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देश की सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी हरियाणा में कमजोर पड़े संगठन को धार देने की कोशिश में है। इसलिए हर महीने जिलाध्यक्षों का रिव्यू किया जाएगा। जिसमें जिलाध्यक्षों को बताना पड़ेगा कि महीने भर में क्या किया और अगले महीने क्या करेंगे। पहली रिव्यू मीटिंग
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रिव्यू मीटिंग में कांग्रेस के हरियाणा मामलों के प्रभारी बीके हरिप्रसाद, सह प्रभारी जितेंद्र बघेल, प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह और विपक्ष के नेता एवं पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा समीक्षा करेंगे। कांग्रेस पार्टी इन फायदों को ध्यान में रखकर आगे बढ़ रही है कि इससे पार्टी में एकजुटता आएगी, कमजोर नेता सुधरेंगे या पार्टी से हट जाएंगे, जनता तक ज्यादा काम पहुंचेगा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबला करने की ताकत बढ़ेगी।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र का कहना है कि ये रिव्यू जिलाध्यक्षों के आगे प्रमोशन का आधार तैयार करेगा। पार्टी का संदेश साफ है कि जो काम करेगा वो आगे बढ़ेगा।
हरियाणा में कामयाब हुआ तो बाकी जिलों में लागू होगा कांग्रेस का यह कॉर्पोरेट कल्चर हरियाणा में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर है। यहां कामयाब हुआ तो गुजरात, राजस्थान व मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों में भी लागू होगा। असल में कार्पोरेट कंपनियों में भी हर महीने कंपनी की बोर्ड मीटिंग होती हैं। जिसमें समीक्षा होती है। इसमें अगले महीने का टारगेट या प्लान शामिल रहता है।

ये राहुल गांधी का आइडिया पार्टी की एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि हरियाणा में 13 साल बाद पार्टी का संगठन बना है। इससे पहले 3 प्रदेश अध्यक्ष लिस्ट बना चुके थे लेकिन कभी संगठन बन ही नहीं पाया। बाद में राहुल गांधी ने खुद हस्तक्षेप किया और संगठन बनाने की प्रक्रिया की जून में कमान संभाली। जिलाध्यक्ष चयन का फॉर्मूला भी राहुल गांधी ने ही बनाया था। उसी तरह अब ये हर महीने रिव्यू मीटिंग करने का आइडिया भी उन्हीं का है।
जिलाध्यक्षों को चिट्ठी-एक महीने का काम लेकर आएं हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष राव नरेंद्र ने सभी 32 जिलाध्यक्षों को अपने-अपने किए कामों की रिपोर्ट साथ लाने को कहा। साथ ही अगले महीने क्या करने की योजना है, ये भी बतानी होगी। 3 नवंबर को चंडीगढ़ में पार्टी के प्रदेश कार्यालय में दोपहर ढाई बजे से यह बैठक होगी।

हर पदाधिकारी की जबावदेही तय होगी राव नरेंद्र ने बताया कि मासिक समीक्षा मीटिंग्स बोर्ड मीटिंग्स जैसी होंगी। जिसमें रिपोर्ट्स, KPI (की परफॉर्मेंस इंडिकेटर्स) जैसे सदस्यता अभियान, वोटर आउटरीच और एंटी-भाजपा कैंपेन पर फोकस की समीक्षा की जाएगी। ये हाईकमान के निर्देश हैं। सभी जिला अध्यक्षों को चिट्ठी भेजी गई है। यह मीटिंग पार्टी के प्रति हर कार्यकर्ता और पदाधिकारी को जवाबदेह बनाएगी।

क्यों हो रहा है ये सब? 2024 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की पूरी हवा थी, लेकिन पार्टी चुनाव हार गई। हरियाणा में 90 में से सिर्फ 37 सीटें आईं। भाजपा ने 48 सीटें जीत लीं। लोगों ने वोट तो कांग्रेस को दिए (39.9%), लेकिन सीटें कम आईं क्योंकि पार्टी बिना प्लानिंग के साथ चुनाव मैदान में उतरी और कमजोर पड़ गई।
रिव्यू मीटिंग को लेकर जारी लेटर…

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हरियाणा कांग्रेस जिलाध्यक्षों का हर महीने रिव्यू होगा: बताना होगा- क्या किया और आगे क्या करेंगे; परफॉर्मेंस ही प्रमोशन तय करेगा – gurugram News

