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5 दिन पहले
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तस्वीर याह्या सिनवार की है। वह 22 सालों तक इजराइल की जेल में कैद रहा।
इजराइल की वेबसाइट द यरुशलम पोस्ट ने सोमवार को दावा किया कि हमास लीडर याह्या सिनवार जिंदा है। उसने कतर के साथ सीक्रेट तरीके से संपर्क किया है। हालांकि, कतर के एक सीनियर डिप्लोमैट ने यरुशलम पोस्ट को बताया कि सिनवार से सीधे संपर्क की खबरें गलत हैं। हमास के एक सीनियर नेता खलील अल-हयाह के जरिए बातचीत हुई है।
दरअसल, इजराइल की मिलिट्री इंटेलिजेंस ने कुछ समय पहले दावा किया था कि सिनवार की मौत हो चुकी है। इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) का भी कहना था कि उन्होंने 21 सितंबर को गाजा में एक स्कूल पर हमला किया था। यहां हमास का कमांड सेंटर था। इस अटैक में 22 लोग मारे गए थे। ऐसे में आशंका थी कि सिनवार की मौत भी इसी एयरस्ट्राइक में हो गई।
इसके बाद से इजराइली सेना गाजा पर हमलों में सिनवार के मारे जाने को लेकर जांच कर रही थी। पिछले साल 7 अक्टूबर के हमलों के बाद सिनवार सिर्फ एक बार ही दिखा है। IDF के मुताबिक, वह एक सुरंग से गुजर रहा था। इस दौरान वह कई इजराइली बंधकों के साथ चल रहा था।
तस्वीर 10 अक्टूबर 2023 की है, जब सिनवार गाजा की एक सुरंग में छिपा था।
सिनवार की मौत का कोई सबूत नहीं इजराइली मीडिया हारेट्ज के मुताबिक, इजराइल ने पिछले कुछ समय में गाजा में उन सुरंगों पर हमले किए, जहां सिनवार के छिपे होने के आसार थे। हालांकि, अब तक हमलों में सिनवार की मौत से जुड़ा कोई सुराग नहीं मिला है।
यह पहली बार नहीं है, जब सिनवार अचानक से गायब हो गया है। इससे पहले भी कई बार सिनवार कुछ समय के लिए गायब रहने के बाद सीजफायर डील या किसी और मैसेज के साथ लौट आया है।
हमास की टॉप लीडरशिप में सिनवार ही बचा इजराइल पर पिछले साल 7 अक्टूबर को हुए हमले के तीन अहम किरदार थे। इनमें पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानियेह, मिलिट्री चीफ मोहम्मद दाइफ के अलावा गाजा में हमास का लीडर याह्या सिनवार शामिल था। 31 जुलाई को ईरान में हानियेह की मौत के बाद सिनवार ही संगठन का नया चीफ बना था।
वहीं, हमास के मिलिट्री चीफ मोहम्मद दाइफ की 13 जुलाई को ही एक हवाई हमले में मौत हो गई थी, जिसकी पुष्टि 1 अगस्त को हुई थी। ऐसे में अब हमास की टॉप लीडरशिप में सिर्फ सिनवार के बचे होने की खबरें थी। लिहाजा इजराइल का पूरा ध्यान इस वक्त सिनवार को ढूंढकर उसे मारने पर है।
रिफ्यूजी कैंप में जन्मा, 22 साल जेल में रहा सिनवार नए हमास चीफ का पूरा नाम याह्या इब्राहिम हसन सिनवार है। उसका जन्म गाजा पट्टी के दक्षिणी इलाके में स्थित खान यूनिस के शरणार्थी कैंप में हुआ था। याह्या के मां-बाप अश्केलॉन के थे। 1948 में इजराइल की स्थापना हुई और हजारों फिलिस्तीनियों को उनके पुश्तैनी घरों से निकाला गया। तभी याह्या के माता-पिता भी शरणार्थी बन गए थे।
दो इजरायली सैनिकों और चार फिलिस्तीनियों का अपहरण और उनकी हत्या करने के आरोप में सिनवार को 1989 में गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त याह्या की उम्र 19 साल थी। मुकदमा चला। बाद में उसे चार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गईं।
हालांकि, 2011 में इजराइली सैनिक गिलाद शालिट के बदले में 1000 से ज्यादा कैदियों की अदला-बदली के दौरान सिनवार को भी रिहा कर दिया गया था। तब तक सिनवार करीब 22 साल जेल में बिता चुका था।
सिनवार को अमेरिका ने 2015 में आतंकी घोषित किया था।
खान यूनिस का कसाई कहलाता है सिनवार सिनवार को निर्मम हत्याएं करने के लिए जाना जाता है। BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक सिनवार ने इजराइल के लिए जासूसी करने के शक में एक शख्स को उसके भाई के हाथों ही जिंदा दफन करवा दिया था।
हैरानी की बात ये है कि दफन करने का काम किसी फावड़े से नहीं बल्कि चम्मच से किया गया था। ऐसी क्रूरता की वजह से ही सिनवार को खान यूनिस का कसाई भी कहा जाता है। सिनवार के करीबी भी उससे खौफ खाते हैं। कहा जाता है कि अगर आप सिनवार की बात को टाल रहे हैं तो अपनी जिंदगी को दांव पर लगा रहे हैं।
सिनवार ने 2015 में हमास कमांडर महमूद इश्तिवी की टॉर्चर कर जान ले ली थी। इश्तिवी पर समलैंगिकता और पैसों की हेरा-फेरी का आरोप था। सिनवार लोगों को कंट्रोल करने में माहिर है। हालांकि, उसे बहुत अच्छा वक्ता नहीं माना जाता है।
2014 में उसे ‘मृत’ घोषित कर दिया था, कुछ समय बाद यह एक अफवाह साबित हुई। साल 2015 में याह्या को अमेरिका ने आतंकी घोषित किया था। सिनवार को ईरान का करीबी माना जाता है।
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इस्माइल हानियेह की मौत के बाद याह्या सिनवार को हमास का चीफ बनाया गया। इससे पहले याह्या सिनवार सिर्फ गाजा में हमास की कमान संभाल रहा था। 2017 में जब उसे गाजा का चीफ बनाया गया था, तब से वह कभी भी सामने नहीं आया है। पढ़िए पूरी खबर…
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