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डंकी रुट
– फोटो : अमर उजाला
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जींद के दुड़ाना गांव की गलियों, चौपालों और चौकों पर नजरें दौड़ाएंगे तो शायद ही कोई युवा मिले। घर के बाहर आमतौर पर बुजुर्ग ही बैठे मिलेंगे। इस गांव के अधिकतर युवा बेहतर भविष्य की तलाश में भारत से बाहर जाकर बस गए हैं।
3500 आबादी वाले गांव के करीब 450 युवक अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दुबई समेत अन्य देशों में बस गए हैं। इनमें कुछ युवा स्टडी वीजा से बाहर गए तो कुछ डंकी रूट से गए। गांव के एक छोर पर बैठे गांव के 66 वर्षीय मंजीत बताते हैं कि उनका बेटा भी अमेरिका में है। वह डंकी रूट से गया था। बेटा जंगलों के रास्ते भूखा-प्यासा करीब डेढ़ साल बाद अमेरिका पहुंचा है। अपने जिगर के टुकड़े का भविष्य बनाने के लिए एक किला खेत बेचना पड़ा है। उसे अमेरिका भेजने में करीब 40 लाख रुपये का खर्च आया है।
मंजीत जैसी कई कहानियां हरियाणा के तमाम घरों में देखने को मिलती है। वह कहते हैं कि यदि उनके बेटे को इसी मुल्क में अच्छी नौकरी मिलती तो शायद वह इकलौते बेटे को बाहर भेजते।
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