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हिसार. हरियाणा में हांसी अब 23वां जिला बनेगा. सीएम नायब सिंह सैनी ने हांसी में विकास रैली में यह ऐलान किया. उन्होंने कहा कि एक हफ्ते में इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी हो जाएगी. गौरतलब है कि 193 साल बाद हांसी को दोबारा जिला का दर्जा मिला और सन 1832 में इसे जिले को तौर पर डिनोटिफाई कर दिया गया था.
जानकारी के अनुसार, आज से काफी समय पहले, हिसार के हांसी में कपास की फैक्ट्रियां थी. यहां का जूती की भी देश में तूती बोलती थी. हालांकि, बाद में इसे हिसार में शामिल कर दिया गया. लेकिन अब दोबारा जिला बनने से यहां पर राजनीतिक, व्यापारिक और अन्य तरह से लोगों को फायदा होगा.
इतिहास के अनुसार, अंग्रेजों ने सन 1803 में हरियाणा पर कब्जा किया और हांसी को जिला बनाया था. हांसी का इतिहास हिसार से भी पुराना है और सन 735 में हांसी अस्तित्व में आया था और उसके करीब 700 साल बाद हिसार 1354 में बना था.
नए जिले के गठन से प्रशासनिक, सामाजिक और आर्थिक लाभ
प्रशासनिक लाभः हिसार हांसी से अलग हो जाएगा. ऐसे में यहां पर अब प्रशासन अमला बैठेगा. डीसी से लेकर अन्य प्रशासनिक अधिकारी बैंठेंगे. डीसी, एसपी, कोर्ट, विभागीय दफ्तर पास होने से लोगों को हिसार की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी और पैसे और समय की बचत होगी. अहम बात है कि जिले का क्षेत्रफल छोटा होने की वजह से ज़मीनी स्तर पर सरकार की पहुंच भी जल्द पहुंचेगी.
हांसी की जनता को सीधा लाभः गौरतलब है कि लोगों को प्रमाणपत्र, शिकायत, कोर्ट-कचहरी के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी. लेकिन अब उससे भी छुटकारा मिलेगा. पब्लिक ट्रांसपोटेशन में भी इजाफा होगा.
विकास और आर्थिक लाभः अहम बात है कि जिला बनने से हांसी में आर्थिक परिवर्तन भी होगा. नए दफ्तर खुलने से स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ेगा. नए दफ्तर, भवन, अस्पताल बनाने पड़ेंगे और इससे जन सुविधाएँ तेजी से विकसित होंगीं.
हांसी, नारनौद, और बवानी खेड़ा हो सकते हैं शामिल
हांसी को जिला बनाने के लिए लंबे समय से कवाय़द चल रही थी. 2013 में हांसी को जिला बनाने की मांग के लिए आवाज बुलंद की गई. संघर्ष समिति बनी. पैदल मार्च निकाला गया. अब इसमें हांसी, नारनौद और बवानीखेड़ा के 125 गांवों को शामिल किया जा सकता है. हालांकि, आधिकारिक तौर पर नोटिफिकेशन में ही साफ होगा कि हांसी का नक्शा क्या रहेगा.
53 साल में 6 टुकड़ों में बंटा हिसार
गौरतलब है कि अभी हांसी हिसार का हिसा है और चर्चित शहर है. हालांकि, 53 साल में हिसार को छह टुकड़ों में अब तक बांटा जा चुका हैय 22 दिसंबर, 1972 को हिसार से भिवानी अलग हो गया था और भिवानी अलग जिला बना था. फिर 1 सितंबर, 1975 को हिसार को तोड़कर सिरसा बना. बाद में 15 जुलाई, 1997 को हिसार का एक भार फिर से विभाजन किया गया और फतेहाबाद जिला अस्तित्व में आया. अब हिसार से अलग करके हांसी को जिला बनाया गया है.
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