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आप, इनेलो, जजपा और हलोपा भी ठोक रहे हैं चुनावी मैदान में ताल. मुख्य मुकाबला सतारूढ भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है. भाजपा ने नायब सिंह सैनी को सीएम उम्मीदवार घोषित किया है.
नई दिल्ली. हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections 2024) का बिगुल बज गया है. राज्य की 90 विधानसभा सीटों के लिए एक अक्तूबर को मतदान होगा. चार अक्तूबर को परिणाम आएगा. चुनावों की घोषणा के साथ ही हरियाणा का राजनीतिक पारा चढ़ने लगा है. इस बार मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में ही है. ओमप्रकाश चौटाला की इनेलो, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी, गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी सहित एक दो-छोटी पार्टियां भी चुनावी मैदान में ताल ठोंक रही हैं. हरियाणा में पिछले 25 साल से सत्ता का एक ट्रेंड चल रहा है. साल 1999 के बाद यहां वही पार्टी या गठबंधन विधानसभा चुनाव जीतता आ रहा है, जो केंद्र में सत्तासीन होता है. यानी हरियाणा को ‘डबल इंजन’ की सरकार खूब सुहाती है. इस बार यह परंपरा कायम रहेगी या ढाई दशक से बना ट्रेंड टूट जाएगा, यह देखना दिलचस्प होगा.
लोकसभा चुनाव 2024 में हरियाणा में सत्तासीन भाजपा को बड़ा झटका लगा था और कांग्रेस-आप गठबंधन ने उससे पांच लोकसभा सीटें छीन लीं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने क्लीन स्विप करते हुए सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी. हालिया लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की बढ़ी सीटें और वोट शेयर ने भाजपा को सकते में डाल दिया है. लोकसभा चुनाव में खोई जमीन हासिल करने को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने धड़ाधड़ कई लोकलुभावन घोषणाएं की. वहीं, हरियाणा में कांग्रेस के नेता भी पूरा जोर लगाए हुए हैं.
1999 से शुरू हुआ सिलसिला
हरियाणा में ‘डबल इंजन’ की सरकार का सिलसिला 1999 में शुरू हुआ. तब राज्य में इनेलो के ओमप्रकाश चौटाला ने बंसीलाल सरकार जाने के बाद भाजपा के साथ मिल सरकार बनाई थी. लोकसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी और इंडियन नेशनल लोकदल ने मिलकर लड़ा और सभी 10 सीटें जीत लीं. एक साल बाद यानी साल 2000 में हरियाणा में विधानसभा चुनाव हुए. बीजेपी और इनेलो ने मिलकर चुनाव लड़ा और भारी बहुमत हासिल किया. गठबंधन ने 90 में से 53 सीटें जीतीं. कांग्रेस के हिस्से सिर्फ 21 विधानसभा सीटें ही आईं.
2005 में कांग्रेस के हाथ आई सत्ता
साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए गठबंधन को बहुमत मिला. हरियाणा में कांग्रेस ने नौ लोकसभा सीटें जीतीं. भाजपा को केवल एक पर सफलता मिली. एक साल बाद 2005 में हरियाणा में विधानसभा चुनाव हुए. हरियाणावासियों ने एक बार फिर डबल इंजन की सरकार ही चुनी और कांग्रेस को विधानसभा की 67 सीटें जीता दीं. भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहली बार मुख्यमंत्री बने.
2009 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर केंद्र में यूपीए की सरकार बनी. हरियाणा में लोकसभा चुनाव 2009 में कांग्रेस ने 9 सीटें जीती थीं. हरियाणा जनहित कांग्रेस के खाते में एक सीट गई. एक साल बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव हुए. इस चुनाव में हालांकि कांग्रेस पूर्ण बहुमत न पा सकी पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में उसने निर्दलियों के सहयोग से सरकार बना ली.
2014 में केंद्र में सरकार बदली, हरियाणा में भी हो गया सत्ता परिवर्तन
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के अगुवाई वाले एनडीए को भारी बहुमत मिला और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने. लोकसभा चुनाव में हरियाणा में भाजपा को सात सीटें मिलीं तो कांग्रेस को केवल एक सीट पर जीत नसीब हुई. लोकसभा चुनाव के बाद हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में हरियाणवीयों ने एक बार फिर उसी पार्टी को राज्य की सत्ता सौंपी, जो केंद्र में सत्तासीन थी, यानी भाजपा को. भाजपा ने 47 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई और मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री बने.
2019 में फिर दोहराया इतिहास
2019 के लोकसभा चुनाव में केंद्र में फिर भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए को बहुमत मिला. भाजपा ने हरियाणा में लोकसभा की सभी 10 सीटें जीतीं. लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला और भाजपा 40 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. बीजेपी ने जेजेपी और निर्दलियों के सहयोग से सरकार बनाई और मनोहर लाल खट्टर दूसरी बार मुख्यमंत्री बने. यानी हरियाणा ने एक बार फिर उस पार्टी को ही सरकार चलाने का हक दिया, जिसकी केंद्र में सरकार थी.
Tags: Bhupendra Singh Hooda, Haryana election 2024, Haryana news

FIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 19:05 IST
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