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मुरथल स्थित दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में प्रशासनिक तानाशाही व अनियमितताओं के खिलाफ शिक्षक संघ डिक्रूटा व कर्मचारी संघ का धरना दूसरे दिन जारी रहा। शिक्षकों व कर्मचारियों ने कुलपति व विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए व्यापक बदलाव की मांग की। साथ ही जल्द राज्यपाल से मिलकर विवि में अनियमितताओं के बारे में अवगत कराने की बात कहीं।
दोनों यूनियनों के सदस्यों ने धरने के दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यप्रणाली के खिलाफ नारेबाजी की। आरोप लगाया कि कार्यकारी परिषद (ईसी) में विश्वविद्यालय अधिनियम का उल्लंघन कर सदस्यों को मनोनीत किया गया है। कुलपति ने ईसी की बैठक की मिनट्स में भी अपनी मनमर्जी से संशोधन व छेड़छाड़ की है। यूनियनों ने बैठक की ऑनलाइन रिकॉर्डिंग व सीसीटीवी फुटेज की सुरक्षित कस्टडी की मांग करते हुए इनके खुर्द-बुर्द होने की आशंका जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रभावी क्रियान्वयन नहीं हुआ है। यह केवल कागजों में ही चल रही है, क्योंकि पुस्तकालय में दो वर्ष से नई पुस्तकें नहीं खरीदी गईं हैं। इंटरनेट सुविधा व एंटी-प्लेजरिज्म सॉफ्टवेयर उपलब्ध नहीं है। पहचान पत्रों का वितरण अधूरा है, इससे छात्रों व शोधकर्ताओं को असुविधा झेलनी पड़ रही है। कर्मचारियों की पदोन्नति कई वर्ष से लंबित हैं।
धरने के दौरान कर्मचारियों ने मांग की, कि विश्वविद्यालय अधिनियम के अनुसार ही ईसी सदस्यों की नियुक्ति की जाए। एनईपी 2020 का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए। लंबित पदोन्नतियों को शीघ्र पूरा किया जाए। पुस्तकालय में नई किताबें व शोध-संसाधनों की बहाली की जाए। सभी छात्रों को पहचान पत्र जल्द दिए जाएं। करीब डेढ़ साल से बंद पड़ी अकादमिक ब्लॉक की सभी लिफ्ट चालू की जाए। विवि की सड़कों की मरम्मत कराई जाए। पुस्तकालय का समय बढ़ाया जाए, शाम तक खुला रखा जाए। संघ अध्यक्षों पर गठित जांच समिति रद्द की जाए और निष्पक्ष प्रक्रिया अपनाई जाए।
यूनियनों ने कहा कि धरने की समय सीमा बढ़ाने पर जल्द रणनीति तैयार की जाएगी। प्रदर्शन में कुलदीप, दिनेश छिक्कारा, रोहतास गंगाना, अनिल, ऋषिकेश, जोगेंद्र, नवीन, जसपाल, जगत सिंह, सुरेंद्र पाल, मदनपाल, सुरजीत कुमार, पवन धानिया, रमेश कुमार, रामप्रसाद मौजूद रहे।
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सोनीपत के मुरथल विवि में अनियमितताओं को लेकर राज्यपाल से मिलेंगे शिक्षक व कर्मचारी