हरियाणा के लोगों को इस बार गर्मियों में महंगी बिजली का झटका लग सकता है। बिजली कंपनियों ने हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) से बिजली की दरों में बढ़ोतरी करने की मांग की है।
उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) ने बिजली की अनुमानित खपत और डिमांड के आधार पर वित्तीय वर्ष 2025-26 में 4520.24 करोड़ रुपये का अनुमानित घाटा आयोग के सामने रखा है। इसी आधार पर मांग की है कि बिजली की दरें इसी वित्तीय वर्ष से बढ़ाईं जाएं।
हरियाणा में इससे पहले 2022-23 में 0.25 पैसे प्रति यूनिट बिजली के दाम बढ़े थे। उसके बाद से दामों में बढ़ोतरी नहीं की गई।
हरियाणा सरकार ने पहले ही ईंधन समायोजन शुल्क (एफएसए) को साल 2026 तक बढ़ाया हुआ है। इसके तहत बिजली उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट बिजली बिल के हिसाब से 47 पैसे अतिरिक्त देना पड़ रहा है। 200 यूनिट से अधिक बिजली की खपत पर 94.47 रुपये अतिरिक्त चार्ज लग रहे हैं।

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दरें बढ़ाने को लेकर ढाई माह पहले जनसुनवाई भी हो चुकी
बिजली कंपनियों के अनुसार, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम 9.15 फीसदी और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम में 12.37 फीसदी घाटे में हैं। 16 जनवरी को एचईआरसी के चेयरमैन नंद लाल शर्मा व सदस्य मुकेश गर्ग के नेतृत्व में दरें बढ़ाने को लेकर जनसुनवाई हो चुकी है। उसमें यूएचबीवीएन, डीएचबीवीएन और हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड (एचवीपीएनएल) और हरियाणा पावर जनरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीजीसीएल) की याचिकाओं की भी विस्तार से चर्चा की गई।
आयोग ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए योजनाएं बनाने के दे रखे हैं निर्देश
आयोग ने बिजली निगमों की वित्तीय स्थिति और परिचालन प्रदर्शन की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए हैं कि राजस्व घाटा कम करने, टैरिफ प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने और उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए ठोस योजनाएं प्रस्तुत की जाएं। आयोग ने ईंधन समायोजन शुल्क (एफएसए) के तहत 8245.85 करोड़ का विवरण और इसे कम करने की योजना मांगी थी। साथ ही 4520.24 करोड़ के अनुमानित घाटे को पूरा करने के लिए लागत में कटौती, दक्षता सुधार जैसे उपाय सुझाने के लिए भी कहा है।
हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड (एचवीपीएनएल) को ट्रांसमिशन हानियों को कम करने की योजना का निर्देश दिया गया है। आयोग ने एचपीजीसीएल को प्लांट उपलब्धता फैक्टर (पीएएफ) को 80% से बढ़ाकर 90% करने की योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दे रखा है।