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Ambala News: हरियाणा के बराडा के सिंहपुरा की महिला का शरीर परिजनों ने मेडिकल साइंस में रिसर्च के लिए दान दे दिया. जमुना देवी की अंतिम यात्रा में बेटियों ने कंधा देकर शव को एंबुलेंस तक छोड़ा. गांव में इससे पहले, भी चार पांच लोगों का शरीर दान दिया जा चुका है. परिवार डेरा सच्चा सौदा से जुड़ा है.
अंबाला. हरियाणा के अंबाला जिले के बराड़ा क्षेत्र में एक परिवार ने देहदान कर अनूठी मिसाल पेश की है. बराडा के सिंहपुरा निवासी 73 वर्षीय जमुना देवी का निधन हो गया था, जिसके बाद उनके परिजनों उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार उनके पार्थिव शरीर को अग्नि को समर्पित न करके उसे चिकित्सा विज्ञान के शोध के लिए दान कर दिया.
दरअसल, भारतीय परंपरा के अनुसार कंधा देने का अधिकार बेटों को माना जाता है तो वही जमुना देवी की अंतिम यात्रा में यह मिथक टूटता नजर आया और उन्हें उनकी बेटी राजकौर और कमलेश ने कंधा दिया. इस दौरान जब घर की महिलाओं ने यह जिम्मेदारी निभाई, तो वहां मौजूद ग्रामीणों ने इस सामाजिक बदलाव को नमन किया.इसके बाद जमना देवी के पार्थिव शरीर को एंबुलेंस के जरिए उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित ‘नेशनल कैपिटल रीजन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस’ के लिए रवाना किया गया.
परिजनों ने लोकल-18 को बताया कि उनकी माता जमुना देवी ने अपने जीवनकाल के दौरान रक्तदान, पौधारोपण जैसे सामाजिक कार्यों में सबसे आगे रहती थी. ऐसे में अपने जीवनकाल में ही यह तय कर लिया था कि मृत्यु के बाद उनके शरीर का अंतिम संस्कार ना करके उसे मेडिकल शोध के लिए दान कर देना है, ताकि वह मानवता के काम आ सके.
उन्होंने बताया कि उनकी माता ने स्वेच्छा से ही देहदान का संकल्प पत्र भरा था ओर उनका यह अंतिम निर्णय अब मेडिकल छात्रों को मानव शरीर की जटिलताओं को समझने में मदद करेगा.
स्थानीय निवासियों ने बताया कि बराड़ा ब्लॉक में देहदान का यह पांचवां मामला है ओर कई लोगों ने जमुना देवी के तरह स्वेच्छा से देहदान का संकल्प पत्र भरा हुआ है.उन्होंने स्थानीय निवासियों ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से उठ रही यह जागरूकता चिकित्सा विज्ञान के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है, क्योंकि देश के मेडिकल कॉलेजों में शोध और पढ़ाई के लिए मानव शव की भारी कमी रहती है और ऐसे में इस देहदान के संकल्प से विज्ञान और शोध करने वाले शोधकर्ताओं को जानकारी प्राप्त हो पाएगी.
उन्होंने बताया कि मृत्यु के कुछ समय बाद अगर समय रहते कुछ ऑर्गन्स दूसरे लोगों के भी काम आ जाते हैं,जिससे उन्हें भी नया जीवन मिल जाता है. उन्होंने कहा कि जमुना देवी मृत्यु के बाद भी गांव के कई लोगों को सामाजिक कार्य करने के लिए प्रेरित करके गई है, ओर अब उनकी राह पर चलते हुए हम सभी भी खून दान, वृक्षारोपण जैसे कार्य करेंगे. गौरतलब है कि बुजुर्ग महिला का परिवार डेरा सच्चा सौदा से जुड़ा हुआ है.
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Vinod Kumar Katwal, a Season journalist with 14 years of experience across print and digital media. I have worked with some of India’s most respected news organizations, including Dainik Bhaskar, IANS, Punjab K…और पढ़ें
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