हरियाणा: नेता प्रतिपक्ष हुड्डा बोले- चंडीगढ़ पर क्लेम कमजोर न करे सरकार, कानून व्यवस्था पर भी उठाए सवाल


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पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा सरकार को चंडीगढ़ पर क्लेम कमजोर नहीं रखना चाहिए। 60-40 के अनुपात में हरियाणा का चंडीगढ़ पर पूर्ण अधिकार है। अगर इसी अनुपात में हरियाणा को अलग राजधानी बनाने के लिए मुआवजा मिले तो वह लाखों करोड़ों रुपये बनता है। अगर इसी अनुपात में हरियाणा को मुआवजा और हिंदी भाषी क्षेत्र मिलते हैं तो हरियाणा अपनी अलग राजधानी बनाने के लिए तैयार है।

पूर्व सीएम ने रविवार को रोहतक में अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि वर्तमान की भाजपा-जजपा सरकार प्रदेश के अधिकारों पर कुठाराघात करने में लगी है। अपनी ही राजधानी में विधानसभा की जमीन के लिए केंद्र सरकार ने 10 एकड़ जमीन की 500 करोड़ रुपये की कीमत लगाई है। इससे स्पष्ट है कि सरकार चंडीगढ़ पर हरियाणा के अधिकार को कमजोर कर रही है।

यही नहीं प्रदेश में पहले ही कानून व्यवस्था का दिवाला निकल चुका है। भाजपा-जजपा ने प्रदेश को अपराधियों की शरण स्थली बना दिया है। हालात ऐसे हैं कि आम आदमी तो दूर विधायक भी सुरक्षित नहीं हैं। प्रदेश के छह विधायकों को अब तक जान से मारने की धमकी मिल चुकी है और पुलिस के हाथ अब भी खाली हैं। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में असुरक्षित माहौल होने की वजह से उद्योगपति निवेश करने से कतरा रहे हैं। उद्योग और परियोजनाएं लगातार दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं। इसका खामियाजा प्रदेश के युवाओं को बेरोजगारी के तौर पर भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि 2005 में उनकी सरकार आने से पहले भी प्रदेश में कानून व्यवस्था का ऐसा ही हाल था।

उनकी सरकार ने प्रदेश से अपराध और अपराधियों का सफाया किया। कानून व्यवस्था बेहतर होने के चलते प्रदेश में निवेश हुआ और हरियाणा नंबर वन बना। उस वक्त जापान का 70 प्रतिशत निवेश अकेले गुरुग्राम में हुआ था। अब हालात विपरीत हैं। रोजाना घोटाले उजागर हो रहे हैं। जांच के नाम पर खानापूर्ति के लिए कमेटी तो बना दी जाती है लेकिन उसकी रिपोर्ट कभी सामने नहीं आती।

यदि सरकार पाक साफ है तो वह इन घोटालों की सीबीआई जांच से क्यों भाग रही है। इसी तरह एसवाईएल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने और प्रदेश से लेकर केंद्र तक में भाजपा की सरकार होने के बावजूद इस फैसले को लागू नहीं करवाया जा रहा। भाखड़ा व्यास मैनेजमेंट बोर्ड में भी परंपरागत तौर पर हरियाणा की सदस्यता (सिंचाई) को खत्म कर दिया गया। 

हिसार के खेदड़ में आंदोलनरत किसान की मौत पर नेता प्रतिपक्ष ने शोक प्रकट किया। उन्होंने कहा कि सरकार की हठधर्मिता के चलते किसान को जान गंवानी पड़ी। उन्होंने मांग की है कि सरकार किसानों पर दर्ज सभी केस रद्द करे, मृतक किसान के परिवार को मुआवजा और नौकरी दे।

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पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा सरकार को चंडीगढ़ पर क्लेम कमजोर नहीं रखना चाहिए। 60-40 के अनुपात में हरियाणा का चंडीगढ़ पर पूर्ण अधिकार है। अगर इसी अनुपात में हरियाणा को अलग राजधानी बनाने के लिए मुआवजा मिले तो वह लाखों करोड़ों रुपये बनता है। अगर इसी अनुपात में हरियाणा को मुआवजा और हिंदी भाषी क्षेत्र मिलते हैं तो हरियाणा अपनी अलग राजधानी बनाने के लिए तैयार है।

पूर्व सीएम ने रविवार को रोहतक में अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि वर्तमान की भाजपा-जजपा सरकार प्रदेश के अधिकारों पर कुठाराघात करने में लगी है। अपनी ही राजधानी में विधानसभा की जमीन के लिए केंद्र सरकार ने 10 एकड़ जमीन की 500 करोड़ रुपये की कीमत लगाई है। इससे स्पष्ट है कि सरकार चंडीगढ़ पर हरियाणा के अधिकार को कमजोर कर रही है।

यही नहीं प्रदेश में पहले ही कानून व्यवस्था का दिवाला निकल चुका है। भाजपा-जजपा ने प्रदेश को अपराधियों की शरण स्थली बना दिया है। हालात ऐसे हैं कि आम आदमी तो दूर विधायक भी सुरक्षित नहीं हैं। प्रदेश के छह विधायकों को अब तक जान से मारने की धमकी मिल चुकी है और पुलिस के हाथ अब भी खाली हैं। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में असुरक्षित माहौल होने की वजह से उद्योगपति निवेश करने से कतरा रहे हैं। उद्योग और परियोजनाएं लगातार दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं। इसका खामियाजा प्रदेश के युवाओं को बेरोजगारी के तौर पर भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि 2005 में उनकी सरकार आने से पहले भी प्रदेश में कानून व्यवस्था का ऐसा ही हाल था।

उनकी सरकार ने प्रदेश से अपराध और अपराधियों का सफाया किया। कानून व्यवस्था बेहतर होने के चलते प्रदेश में निवेश हुआ और हरियाणा नंबर वन बना। उस वक्त जापान का 70 प्रतिशत निवेश अकेले गुरुग्राम में हुआ था। अब हालात विपरीत हैं। रोजाना घोटाले उजागर हो रहे हैं। जांच के नाम पर खानापूर्ति के लिए कमेटी तो बना दी जाती है लेकिन उसकी रिपोर्ट कभी सामने नहीं आती।

यदि सरकार पाक साफ है तो वह इन घोटालों की सीबीआई जांच से क्यों भाग रही है। इसी तरह एसवाईएल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने और प्रदेश से लेकर केंद्र तक में भाजपा की सरकार होने के बावजूद इस फैसले को लागू नहीं करवाया जा रहा। भाखड़ा व्यास मैनेजमेंट बोर्ड में भी परंपरागत तौर पर हरियाणा की सदस्यता (सिंचाई) को खत्म कर दिया गया। 

हिसार के खेदड़ में आंदोलनरत किसान की मौत पर नेता प्रतिपक्ष ने शोक प्रकट किया। उन्होंने कहा कि सरकार की हठधर्मिता के चलते किसान को जान गंवानी पड़ी। उन्होंने मांग की है कि सरकार किसानों पर दर्ज सभी केस रद्द करे, मृतक किसान के परिवार को मुआवजा और नौकरी दे।

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