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चंडीगढ़ : हरियाणा पिछड़ा आयोग ने बीसी (बी) श्रेणी के लोगों को शहरी निकायों और पंचायती राज संस्थाओं में आरक्षण देने की सिफारिश करते हुए एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट मुख्यमंत्री नायब सैनी को प्रस्तुत की है. इस रिपोर्ट को आयोग के अध्यक्ष जस्टिस दर्शन सिंह ने मुख्यमंत्री को सौंपा. आरक्षण मिलने से BC (B) श्रेणी के लोगों को फायदा होगा.
रिपोर्ट के अनुसार, बीसी (बी) श्रेणी को अधिक प्रतिनिधित्व और भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए शहरी निकायों और पंचायती राज संस्थाओं में आरक्षण देने की आवश्यकता है. इस रिपोर्ट को तैयार करने के दौरान आयोग ने परिवार पहचान पत्र और सरकार के विभिन्न विभागों से आंकड़े एकत्रित किए. इसके अलावा, विभिन्न राजनीतिक पार्टियों और सामाजिक संगठनों से भी सुझाव लिए गए, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी संबंधित पक्षों की राय शामिल हो.
रिपोर्ट तैयार करने के दौरान आयोग को 1952 रिप्रेजेंटेशन मिली. रिपोर्ट के अनुसार, 1952 रिप्रेजेंटेशन प्राप्त हुईं, जो बीसी (बी) श्रेणी के लोगों की मांग और आवश्यकताओं को बताती थीं. आयोग ने इन रिप्रेजेंटेशन का गहन विश्लेषण किया और रिपोर्ट में शामिल किया.
रिपोर्ट सौंपने के बाद जस्टिस दर्शन सिंह ने कहा कि बीसी (बी) श्रेणी को आरक्षण मिलने से उन्हें लोकतंत्र में अधिक भागीदारी और अधिकार मिलेंगे. इससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और वे समाज के विकास में सक्रिय भूमिका निभा सकेंगे.
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बीसी (बी) श्रेणी को दिए जाने वाले आरक्षण से बीसी (ए) श्रेणी के आरक्षण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. इसका मतलब है कि बीसी (ए) श्रेणी के लोग अपने मौजूदा आरक्षण का लाभ उठाते रहेंगे, जबकि बीसी (बी) श्रेणी को भी अपने हक का लाभ मिलेगा.
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद कहा कि सरकार इस रिपोर्ट का गहन अध्ययन करेगी और जल्द ही इस पर उचित कदम उठाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सामाजिक न्याय और समानता के लिए प्रतिबद्ध है और वह सुनिश्चित करेगी कि सभी वर्गों को उनके अधिकार प्राप्त हों.
आयोग की इस सिफारिश से राज्य में सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. अब देखना यह होगा कि सरकार इस पर कब और कैसे अमल करती है.
Tags: Caste Reservation, Haryana news, Reservation news, SC Reservation
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