हड़ताल खत्म, गीला होने से नहीं बिका पीआर धान


07 कैथल। नई अनाज मंडी में हड़ताल स्थगित होने के बाद बोरियों में डाला गया धान।

07 कैथल। नई अनाज मंडी में हड़ताल स्थगित होने के बाद बोरियों में डाला गया धान।
– फोटो : Kaithal

ख़बर सुनें

कैथल। आढ़तियों की हड़ताल खत्म होने के बाद मंगलवार को अनाज मंडियों में धान खरीद का कार्य शुरू हुआ। हड़ताल समाप्त होने के बाद किसानों को 1509 धान के अच्छे भाव भी मिले। मंगलवार को यह 3710 रुपये प्रति क्विंटल बिका जबकि गीला होने के कारण पीआर धान नहीं बिका। किसानों का कहना है कि यदि हड़ताल और बारिश न होती तो किसानों को नुकसान न उठाना पड़ता। इस दौरान करीब आठ क्विंटल धान बिका। दूसरी ओर एक अक्तूबर से पीआर धान की सरकारी खरीद शुरू करने की तैयारी है।
गौरतलब है कि ई-नेम पोर्टल प्रणाली के विरोध में जिलेभर की अनाज मंडियों में पिछले हफ्ते सोमवार से हड़ताल शुरू हुई थी और इसके बाद आई बारिश ने किसानों पर आफत ला दी। राइस मिलरों ने जब खरीद शुरू की भी तो किसानों को भाव कम मिले। इस प्रकार धान सीजन के शुरुआती दौर में किसानों को तिहरी मार पड़ी। इससे किसानों में निराशा रही। नाराजगी जताने के लिए उन्होंने प्रदर्शन भी किया था। अंतत: लंबी प्रतीक्षा के बाद मंगलवार को आढ़तियों ने हड़ताल खत्म कर दी। इसके बाद धान की खरीद शुरू हो गई है।
किसान कुलबीर, सुमित और सौरभ ने बताया कि आढ़तियों की हड़ताल का उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा है। बारिश व हड़ताल के कारण इस बार सीजन में काफी नुकसान हुआ है। अब मंडी में धान लेकर आए हैं, आज अच्छे भाव धान के मिले। पिछले साल की अपेक्षा इस बार 1509 धान के अच्छे भाव मंडियों में मिल रहे हैं, पिछले साल 2800 से तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल तक धान बिका था।
दूसरी ओर पीआर धान की सरकारी खरीद अभी तक शुरू नहीं की गई है। अभी केवल निजी एजेंसियों की तरफ से खरीदा जा रहा है। जो समर्थन मूल्य से कम मिल रहा है। किसानों की मांग थी कि 25 सितंबर से शुरू की जाए, लेकिन सरकार ने एक अक्तूबर से खरीद शुरू करने की बात कही है। पीआर धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2060 रुपये प्रति क्विंटल है। इस कारण किसानों को 100 से 150 रुपये का नुकसान हो रहा है।
मार्केट कमेटी कैथल के सचिव सतवीर राविश ने बताया कि हड़ताल के बाद राइस मिलर मंडियों में पहुंच रहे हैं। अच्छे भाव किसानों को 1509 के मिल रहे हैं। पीआर धान गीला होने के कारण नहीं बिका है। एक अक्तूबर से सरकारी एजेंसियां धान की खरीद करेंगी। किसान धान को सुखाकर लेकर आएं, ताकि अच्छे भाव मिल सके। उन्होंने बताया कि नई अनाज मंडी में तीन गेट, पुरानी में एक व अतिरिक्त अनाज मंडी में दो गेट बनाए गए हैं, ताकि गेट पास को लेकर कोई परेशानी किसानों को न आए।
अनाज मंडी वाले समाचार में जिला प्रधान का पक्ष
जिला मंडी एसोसिएशन के प्रधान अश्वनी शोरेवाला ने कहा कि सरकार ने ई-नेम प्रणाली को वापस लेने का एलान किया है। जबकि दूसरी मांगे नहीं मानी है। वहीं, किसानों की परेशानी को देखते हुए आढ़तियों ने राज्य कार्यकारिणी की बैठक के बाद हड़ताल स्थगित करने का निर्णय लिया है।

कैथल। आढ़तियों की हड़ताल खत्म होने के बाद मंगलवार को अनाज मंडियों में धान खरीद का कार्य शुरू हुआ। हड़ताल समाप्त होने के बाद किसानों को 1509 धान के अच्छे भाव भी मिले। मंगलवार को यह 3710 रुपये प्रति क्विंटल बिका जबकि गीला होने के कारण पीआर धान नहीं बिका। किसानों का कहना है कि यदि हड़ताल और बारिश न होती तो किसानों को नुकसान न उठाना पड़ता। इस दौरान करीब आठ क्विंटल धान बिका। दूसरी ओर एक अक्तूबर से पीआर धान की सरकारी खरीद शुरू करने की तैयारी है।

गौरतलब है कि ई-नेम पोर्टल प्रणाली के विरोध में जिलेभर की अनाज मंडियों में पिछले हफ्ते सोमवार से हड़ताल शुरू हुई थी और इसके बाद आई बारिश ने किसानों पर आफत ला दी। राइस मिलरों ने जब खरीद शुरू की भी तो किसानों को भाव कम मिले। इस प्रकार धान सीजन के शुरुआती दौर में किसानों को तिहरी मार पड़ी। इससे किसानों में निराशा रही। नाराजगी जताने के लिए उन्होंने प्रदर्शन भी किया था। अंतत: लंबी प्रतीक्षा के बाद मंगलवार को आढ़तियों ने हड़ताल खत्म कर दी। इसके बाद धान की खरीद शुरू हो गई है।

किसान कुलबीर, सुमित और सौरभ ने बताया कि आढ़तियों की हड़ताल का उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा है। बारिश व हड़ताल के कारण इस बार सीजन में काफी नुकसान हुआ है। अब मंडी में धान लेकर आए हैं, आज अच्छे भाव धान के मिले। पिछले साल की अपेक्षा इस बार 1509 धान के अच्छे भाव मंडियों में मिल रहे हैं, पिछले साल 2800 से तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल तक धान बिका था।

दूसरी ओर पीआर धान की सरकारी खरीद अभी तक शुरू नहीं की गई है। अभी केवल निजी एजेंसियों की तरफ से खरीदा जा रहा है। जो समर्थन मूल्य से कम मिल रहा है। किसानों की मांग थी कि 25 सितंबर से शुरू की जाए, लेकिन सरकार ने एक अक्तूबर से खरीद शुरू करने की बात कही है। पीआर धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2060 रुपये प्रति क्विंटल है। इस कारण किसानों को 100 से 150 रुपये का नुकसान हो रहा है।

मार्केट कमेटी कैथल के सचिव सतवीर राविश ने बताया कि हड़ताल के बाद राइस मिलर मंडियों में पहुंच रहे हैं। अच्छे भाव किसानों को 1509 के मिल रहे हैं। पीआर धान गीला होने के कारण नहीं बिका है। एक अक्तूबर से सरकारी एजेंसियां धान की खरीद करेंगी। किसान धान को सुखाकर लेकर आएं, ताकि अच्छे भाव मिल सके। उन्होंने बताया कि नई अनाज मंडी में तीन गेट, पुरानी में एक व अतिरिक्त अनाज मंडी में दो गेट बनाए गए हैं, ताकि गेट पास को लेकर कोई परेशानी किसानों को न आए।

अनाज मंडी वाले समाचार में जिला प्रधान का पक्ष

जिला मंडी एसोसिएशन के प्रधान अश्वनी शोरेवाला ने कहा कि सरकार ने ई-नेम प्रणाली को वापस लेने का एलान किया है। जबकि दूसरी मांगे नहीं मानी है। वहीं, किसानों की परेशानी को देखते हुए आढ़तियों ने राज्य कार्यकारिणी की बैठक के बाद हड़ताल स्थगित करने का निर्णय लिया है।

.


What do you think?

कैथल राउंड टेबल-360 को मिले 13 अवार्ड

जेबीटी शिक्षक से राजद्रोह की धारा हटी