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हरियाणा में 7 मई को मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट किया गया था।- फाइल फोटो
ऑपरेशन शील्ड के तहत हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में अब 31 मई को मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट होगा। केंद्र सरकार ने मॉक ड्रिल के लिए नई तारीख तय की है। इससे पहले 29 मई को यानी गुरुवार को मॉक ड्रिल होनी थी। हालांकि बुधवार शाम को केंद्र सरकार ने इसे स्थगित कर दि
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इसमें हवाई हमलों से बचने का अभ्यास किया जाएगा। इसके साथ ही सुरक्षा और इमरजेंसी व्यवस्थाओं को भी जांचा जाएगा।
इससे पहले 7 मई को मॉक ड्रिल की गई थी। इस दौरान हवाई हमलों की चेतावनी के लिए सायरन बजाकर लोगों को आगाह किया गया था।
मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट को लेकर जारी नया ऑर्डर…
ऑपरेशन शील्ड का मकसद क्या….
- मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट के जरिए सरकार का मकसद राज्य में इमरजेंसी तैयारियों को देखना और युद्ध या हवाई हमले की सूरत में जवाब देने की क्षमता को बढ़ाना है।
- संकट के वक्त जल्दी और सही मदद हो सके, आम लोगों, सुरक्षा बलों और प्रशासन के बीच बेहतर तालमेल रहे, इसे सुनिश्चित करना है।
- इस अभ्यास के दौरान हवाई या ड्रोन हमले के वक्त पैदा हुई स्थिति के हिसाब से कमियों को परखकर उन्हें आगे के लिए दूर किया जाएगा।

7 मई को पानीपत में मॉक ड्रिल के दौरान पुलिस जवानों ने बिल्डिंग से सीढ़ियों के जरिए घायलों को उतारने का अभ्यास किया था।
हवाई हमले के लिहाज से हरियाणा में सतर्कता क्यों? वैसे तो हरियाणा पाकिस्तान के बॉर्डर से सटा राज्य नहीं है, लेकिन पंजाब से सटा हुआ है। पंजाब के 6 जिलों के बॉर्डर पाकिस्तान से लगते हैं। वहीं, ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने जब भारत पर ड्रोन और मिसाइलें दागीं तो एयरफोर्स के सिरसा एयरबेस को टारगेट करने की कोशिश की थी।
हालांकि, वह इसमें कामयाब नहीं रहा था। उसकी फतह-2 मिसाइल के सेना के एयर डिफेंस सिस्टम ने आसमान में ही टुकड़े कर दिए थे। वहीं, अंबाला में भी ड्रोन अटैक का अलर्ट आया था। तब प्रशासन ने कहा था कि अंबाला से 70 किमी दूर ड्रोन दिखा था। हालांकि, वह अंबाला के करीब भी नहीं पहुंच पाया था।

9-10 मई की रात पाकिस्तान ने सिरसा एयरबेस पर यह फतह-2 मिसाइल दागी थी, हालांकि सेना ने इसके 3 टुकड़े किए, जो अलग-अलग गांवों में गिरे।
मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट से जुड़ी अहम जानकारी…

मॉक ड्रिल से पहले
- रात को अपना फोन और पावर बैंक चार्ज कर लें।
- बेसिक जरूरत और इमरजेंसी वाले सामान को तैयार रखें।
- बैटरी व सौर ऊर्जा से चलने वाली फ्लैशलाइट, टॉर्च, रेडियो, ग्लो स्टिक चार्ज रखें।
- कोई भी वैध आईडी कार्ड अपने साथ रखें। जिससे आपकी पहचान हो सके।
- परिवार की आपातकालीन किट तैयार रखें। जिसमें पानी, सूखा भोजन, बुनियादी दवाइयां हों।
युद्ध के अलर्ट के बारे में जानें
- सायरन सिग्नल सीखें (जैसे लंबा हो तो लगातार अलर्ट, छोटा हो तो सब साफ है)
- आधिकारिक अपडेट के लिए रेडियो या टीवी देखते रहें।
- हमले की सूरत में सुरक्षित रहने के लिए कोई अंडरग्राउंड कमरा या तहखाने की पहचान करें।
- परिवार के साथ भी ब्लैकआउट का अभ्यास करें। लाइट बंद कर 1-2 मिनट के भीतर सुरक्षित क्षेत्र में इकट्ठा हों।
इमरजेंसी नंबर नोट करें
- पुलिस: 112
- फायर ब्रिगेड: 101
- एम्बुलेंस: 120
मॉक ड्रिल के दौरान यह ध्यान रखें
- अगर हवाई हमले के सायरन या घोषणाएं सुनाई दें तो घबराएं नहीं, यह एक अभ्यास होगा।
- पुलिस, स्कूल अधिकारियों, बिल्डिंग सुरक्षा या किसी अन्य सरकारी अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें।
ब्लैकआउट के दौरान ये सावधानियां बरतें
- घर के अंदर रहें और खिड़कियों से दूर रहें। अगर आप गाड़ी चला रहे हैं, तो अपने वाहन को किनारे पर पार्क करें और लाइटें बंद कर दें। जहां हैं, वहीं रहें और इधर-उधर न जाएं।
- अलर्ट के दौरान सभी इनडोर और आउटडोर लाइटें बंद कर दें। जिसमें इन्वर्टर या अन्य बिजली सप्लाई को डिसकनेक्ट कर दें।
- ब्लैकआउट की घोषणा होने या सायरन चालू होने पर गैस और बिजली के उपकरण बंद कर दें।
- इस दौरान यह सुनिश्चित करें कि बच्चों, बुजुर्गों और पालतू जानवरों की हर समय निगरानी होती रहे।
- खिड़कियों के पास फोन या LED डिवाइस का इस्तेमाल न करें।
- मोटे पर्दे का इस्तेमाल करें या खिड़कियों को कार्ड बोर्ड या पैनल से ढकें।
- वॉट्सऐप या सोशल मीडिया पर गलत जानकारियों को न फैलाएं।
मॉक ड्रिल के बाद क्या करें
- जब तक निर्देश न दिए जाएं, सामान्य गतिविधि फिर से शुरू न करें।
- अपने आसपास के बच्चों या बुजुर्गों को बताएं कि ये सिर्फ अभ्यास था।
(मॉक ड्रिल अस्पतालों और नर्सिंग होम्स पर लागू नहीं होता। हालांकि उन्हें भी ड्रिल के दौरान सभी खिड़कियों को मोटे पर्दे से ढककर सतर्क रहना चाहिए। ड्रिल का मकसद लोगों को इमरजेंसी स्थिति के लिए तैयार करना है ताकि मुश्किल परिस्थिति में दहशत की संभावना को कम किया जा सके।)
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सीजफायर से पहले पाकिस्तान ने हरियाणा के सिरसा स्थित एयरफोर्स स्टेशन पर मिसाइल से अटैक का दावा किया था। हालांकि सेना ने इसे नकारते हुए बकायदा फोटो भी जारी की थीं। दैनिक भास्कर ने ग्राउंड पर जांच की तो पाकिस्तान का दावा पूरी तरह झूठा निकला। पूरी खबर पढ़ें…
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