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स्विट्जरलैंड ​​​​​​​में आज से बुर्का पहनने पर रोक: कानून तोड़ने पर ₹96 हजार जुर्माना; ऐसा करने वाला 7वां यूरोपीय देश Today World News

स्विट्जरलैंड ​​​​​​​में आज से बुर्का पहनने पर रोक:  कानून तोड़ने पर ₹96 हजार जुर्माना; ऐसा करने वाला 7वां यूरोपीय देश Today World News

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बर्न4 मिनट पहले

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स्विट्जरलैंड में आज से महिलाओं के पब्लिक प्लेस पर हिजाब, बुर्का या किसी अन्य तरीके पूरी तरह मुंह ढंकने पर बैन लागू हो गया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक इस कानून का उल्लंघन करने पर 1000 स्विस फ्रैंक यानी लगभग 96 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

स्विट्जरलैंड में 2021 में हुए जनमत संग्रह में 51.21% नागरिकों ने बुर्के पर बैन लगाने के पक्ष में वोट किया था। इसके बाद बुर्के पर बैन को लेकर कानून बनाया गया था, जो आज यानी 1 जनवरी 2025 (नए साल) से शुरू हो रहा है।

स्विट्जरलैंड से पहले बेल्जियम, फ्रांस, डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड, और बुलगारिया में भी इसे लेकर कानून बनाया जा चुका है। इस कानून के बाद महिलाएं सार्वजनिक जगहों जैसे पब्लिक ऑफिस, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, रेस्ट्रां, दुकान और अन्य जगहों पर महिलाएं अपना चेहरा पूरी नहीं ढक सकेंगी।

पूजा घर और अन्य धार्मिक जगहों पर इसकी छूट रहेगी।

पूजा घर और अन्य धार्मिक जगहों पर इसकी छूट रहेगी।

2022 में बनाया गया था कानून

2022 में स्विट्जरलैंड की संसद के निचले सदन राष्ट्रीय परिषद में चेहरे ढंकने पर बैन को लेकर बनाए गए कानून पर वोटिंग की गई थी। इस दौरान 151 सदस्य ने पक्ष में और 29 सदस्यों ने विरोध में वोट दिया था। जिसके बाद इसे लेकर कानून बनाया गया था।

यह प्रस्ताव दक्षिणपंथी स्विस पीपुल्स पार्टी (SVP) ने रखा था, जबकि सेंट्रल और ग्रीन्स पार्टी इसके खिलाफ थी। कुछ लोगों का कहना है कि यह कानून मुस्लिम महिलाओं को गलत तरीके से निशाना बनाता है। इस कानून का सपोर्ट करने वालों का दावा है कि कल्चरल वैल्यू और पब्लिक प्लेस पर सुरक्षा के लिए यह एक जरूरी कदम है।

2021 तक सिर्फ 30 महिलाएं ही पहनती थीं नकाब

ल्यूसर्न यूनिवर्सिटी के 2021 के एक रिसर्च के मुताबिक स्विट्जरलैंड में न के बराबर ही कोई बुर्का पहनता है। यहां सिर्फ 30 महिलाएं ही नकाब पहनती हैं। 2021 तक स्विट्जरलैंड की 86 लाख की आबादी में लगभग 5% ही मुस्लिम थे, जिनमें से ज्यादातर तुर्किये, बोस्निया और कोसोवो से हैं।

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इससे पहले 2009 में जनमत संग्रह के जरिए ही मीनारों के निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। यह प्रस्ताव भी SVP पार्टी ने ही रखा था। इस प्रस्ताव में कहा गया था कि ये मीनारें इस्लामीकरण का संकेत हैं।

साउथ एशिया में बुर्का तो यूरोप में नकाब का है चलन

बुर्का एक तरह का घूंघट होता है, जिसे ज्यादातर अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया की मुस्लिम महिलाएं पहनती हैं। बुर्का कपड़े का एक सिंगल पीस होता है, जो पूरे शरीर को ढंकता है। इसमें चेहरे के पास आमतौर पर केवल एक पतली जाली होती है, जिससे महिला बाहर देख सकती है।

वहीं यूरोप और खाड़ी देशों में बुर्का के बजाय नकाब ज्यादा चलन में है। नकाब भी एक तरह का घूंघट होता है, जो आम तौर पर चेहरे के निचले आधे हिस्से को ही ढंकता है और इसमें आंखों के आसपास की जगह खुली रहती है।

वहीं सिर, कान और गले को ढंकने वाले स्कार्फ को हिजाब कहते हैं, इसमें चेहरा खुला रहता है। अधिकतर मुस्लिम देशों में इसका इस्तेमाल होता है।

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