हरियाणा: मनरेगा में मृत लोगों के जॉब कार्ड बनाकर राशि डकार गए पंचायत अधिकारी, अब खुलने लगी परतें


नूंह: हरियाणा के नूंह जिला में केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना मनरेगा में घोटालों की परते अब खुलने लगी है। जिले में जहां गत 3 महीनों के अंतराल में मनरेगा घोटालों के मामले में सीएम फ्लाइंग की शिकायत पर बैंक अधिकारियों पंचायत विभाग के बीडीपीओ, एबीपीओ, अकाउंटेंट, जेई सहित अन्य लोगों पर मृत लोगों के फर्जी जॉब कार्ड बनाकर कागजों में फर्जी कार्य दिखाकर सरकारी राशि का दुरुपयोग करने का मामला दर्ज हो चुका है, तो वहीं अब नूंह जिले के गांव डूडोली में मृत लोगों के जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा योजना में फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है।

डूडोली गांव निवासी आसीन ने सीएम विंडो में दी शिकायत में बताया कि गांव के पूर्व सरपंच व पंचायत विभाग के अधिकारियों ने सरकारी राशि का भारी गबन किया है। आरोपियों ने धोखाधडी से उनके फर्जी जॉब कार्ड व फर्जी खाता लगाकर सरकार के खजाने को चूना लगाया है। शिकायतकर्ता ने बताया कि सरपंच व पंचायत विभाग के अधिकारियों ने आपस में साज बाज होकर ग्रामीणों के डबल फर्जी व कुछ मृत लोगों के नाम से जॉब कार्ड बनाए। इनमें से उसके भाई का भी डबल जॉब कार्ड फर्जी बनाया हुआ है। गांव के ऐसे दर्जनों लोग है जिनके फर्जी रूप से दर्जनों जॉब कार्ड बनाए हुए है।

शिकायतकर्ता ने बताया कि गांव में जिन रास्तों को निर्माण कार्य पूरा दिखाया हुआ है उनका निर्माण कार्य हुआ ही नहीं है। ऐसे दर्जनों रास्तो व तालाबों पर फर्जी रूप से काम दिखाकर सरकारी राशि का गबन किया है। शिकायतकर्ता ने पूरे मामले की जांच विजिलेंस से कराने के साथ मामले में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।

इन गांवों में हो चुके है गबन के मामले दर्ज
नूंह जिले के गांव सुनहेड़ा,बिसरू, हाजीपुर गोहेता, इंडरी और कालियाका में सीएम फ्लाइंग द्वारा पुन्हाना व इंडरी के बीडीपीओ, कनिष्ठ अभियंता, एबीपीओ, ग्राम सचिव लेखाकार व बैंक मैनेजर के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं के तहत मनरेगा में करीब 40 लाख गबन का केस दर्ज कराया गया था। जिनमें से अधिकतर पंचायत विभाग के अधिकारी पुलिस गिरफ्त से फरार चल रहे हैं।

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