हरियाणा सरकार ने नए डीजीपी की नियुक्ति के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी ) को आईपीएस अधिकारियों का पैनल नहीं भेजा है। ऐसी स्थिति में मौजूदा डीजीपी शत्रुजीत कपूर अगले आदेश तक अपने पद पर बने रहेंगे। शत्रुजीत अक्तूबर 2026 में रिटायर होंगे।
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यूपीएससी ने मांगा था अफसरों का पैनल
यूपीएससी ने अप्रैल में ही हरियाणा सरकार को अफसरों का पैनल भेजने को कहा था। पैनल तैयार करने से पहले गृह विभाग तीन अफसरों का चयन करती है और उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट मंगवाती है। गोपनीय रिपोर्ट तैयार होने के बाद ही अफसरों का पैनल यूपीएससी को भेजा जाता है। उसके बाद यूपीएससी योग्य अफसर का नाम राज्य सरकार को भेजती है। इस पूरी प्रक्रिया में ही कम से कम छह महीने का समय लगता है। राज्य सरकार ने फिलहाल यह प्रक्रिया शुरू नहीं की है। इससे माना जा रहा है कि राज्य सरकार शत्रुजीत को आगे भी डीजीपी बनाए रखना चाहती है।
दो साल होता है डीजीपी का न्यूनतम कार्यकाल
डीजीपी का न्यूनतम कार्यकाल दो साल का होता है। राज्य सरकार चाहे तो डीजीपी को दो साल से ज्यादा समय तक बनाए रख सकती है। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव को नियुक्त हुए तीन साल से ज्यादा का समय हो चुका है। हालांकि वे कार्यकारी डीजीपी के पद पर तैनात हैं। शत्रुजीत कपूर को तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का नजदीकी माना जाता है। पूर्व सीएम ने अपने कार्यकाल के दौरान 15 अगस्त 2023 को उन्हें पुलिस महानिदेशक बनाया था। कपूर उस समय 1989 बैच के आईपीएस मोहम्मद अकील और डॉ. आरसी मिश्रा को पार कर डीजीपी बने थे। ये दोनों पुलिस अधिकारी शत्रुजीत कपूर के सीनियर थे।