हरियाणा: डेरा मुखी के जेल से बाहर आते ही नाम दान की परंपरा शुरू, अनुयायियों को जारी किया संदेश


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डेरा सच्चा सौदा की ओर से नाम दान देने की परंपरा एक बार फिर शुरू कर दी गई है। साध्वी यौन शोषण और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में सजायाफ्ता डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह ने जेल से बाहर आते ही नाम दान देना शुरू कर दिया है। इसके लिए सभी अनुयायियों को संदेश जारी कर दिया गया है। नाम दान लेने के इच्छुक लोगों को बुलाया गया है। इतना ही नहीं, उम्मीद है कि जल्द ही सत्संग का भी आयोजन किया जाए। इसका बुलेटिन अनुयायियों के लिए जारी किया जा सकता है। इसका पूरा इंतजाम कर लिया गया है।

डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह अगस्त 2017 से जेल में बंद है। ऐसे में डेरे में नामदान का सिलसिला ठप हो गया था, लेकिन अब जेल से 30 दिन की पैरोल मिलने के बाद डेरामुखी उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में स्थित बरनावा डेरा में है। डेरा के सूत्र बताते हैं कि यहां डेरामुखी ने एक बार फिर नामदान की परंपरा शुरू कर दी है। इस संबंध में डेरा से जुड़े सभी अनुयायियों को संदेश जारी कर दिया गया है।

बताया जा रहा है कि पिछले पांच वर्ष के दौरान अनुयायियों के परिवारों में जिन भी बच्चों ने जन्म लिया है, उन्हें नाम दान दिया जाएगा। इसके अलावा यदि परिवारों के बच्चों की शादी के बाद नई बहू या दामाद से रिश्ता जुड़ा है तो उन्हें भी नाम दान दिया जा सकता है। इतना ही नहीं, डेरा से जुड़ने की इच्छा रखने वाले अन्य व्यक्तियों को भी गुरुमंत्र दिया जा सकता है।

इसके लिए ब्लॉक स्तर से लेकर जिला स्तर पर नाम की सूची बनाकर भेजी जा रही है और बरनावा डेरा बुलाया जा रहा है। डेरा प्रबंधन की ओर से डेरा के संबंधित सभी शिक्षण संस्थानों, कॉलोनियों और कस्बों में रहने वाले सभी अनुयायियों को भी संदेश जारी किया गया है। (संवाद)

संगीतमय सत्संग की तैयारियां, रिकार्डेड बुलेटिन किया जा सकता है जारी
सिरसा डेरा में रहने के दौरान डेरामुखी जब भी नाम चर्चा या सत्संग करते थे तो पूरा कार्यक्रम संगीतमय होता था। इस दौरान विशेष रूप से तैयार स्टेज, वाद्य यंत्र, स्पीकर और अन्य सिस्टम था। बताया जा रहा है कि सिरसा डेरा से सत्संग का पूरा सामान, जिसमें स्टेज, वाद्य यंत्र, स्पीकर सिस्टम सहित अन्य सामान को बरनावा डेरा भेज दिया गया है। सूत्र बताते हैं कि बरनावा डेरा कैंपस में डेरामुखी का संगीतमय कार्यक्रम आयोजित हो सकता है। हालांकि ये स्पष्ट नहीं है कि इसमें अनुयायियों को खुले तौर पर आने की अनुमति दी जाएगी या नहीं। हालांकि ये भी उम्मीद है कि संगीतमय कार्यक्रम को रिकॉर्ड किया जाएगा, जिसे बाद में अनुयायियों के लिए जारी किया जाएगा या फिर डेरा में होने वाले कार्यक्रमों के लिए इस बुलेटिन वीडियो का इस्तेमाल किया जाए।

विश्वासपात्रों से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात कर रहा डेरामुखी
पैरोल पर जेल से बाहर आने के बाद डेरामुखी फीडबैक लेने का काम कर रहा है। इसलिए अपने विश्वासपात्रों से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात कर रहा है, ताकि जेल में रहने के दौरान डेरा से जुड़ी सभी गतिविधियों की जानकारी हासिल की जा सके। इसके अलावा नई जिम्मेदारियां देने के लिए भी सूची तैयार की जा रही है। जो अनुयायी डेरा की वर्तमान प्रबंधक कमेटी के प्रति कैसा भी फीडबैक देंगे, उसी अनुसार आगे फैसला लिया जाएगा।

नाम दान को लेकर कार्यक्रम तय होने वाले हैं। जैसे ही कार्यक्रम का शेड्यूल निर्धारित होगा वैसे ही बता दिया जाएगा। – जितेंद्र खुराना, प्रवक्ता, डेरा सच्चा सौदा

विस्तार

डेरा सच्चा सौदा की ओर से नाम दान देने की परंपरा एक बार फिर शुरू कर दी गई है। साध्वी यौन शोषण और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में सजायाफ्ता डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह ने जेल से बाहर आते ही नाम दान देना शुरू कर दिया है। इसके लिए सभी अनुयायियों को संदेश जारी कर दिया गया है। नाम दान लेने के इच्छुक लोगों को बुलाया गया है। इतना ही नहीं, उम्मीद है कि जल्द ही सत्संग का भी आयोजन किया जाए। इसका बुलेटिन अनुयायियों के लिए जारी किया जा सकता है। इसका पूरा इंतजाम कर लिया गया है।

डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह अगस्त 2017 से जेल में बंद है। ऐसे में डेरे में नामदान का सिलसिला ठप हो गया था, लेकिन अब जेल से 30 दिन की पैरोल मिलने के बाद डेरामुखी उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में स्थित बरनावा डेरा में है। डेरा के सूत्र बताते हैं कि यहां डेरामुखी ने एक बार फिर नामदान की परंपरा शुरू कर दी है। इस संबंध में डेरा से जुड़े सभी अनुयायियों को संदेश जारी कर दिया गया है।

बताया जा रहा है कि पिछले पांच वर्ष के दौरान अनुयायियों के परिवारों में जिन भी बच्चों ने जन्म लिया है, उन्हें नाम दान दिया जाएगा। इसके अलावा यदि परिवारों के बच्चों की शादी के बाद नई बहू या दामाद से रिश्ता जुड़ा है तो उन्हें भी नाम दान दिया जा सकता है। इतना ही नहीं, डेरा से जुड़ने की इच्छा रखने वाले अन्य व्यक्तियों को भी गुरुमंत्र दिया जा सकता है।

इसके लिए ब्लॉक स्तर से लेकर जिला स्तर पर नाम की सूची बनाकर भेजी जा रही है और बरनावा डेरा बुलाया जा रहा है। डेरा प्रबंधन की ओर से डेरा के संबंधित सभी शिक्षण संस्थानों, कॉलोनियों और कस्बों में रहने वाले सभी अनुयायियों को भी संदेश जारी किया गया है। (संवाद)

संगीतमय सत्संग की तैयारियां, रिकार्डेड बुलेटिन किया जा सकता है जारी

सिरसा डेरा में रहने के दौरान डेरामुखी जब भी नाम चर्चा या सत्संग करते थे तो पूरा कार्यक्रम संगीतमय होता था। इस दौरान विशेष रूप से तैयार स्टेज, वाद्य यंत्र, स्पीकर और अन्य सिस्टम था। बताया जा रहा है कि सिरसा डेरा से सत्संग का पूरा सामान, जिसमें स्टेज, वाद्य यंत्र, स्पीकर सिस्टम सहित अन्य सामान को बरनावा डेरा भेज दिया गया है। सूत्र बताते हैं कि बरनावा डेरा कैंपस में डेरामुखी का संगीतमय कार्यक्रम आयोजित हो सकता है। हालांकि ये स्पष्ट नहीं है कि इसमें अनुयायियों को खुले तौर पर आने की अनुमति दी जाएगी या नहीं। हालांकि ये भी उम्मीद है कि संगीतमय कार्यक्रम को रिकॉर्ड किया जाएगा, जिसे बाद में अनुयायियों के लिए जारी किया जाएगा या फिर डेरा में होने वाले कार्यक्रमों के लिए इस बुलेटिन वीडियो का इस्तेमाल किया जाए।

विश्वासपात्रों से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात कर रहा डेरामुखी

पैरोल पर जेल से बाहर आने के बाद डेरामुखी फीडबैक लेने का काम कर रहा है। इसलिए अपने विश्वासपात्रों से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात कर रहा है, ताकि जेल में रहने के दौरान डेरा से जुड़ी सभी गतिविधियों की जानकारी हासिल की जा सके। इसके अलावा नई जिम्मेदारियां देने के लिए भी सूची तैयार की जा रही है। जो अनुयायी डेरा की वर्तमान प्रबंधक कमेटी के प्रति कैसा भी फीडबैक देंगे, उसी अनुसार आगे फैसला लिया जाएगा।

नाम दान को लेकर कार्यक्रम तय होने वाले हैं। जैसे ही कार्यक्रम का शेड्यूल निर्धारित होगा वैसे ही बता दिया जाएगा। – जितेंद्र खुराना, प्रवक्ता, डेरा सच्चा सौदा

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