भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा के साथ, बैंड की भक्तिमय धुन, ढोल-नगाड़ों व जयकारों के बीच शुक्रवार को रथ पर विराजमान होकर नगर भ्रमण के लिए निकले। कामी रोड स्थित बाबा धाम सिद्धपीठ मंदिर की ओर से भगवान जगन्नाथ महोत्सव के तहत भगवान जगन्नाथ रथयात्रा निकाली गई। यात्रा में भगवान जगन्नाथ ने शहरवासियों पर अपनी दिव्य दृष्टि से आशीर्वाद प्रदान किया।
शहरभर में धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं के सदस्यों ने श्रद्धालुओं के साथ जगह-जगह रथयात्रा का स्वागत कर भगवान जगन्नाथ का दीदार किया। रथयात्रा से पहले ओडिशा के पुरी, वृंदावन, चंडीगढ़ व दिल्ली से आए ब्राह्मणों ने पुरी की तर्ज पर वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना करवाई। मंगला आरती, तुलसी पूजन, श्रृंगार दर्शन, सूर्य पूजा, द्वारपाल पूजा, रथ संस्कार, खिचड़ी भोग जैसी रस्में निभाकर भगवान जगन्नाथ को रथ पर विराजमान किया गया। दिल्ली, कोलकाता व मुम्बई के फूलों से भगवान व उनके रथ का श्रृंगार किया गया। रथ को फूल बंगले की तर्ज पर सजाया गया। रथयात्रा में शहरवासियों के साथ ओडिशा के पुरी से आए कलाकारों व इस्कॉन प्रचार केंद्रों से साधकों ने शामिल होकर भगवान जगन्नाथ का संकीर्तन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। श्रद्धालुओं ने पुरी की तर्ज पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा के रथ को रस्सों से खींचकर उन्हें नगर भ्रमण करवाया। यात्रा में ऑपरेशन सिंदूर पर आधारित झांकी के अलावा भगवान श्री गणेश, लड्डू गोपाल, राधा-कृष्ण, हनुमान जी की आकर्षक झांकियां शामिल रही। हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली व राजस्थान के बैंड व शहनाई वादकों ने धार्मिक धुनों से स्वर्ण प्रस्थ नगरी को धर्ममय बनाया।
सोनीपत में भक्तों को आशीर्वाद देने नगर भ्रमण पर निकले भगवान जगन्नाथ, धर्ममय हुई नगरी