हरियाणा में विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद से जननायक जनता पार्टी (JJP) में घमसान मचा है। पूर्व श्रम मंत्री अनूप धानक के इस्तीफे के बाद शनिवार को शाहबाद से विधायक रामकरण काला, गुहला चीका से विधायक ईश्वर सिंह और टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली ने भी पार्
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डॉ. अजय सिंह चौटाला को लिखे लेटर में विधायक ईश्वर सिंह और रामकरण काला ने इस्तीफे के पीछे निजी कारण लिखे हैं।
देवेंद्र बबली ने कहा, ‘5 साल पहले जब वह कांग्रेस में थे तो परिस्थितियां अलग थीं। जब जनता और साथ चलने वाले लोगों की राय पर वह जजपा में आए। अब 5 साल बाद परिस्थितियां बदल चुकी हैं। इसलिए वे इस्तीफा दे रहे हैं। उनके साथी और कमेटी आगे का फैसला करेगी। विधायक व मंत्री के रूप में टोहाना व हरियाणा को आगे बढ़ाया, लेकिन अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं।’
विधायकों के करीबियों के मुताबिक, रामकरण काला, ईश्वर सिंह और देवेंद्र बबली कांग्रेस जॉइन कर सकते हैं। वहीं पूर्व मंत्री अनूप धानक के BJP में शामिल होने की चर्चा है।
विधायकों के इस्तीफे के बारे में जानकारी देते जजपा के सचिव रणधीर सिंह।
पार्टी सचिव बोले- पहले हमने नोटिस भी दिए थे
लगातार 4 विधायकों के इस्तीफे के बाद JJP के प्रदेश कार्यालय सचिव रणधीर सिंह ने कहा कि जब पार्टी बनी तो ये दूसरी पार्टियों से आए थे। चुनाव होने के बाद ये विधायक बन गए। अब इन्होंने पार्टी छोड़ दी। हमने इन विधायकों को पार्टी के खिलाफ काम करने पर नोटिस भी दिए थे। रामकरण काला का 2 बार जवाब भी आया था। उन्होंने बताया था कि मैं किसी पार्टी के साथ नहीं हूं।
हमने लोकसभा चुनाव के दौरान रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगीराम सिहाग के खिलाफ याचिका दायर की थी। वह चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों के कार्यक्रम में पहुंचे थे।
JJP ने विधानसभा अध्यक्ष के पास विधायक जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की याचिका लगाई हुई है।
गठबंधन टूटने के बाद विधायकों में टूट शुरू हुई
2019 में हुए विधानसभा चुनाव में JJP ने 10 सीट जीती थी। बहुमत से चूकी BJP ने JJP के साथ मिलकर सरकार बनाई। उस दौरान मनोहर लाल मुख्यमंत्री और दुष्यंत चौटाला को डिप्टी सीएम बनाया गया। JJP कोटे से अनूप धानक श्रम एंव रोजगार राज्यमंत्री और देवेंद्र बबली पंचायत मंत्री बने।
2024 में लोकसभा चुनाव से पहले सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट गया। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह भी इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गए। JJP विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और विधायक जोगीराम सिहाग भी भाजपा के कार्यक्रमों में नजर आए।
इसके बाद JJP ने दोनों विधायकों को नोटिस जारी किया। साथ ही सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के पास याचिका लगाई।
लोकसभा चुनाव के दौरान समर्थकों की मीटिंग बुलाकर देवेंद्र बबली ने कुमारी सैलजा को समर्थन देने का ऐलान किया था।
बबली लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ दिखे
देवेंद्र बबली ने वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में टोहाना विधानसभा से कांग्रेस की टिकट न मिलने के बाद जजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था। उस दौरान एक लाख से भी ज्यादा वोट पाकर उन्होंने तत्कालीन भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को करारी शिकस्त दी थी। बाद में जजपा कोटे से उन्हें दिसंबर 2021 में विकास एवं पंचायत मंत्री बनाया गया।
लोकसभा चुनाव के दौरान देवेंद्र बबली ने सिरसा से कांग्रेस की उम्मीदवार कुमारी सैलजा को समर्थन दिया था।
ईश्वर सिंह का बेटा पहले ही कांग्रेस में, पिछले साल बाढ़ में झेल चुके विरोध
जननायक जनता पार्टी छोड़ने वाले गुहला के विधायक और पूर्व राज्यसभा मेंबर ईश्वर सिंह के बेटे रणधीर सिंह पहले ही कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। वह लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के मंचों पर खुलकर नजर आए थे। पिछले साल मानसून सीजन के दौरान गुहला-चीका इलाके में घग्गर नदी की वजह से बाढ़ आ गई थी। तब लोगों ने विधायक ईश्वर सिंह का खूब विरोध किया था।
ईश्वर सिंह 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर जेजेपी में शामिल हुए थे और पार्टी में आते ही दुष्यंत चौटाला ने उन्हें गुहला से टिकट दे दिया था।