश्विक मंच पर अपनी अलग पहचान बनाई। यह बताता है कि सही रणनीति से छोटे देश भी विश्व-मंच पर बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
सॉफ्ट पावर का अर्थ है अपनी संस्कृति, मूल्यों और कूटनीति के माध्यम से दुनिया पर प्रभाव डालना। आज केवल आर्थिक और सैन्य शक्ति ही पर्याप्त नहीं है- शिक्षा, तकनीक, कला और सांस्कृतिक धरोहरें कहीं गहरी छाप छोड़ती हैं। यह दिल और दिमाग को जीतने का वह तरीका है, जिसे हार्ड पावर से हासिल नहीं किया जा सकता।
इन मायनों में अमेरिका का कोई सानी नहीं। हॉलीवुड की फिल्मों से लेकर मैकडॉनल्ड्स जैसी फास्ट-फूड चेन तक- उसने अपनी संस्कृति और उत्पादों को दुनिया के जीवन का हिस्सा बना दिया है। हार्वर्ड, येल और स्टैनफर्ड वैश्विक शिक्षा के प्रतीक बन गए हैं।
संगीत में एल्विस प्रेस्ली से लेकर टेलर स्विफ्ट तक अनेक कलाकार दुनिया में मशहूर हैं। एप्पल और गूगल जैसी कंपनियां ग्लोबल इनोवेशन का नेतृत्व करती हैं और अमेरिका की छवि को आविष्कारों और स्वतंत्रता की भूमि के रूप में प्रस्तुत करती हैं।
चीन ने अपनी सॉफ्ट पावर का निर्माण बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव जैसी परियोजनाओं के जरिए किया है, जिससे उसने आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत किया है। ओलिम्पिक जैसे आयोजनों की बेहतरीन मेजबानी करने की उसकी क्षमता उसकी वैश्विक आकांक्षाओं का प्रमाण है। जबकि चीनी व्यंजन, पारंपरिक चिकित्सा और मार्शल आर्ट विश्वभर में लोकप्रिय हैं। आलोचनाओं के बावजूद, चीन की आधुनिकता और सांस्कृतिक परंपराओं का मेल उसे एक शक्तिशाली वैश्विक खिलाड़ी बनाता है।
जापान ने भी परंपरा और आधुनिकता के अद्भुत संतुलन से अपनी सॉफ्ट पावर को मजबूत किया है। एनीमे, मंगा और वीडियो गेम्स ने जापान को युवा पीढ़ी के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय बनाया है। सुशी और रामेन जैसे व्यंजन अब वैश्विक भोजन का हिस्सा हैं। टोयोटा, सोनी और निन्टेंडो जैसी कंपनियों ने जापान को तकनीकी इनोवेशन का पर्याय बना दिया है। कार्यक्षमता को सुंदरता से जोड़ने की जापान की अनूठी कला दुनिया में उसका एक खास मुकाम बनाती है।
दक्षिण कोरिया ने भी सॉफ्ट पावर के क्षेत्र में तेजी से अपनी पहचान बनाई है। कोरियन-वेव ने बीटीएस और ब्लैकपिंक जैसे के-पॉप बैंड्स को ग्लोबल स्टार बना दिया है। स्क्विड गेम और पैरासाइट जैसी फिल्मों ने मनोरंजन के क्षेत्र में नए मानक स्थापित किए हैं।
सैमसंग और हुंडई जैसी कंपनियां कोरिया की तकनीकी शक्ति का प्रतीक हैं। दक्षिण कोरिया ने साबित किया है कि मनोरंजन, तकनीक और संस्कृति के माध्यम से राष्ट्रीय छवि को कैसे वैश्विक ऊंचाइयों तक ले जाया जा सकता है।
माइकेलेंजेलो और दा विंची की कलाकृतियों से लेकर रोम और वेनिस के अभिभूत कर देने वाले वास्तुशिल्प तक- इटली की सांस्कृतिक विरासत आज भी दुनिया को प्रेरित करती है। फैशन जगत में गुच्ची, प्राडा और वर्साचे जैसे ब्रांड दुनिया के ट्रेंड्स तय करते हैं। मिलान फैशन वीक और वेनिस बिएनाले जैसे आयोजन इटली को कला और स्टाइल का केंद्र बनाए रखते हैं। पिज्जा और पास्ता दुनिया भर के लोगों के पसंदीदा व्यंजन बने हुए हैं।
भारत के पास भी अपनी सॉफ्ट पावर को वैश्विक स्तर पर मजबूत करने की संभावना है। योग और आयुर्वेद दुनिया में पहचान बना चुके हैं। भारतीय सिनेमा ने रूस, जापान और मध्य-पूर्व के लोगों को मोहित किया है। भारतीय व्यंजन सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हैं। यूपीआई और आधार जैसे तकनीकी-इनोवेशन भारत की आधुनिक शक्ति का प्रमाण हैं। दुनिया की शीर्ष कंपनियों का नेतृत्व करने वाले भारतवंशी भी भारत की छवि को और मजबूत बनाते हैं।
सॉफ्ट पावर राष्ट्रीय प्रतिष्ठा और वैश्विक रिश्तों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। भारत के पास अवसर है। हमें अपनी ताकतों को सामने लाना होगा, कहानियां सुनानी होंगी और आत्मविश्वास से विश्व-मंच पर अपनी जगह बनानी होगी।
सॉफ्ट पावर राष्ट्रीय प्रतिष्ठा और वैश्विक रिश्तों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। भारत के पास अवसर है। हमें अपनी ताकतों को सामने लाना होगा, कहानियां सुनानी होंगी और विश्व-मंच पर जगह बनानी होगी। (ये लेखक के अपने विचार हैं)
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हर्ष गोयनका का कॉलम: समय आ गया है कि हम भी अपनी सॉफ्ट-पावर को बढ़ाएं