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पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का प्रतीकात्मक फोटो।
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHEDC) की हाल ही में लागू की गई नई ट्रांसफर पॉलिसी का मामले में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में बड़ा फैसला किया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी इस मामले में बिजली वितरण निगम द्वारा जवाब दायर न करने पर हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता
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निगम में जेई-1 पद पर कार्यरत मदनजीत और अन्य कर्मचारियों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस पॉलिसी पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए सरकार और निगम से जवाब तलब किया है।
याचिका में क्या हैं आपत्ति?
1. दोबारा जेई पद पर जाने पर आपत्ति
याचिकाकर्ताओं के वकील प्रदीप सौलथ की ओर दलील दी कि नई ट्रांसफर नीति जेई-1 के पदाधिकारियों के लिए न केवल असंगत है, बल्कि यह उनके सम्मान और करियर दोनों के साथ अन्याय करती हैं। उन्होंने बताया कि वर्षों की सेवा के बाद प्रमोशन पाकर कर्मचारी जेई-1 के पद तक पहुंचे हैं, लेकिन अब इस नीति के जरिए उन्हें दोबारा जेई के पद पर भेजा जा सकता है, जो व्यवसायिक और मानसिक रूप से अपमानजनक है।
2. जूनियर के नीचे करना होगा काम
याचिका में स्पष्ट किया गया है कि ट्रांसफर के बाद जेई-1 अधिकारियों को उनसे कम अनुभव रखने वाले या जूनियर अधिकारियों के अधीन कार्य करना पड़ेगा, जिससे उनकी गरिमा और वरिष्ठता प्रभावित होगी।
HC ने सरकार से दो बिंदुओं पर मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने सरकार से सवाल दो प्रमुख बिंदुओं पर जवाब मांगा है, क्या जेई और जेई-1 के पदों को एक-दूसरे में बदला जा सकता है? क्या दोनों पदों पर कार्यरत अधिकारियों की ड्यूटी की प्रकृति समान है या भिन्न?
कोर्ट ने राज्य सरकार को इन प्रश्नों का जवाब शपथ पत्र के माध्यम से 3 नवंबर तक तक दाखिल करने का आदेश दिया है।
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हरियाणा बिजली निगम में HC की ट्रांसफर पर रोक: जवाब दाखिल नहीं करने से नाराज; सरकार को नोटिस, दो बिंदुओं पर जवाब मांगा – Haryana News