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हरियाणा आईपीएस वाई पूरन कुमार चंडीगढ़ सेक्टर 11 स्थित अपने निजी मकान में सुसाइड कर लिया था।
हरियाणा के सीनियर IPS अफसर वाई. पूरन कुमार की सुसाइड के मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) से कराने को लेकर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान लुधियाना निवासी याचिकाकर्ता नवनीत कुमार की ओर से बहस के लिए समय की मांग की गई।
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कोर्ट ने इसके लिए अगली डेट देने की बात कही। इसके बाद सुनवाई को स्थगित कर दिया गया। दरअसल, अभी आईपीएस सुसाइड केस की जांच चंडीगढ़ पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) कर रही है। इस मामले को मुख्य न्यायाधीश शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की पीठ सुनवाई कर रही है।
यहां पढ़िए 17 अक्टूबर को सुनवाई में हाईकोर्ट ने क्या कहा…
1. HC ने पूछा-इस मामले में ऐसा क्या खास है?
मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति संजीव बेरी की पीठ ने याचिकाकर्ता से उच्च न्यायालयों द्वारा केंद्रीय एजेंसी को जांच सौंपने के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय (SC) द्वारा बनाए गए दिशा निर्देशों को स्पष्ट करने को कहा गया था, कोर्ट ने कहा, “इस मामले में ऐसा क्या खास है? हम जांच सीबीआई को कब सौंपेंगे? सर्वोच्च न्यायालय के वे कौन से फैसले हैं? कुछ असाधारण परिस्थितियां होनी चाहिए।”
2. याचिकाकर्ता एक NGO चलाता है
अदालत लुधियाना निवासी नवनीत कुमार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने खुद को एक गैर-सरकारी संगठन, होप वेलफेयर सोसाइटी का अध्यक्ष बताया था। उन्होंने दलील दी कि उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की अखंडता की रक्षा और कानून के शासन की रक्षा के लिए याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा कि वह यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि न्याय “स्थानीय प्रभाव या संस्थागत पूर्वाग्रह से मुक्त” हो।
7 अक्टूबर को IPS अफसर वाई पूरन कुमार ने अपनी चंडीगढ़ स्थित कोठी की बेसमेंट में खुद को गोली मार ली थी। – फाइल फोटो
यहां जानिए हाईकोर्ट में लगी PIL में क्या मांग की गई…
केस की जांच CBI से कराई जाए
लुधियाना निवासी याचिकाकर्ता नवनीत कुमार ने अपने वकील वीके शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका लगाई। जिसमें मांग की कि वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में CBI से जांच कराई जाए। शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस शील नागू ने याचिकाकर्ता से पूछा कि किन परिस्थितियों में जांच को CBI को सौंपा जा सकता है। इस मामले में ऐसा क्या असाधारण है कि जांच CBI को दी जाए।
याचिकाकर्ता ने कहा-अधिकारी का सुसाइड करना संवेदनशील मामला
याचिकाकर्ता नवनीत कुमार के वकील वीके शर्मा ने दलील दी कि जांच कर रहे एक अधिकारी ने भी आत्महत्या कर ली है, जिससे मामला बेहद संवेदनशील हो गया है। जब वरिष्ठ अधिकारी आत्महत्या कर रहे हैं और कई IAS व IPS अधिकारियों पर प्रताड़ना के आरोप लगा रहे हैं, तो यह गंभीर मामला है। यह सिर्फ सुसाइड का मामला नहीं बल्कि पुलिस की कार्यशैली की भी पड़ताल होनी चाहिए।
क्या है आईपीएस सुसाइड केस
रोहतक में सुनारिया स्थित पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज (PTC) में पोस्टेड IG वाई पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया था। उन्होंने 8 पेज का सुसाइड नोट और एक पेज की वसीयत छोड़ी है। सुसाइड नोट में उन्होंने हरियाणा के DGP शत्रुजीत कपूर और रोहतक SP नरेंद्र बिजारणिया समेत 15 मौजूदा व पूर्व अधिकारियों पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं।
सुसाइड के बाद शाम को खुलासा हुआ कि एक दिन पहले रोहतक पुलिस ने पूरन कुमार के गनमैन सुशील कुमार को शराब कारोबारी से रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया था। SP नरेंद्र बिजारणिया ने बताया था कि सुशील ने पूछताछ में पूरन कुमार के कहने पर रिश्वत मांगने की बात कबूल की है। 7 अक्टूबर तक पूरन कुमार को पुलिस ने कोई नोटिस जारी नहीं किया था।
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हरियाणा आईपीएस पूरन कुमार सुसाइड केस: हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता ने बहस के लिए समय मांगा; पीआईएल में CBI से केस की जांच कराने की मांग – Haryana News
